नई दिल्ली: मणिपुर के वरिष्ठ पत्रकार लाबा याम्बेम को मंगलवार की सुबह इंफाल पश्चिम स्थित उनके घर से अगवा कर लिया गया था. उनके परिवार ने बताया कि यह अपहरण, विद्रोही समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ( यूएनएलएफ) के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी करने के कुछ ही घंटों बाद किया गया. बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने यूएनएलएफ और मणिपुर के लोगों से माफी मांगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके परिवार ने बताया कि याम्बेम को मंगलवार सुबह करीब 3:30 बजे उनके घर से उठा लिया गया, जहां वे अपनी पत्नी के साथ रहते हैं. उनकी पत्नी जयश्री याम्बेम ने एक बयान में कहा, ‘उन्हें कल रात एक समाचार चैनल द्वारा पैनल चर्चा के लिए बुलाया गया था. इसके बाद सुबह करीब 30 हथियारबंद लोग जबरन हमारे घर में घुस आए और बंदूक की नोक पर उन्हें बिस्तर से उठाकर ले गए.’
रिपोर्ट के अनुसार, 10 फरवरी शाम को नॉर्थईस्ट विंडोज टीवी चैनल में ‘नए मुख्यमंत्री या राष्ट्रपति शासन’ विषय पर हुई चर्चा में लाबा ने बीरेन सिंह के इस्तीफे का समर्थन करते हुए कहा था कि उनके समर्थन से शांति समझौता (एसओओ) करने वाले आतंकवादी बेलगाम हो गए हैं.
पैनल चर्चा में याम्बेम ने कथित तौर पर यूएनएलएफ के पामबेई गुट की आलोचना की, जिसने नवंबर 2023 में केंद्र और मणिपुर सरकार के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
ऐसा माना जाता है कि यह समूह, ऐसा करने वाला मेईतेई समुदाय का पहला उग्रवादी समूह है, जो बीरेन सिंह का करीबी है. हालांकि, समूह के कुछ सदस्यों को बाद में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिंसा में उनकी कथित मिलीभगत के लिए गिरफ़्तार किया है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अपहरण के कुछ घंटों बाद याम्बेम को करीब 11 बजे रिहा कर दिया गया.
अपनी रिहाई के बाद याम्बेम ने मीडिया से कहा, ‘भारत सरकार और यूएनएलएफ के बीच हाल ही में हुए संघर्ष विराम को ‘आत्मसमर्पण’ या ‘हाथ उठाने’ की कार्रवाई कहना मेरी ओर से एक गलती है और मैं इसके लिए यूएनएलएफ और मणिपुर के लोगों से माफ़ी मांगता हूं. यूएनएलएफ द्वारा हाल ही में अपनाया गया रास्ता हथियारों के संघर्ष को राजनीतिक संघर्ष में बदलना है.’
द स्टेट्समैन अख़बार में विशेष प्रतिनिधि के तौर पर काम करने वाले याम्बेम पहले मणिपुर मानवाधिकार आयोग के सदस्य रह चुके हैं. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के मुखर आलोचक याम्बेम ने पिछले साल गुड गवर्नेंस पार्टी का गठन किया था.
रविवार को इस्तीफा देने वाले सिंह मणिपुर के कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने हुए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, दो दिन पहले अज्ञात बंदूकधारियों ने याम्बेम के घर पर फायरिंग भी की थी और कथित तौर पर उनसे फेसबुक पर एक पोस्ट हटाने को कहा था जिसमें उन्होंने मणिपुर के कुछ हथियारबंद समूहों की आलोचना की थी. यह तीसरी बार था जब बंदूकधारियों ने उनके घर पर गोलीबारी की.
पिछले साल सितंबर में हमलावरों ने याम्बेम के आवास पर गोलीबारी की थी, जिसके बारे में उन्होंने कहा था कि यह वर्तमान राज्य सरकार के खिलाफ उनके आलोचनात्मक रुख के कारण एक राजनीतिक हमला था.
मई 2024 में भी अज्ञात बंदूकधारियों ने राज्य के हेइग्नांग इलाके में उनके घर पर हमला किया था. उस समय याम्बेम काम के सिलसिले में दिल्ली गए हुए थे. अक्टूबर में याम्बेम को गिरफ्तार कर लिया गया था, जब एक महिला ने आरोप लगाया था कि उसके एक सहयोगी ने हथियार का प्रयोग कर उसे धमकी दी थी.