एससी और ओबीसी शोधार्थियों के फेलोशिप अनुदान में देरी, दो से पांच महीने तक का भुगतान लंबित

अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों के सैकड़ों शोधार्थियों ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय फेलोशिप (एनएफएससी) के तहत अनुदान प्राप्त करने में देरी की शिकायत की है, जिसमें दो से पांच महीने तक का भुगतान लंबित है. इससे पहले केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि ओबीसी समुदायों के शोधार्थियों के लिए पिछले वर्ष जून से धनराशि वितरित नहीं की गई है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों के सैकड़ों शोधार्थियों ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय फेलोशिप (एनएफएससी) के तहत अनुदान प्राप्त करने में देरी की शिकायत की है, जिसमें दो से पांच महीने तक का भुगतान लंबित है.

इससे पहले केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों के शोधार्थियों के लिए पिछले वर्ष जून से धनराशि वितरित नहीं की गई है.

द हिंदू ने सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया कि सामाजिक न्याय मंत्रालय चालू वित्त वर्ष के लिए लंबित एनएफ-ओबीसी अनुदान के मुद्दे को सुलझाने के लिए व्यय विभाग (Department of Expenditure) के साथ चर्चा कर रहा है.

केंद्र सरकार के अनुसार, आवंटित 55 करोड़ रुपये में से 54.5 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके हैं.

अखबार ने एक अधिकारी के हवाले से बताया, ‘व्यय विभाग ने शामिल किए जा रहे फ़ेलो की संख्या के बारे में कुछ सवाल उठाए हैं. सामाजिक न्याय मंत्रालय इस वित्तीय वर्ष के लिए लंबित भुगतानों को निपटाने के लिए इन सवालों का समाधान कर रहा है. इसके अलावा अगले साल के आवंटन में पहले ही काफ़ी वृद्धि की जा चुकी है.’

गुरुवार (6 फरवरी) को ऑल इंडिया रिसर्च स्कॉलर्स एसोसिएशन (एआईआरएसए) ने सामाजिक न्याय सचिव अमित यादव को देरी के बारे में पत्र लिखा. एआईआरएसए के अध्यक्ष लाल चंद्र विश्वकर्मा ने कहा, ‘हम पिछले एक दशक से इस मुद्दे को उठा रहे हैं. शोधकर्ताओं के लिए हर महीने के अंत में फेलोशिप मिलना बहुत जरूरी है, ताकि वे अपने शोध के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकें.’

पंजाबी यूनिवर्सिटी की एक एनएफएससी स्कॉलर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दिसंबर और जनवरी की उनकी फेलोशिप राशि अभी भी लंबित है. उन्होंने बताया कि 130 स्कॉलरों के समूह को भी इसी तरह की देरी का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें भुगतान में एक से तीन महीने की देरी हो रही है.

अपने पत्र में एआईआरएसए ने सरकार से फेलोशिप निधि का समय पर वितरण, बजटीय आवंटन में वृद्धि और प्रभावित शोधार्थियों के लिए शिकायत निवारण तंत्र सुनिश्चित करने का आग्रह किया.