नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एक दशक के शासन के बाद पार्टी विधानसभा चुनाव में भीषण हार के बाद इंडिया गुट के नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को साथ लड़ना चाहिए था.
इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस और आप ने गठबंधन किया होता तो परिणाम बहुत अलग हो सकते थे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस और आप दोनों का एक ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है – भाजपा – लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने एकजुट होने के बजाय अलग-अलग लड़ना चुना.
राउत ने कहा, ‘अगर कांग्रेस और आप साथ होते तो नतीजे अलग हो सकते थे…आप और कांग्रेस का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भाजपा है. दोनों ने भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन वे अलग-अलग लड़े. अगर वे साथ होते तो भाजपा की हार पहले घंटे (मतगणना के) में ही तय हो जाती.‘
इस बीच, दिल्ली में 26 साल से ज़्यादा समय के बाद भाजपा की सरकार बनने की तैयारियों के बीच सीपीआई (एम) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने शनिवार को कड़ी निराशा जताई और कहा कि इंडिया ब्लॉक में मतभेदों ने भगवा पार्टी के राष्ट्रीय राजधानी में अच्छे प्रदर्शन का रास्ता तैयार किया. सीपीआई (एम) और आईयूएमएल दोनों ही इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) का हिस्सा हैं.
मार्क्सवादी पार्टी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया और उस पर दिल्ली में भाजपा की जीत में मदद करने का आरोप लगाया.
हालांकि, आईयूएमएल ने सीधे तौर पर कांग्रेस की आलोचना नहीं की, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) खिलाफ इंडिया गठबंधन के सहयोगी एकजुट होकर चुनाव लड़ते, तो वे भाजपा को सत्ता में आने से सफलतापूर्वक रोक सकते थे.
इंडिया ब्लॉक के एक अन्य नेता – सीपीआई के डी राजा ने गठबंधन के सहयोगियों के बीच ‘मतभेद‘ के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया.
उन्होंने कहा, ‘यह धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक दलों, इंडिया ब्लॉक दलों के बीच मतभेद के कारण है… विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी को आने वाले दिनों में इंडिया ब्लॉक को मजबूत करने के तरीके पर गंभीर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए.‘
वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) पर कटाक्ष किया. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘और लड़ो आपस में!!!‘
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने पहले इंडिया ब्लॉक के अस्तित्व पर ही सवाल उठाया था.
कांग्रेस ने आप के ख़िलाफ़ खोला पाला
इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा उठाये इन प्रश्नों को इस तथ्य से बल मिलता है कि भले ही दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई, पार्टी ने कहा कि चुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की पुष्टि नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल और आप पर जनमत संग्रह हैं.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जनमत संग्रह से ज्यादा कुछ नहीं है. जब 2015 और 2020 में प्रधानमंत्री की लोकप्रियता के चरम पर थी, तब भी आप ने दिल्ली में निर्णायक जीत हासिल की थी. दिल्ली के चुनाव नतीजे प्रधानमंत्री की नीतियों पर मुहर नहीं है बल्कि, यह जनादेश अरविंद केजरीवाल की छल, कपट और उपलब्धियों के अतिशयोक्तिपूर्ण दावों की राजनीति को खारिज करता है.‘
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के शासन में हुए विभिन्न घोटालों को उजागर करने में बड़ी भूमिका निभाई. दिल्ली के मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी के बारह वर्षों के कुशासन पर अपना फैसला सुनाया. कांग्रेस को इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी. हालांकि, पार्टी ने अपने वोट शेयर में वृद्धि की है. कांग्रेस का चुनाव अभियान शानदार था. पार्टी विधानसभा में भले ही जीत नहीं दर्ज कर पायी हो, लेकिन दिल्ली में उसकी मजबूत उपस्थिति बनी हुई है, जिसे लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के निरंतर प्रयासों से और मजबूत किया जाएगा. 2030 में दिल्ली में फिर से कांग्रेस सरकार बनेगी.‘
मोदी ने कहा, सुशासन की जीत
इस बीच आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी.
मुख्यमंत्री आतिशीने पार्टी की हार स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी का भाजपा के साथ लड़ाई जारी रहेगा. उन्होंने कहा, ‘कालकाजी की जनता का मुझ पर भरोसा जताने के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करती हूं. मैं अपनी टीम को बधाई देती हूं, जिसने बाहुबल, गुंडागर्दी और मारपीट के खिलाफ काम किया. हम दिल्ली की जनता के जनादेश को स्वीकार करते हैं. यह जंग का समय है और हमारी भाजपा की तानाशाही और गुंडागर्दी के ख़िलाफ़ जंग जारी रहेगी.‘
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे विकास और सुशासन की जीत बताया. उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से वे सम्मानित महसूस कर रहे हैं.
मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘जनशक्ति सर्वोपरि है! विकास की जीत हुई, सुशासन की जीत हुई. मैं भाजपा को मिले इस शानदार और ऐतिहासिक जनादेश के लिए दिल्ली के अपने प्यारे भाइयों और बहनों को नमन करता हूं. हम ये आशीर्वाद पाकर विनम्र और सम्मानित महसूस कर रहे हैं.‘
उन्होंने आगे कहा, ‘दिल्ली के चौतरफा विकास और यहां के लोगों का जीवन उत्तम बनाने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे, यह हमारी गारंटी है. इसके साथ ही हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि विकसित भारत के निर्माण में दिल्ली की अहम भूमिका हो.‘