नई दिल्ली: सामाजिक न्याय मंत्रालय ने मंगलवार (4 फरवरी) को लोकसभा में बताया कि ओबीसी छात्रों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों के शोधार्थियों को जून 2024 से वजीफा नहीं मिला है.
द हिंदू की खबर के मुताबिक, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कांग्रेस के कोझिकोड से सांसद एमके राघवन के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी साझा की.
वीरेंद्र कुमार ने छात्रवृत्ति नहीं भुगतान करने के पीछे का कारण विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अक्टूबर 2023 में इस योजना के तहत जूनियर और सीनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ और एसआरएफ) के लिए फेलोशिप राशि में बढ़ोतरी को बताया. उन्होंने कहा कि मंत्रालय के पास इस वृद्धि को कवर करने के लिए बजट नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से इस योजना के लिए राशि बढ़ाने को कहा है. बजट दस्तावेजों से पता चलता है कि सरकार 2024-25 के संशोधित अनुमानों में योजना के लिए अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने में असमर्थ रही, लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष के लिए आवंटन में वृद्धि की गई है, जो योजना के फंड के तीन गुना से भी अधिक है.’
लाभार्थियों में बढ़ोत्तरी
मंत्री ने यह भी दावा किया कि लाभार्थियों की संख्या 1,338 से बढ़कर 2,271 हो गई है. हालांकि, उनका बयान इस वृद्धि की समय अवधि का उल्लेख करने में विफल रहा.
मंत्रालय के दस्तावेज़ बताते हैं कि इस योजना के 2023-24 में पहले से ही 2,000 से अधिक लाभार्थी थे.
ज्ञात हो कि यह योजना ओबीसी समुदायों के उन छात्रों के लिए है, जो विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और वैज्ञानिक संस्थानों में पांच साल की अवधि तक एमफिल या पीएचडी पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं.
तिगुना बजट
सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि जेआरएफ के लिए मासिक फेलोशिप राशि 31,000 रुपये से बढ़ाकर 37,000 रुपये कर दी गई है, जबकि एसआरएफ को हर महीने मिलने वाली राशि 35,000 रुपये से बढ़ाकर 42,000 रुपये कर दी गई है.
उन्होंने कहा कि योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या भी 1,338 से बढ़कर 2,271 हो गई है.
उन्होंने कहा, ‘फेलोशिप में बढ़ोत्तरी और लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि के कारण मंत्रालय जून 2024 तक केवल 54.50 करोड़ रुपये की फेलोशिप वितरित करने में सक्षम था.
बजट दस्तावेजों से पता चला कि 2024-25 के बजट में इस योजना के लिए 55 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, संशोधित अनुमान में कोई बदलाव नहीं हुआ. हालांकि, आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आवंटन बढ़ाकर 190.13 करोड़ रुपये कर दिया गया है.