नई दिल्ली: नेपाल की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने अपने भारतीय समकक्ष से ओडिशा के भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) विश्वविद्यालय में कुछ अधिकारियों के हाथों कथित तौर पर इस हिमालयी राष्ट्र के छात्रों के साथ दुर्व्यवहार जांच की मांग की है. साथ ही, आयोग ने इसी संस्थान में पढ़ने वाली नेपाल की एक बी-टेक छात्रा की मौत पर न्याय की मांग की है.
रिपोर्ट के अनुसार, एक प्रेस विज्ञप्ति में नेपाल के मानवाधिकार निकाय ने कहा कि उसने भारतीय एनएचआरसी से नेपाली छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है ताकि वे भयमुक्त वातावरण में अध्ययन कर सकें और छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले विश्वविद्यालय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
आयोग ने भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर केआईआईटी विश्वविद्यालय में पढ़ रहे नेपाली छात्रों की घटना की शीघ्र जांच का अनुरोध किया है. आयोग ने वहां पढ़ रहे छात्रों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने और निष्पक्ष जांच के लिए पदाधिकारियों को जवाबदेह बनाने का आग्रह किया है.
यह विज्ञप्ति नेपाल एनएचआरसी को की गई शिकायतों के बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि छात्रा की आत्महत्या के बाद नेपाली छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद केआईआईटी से कथित रूप से निकाले गए छात्र, इसका नतीजा भुगतने की आशंका के कारण परिसर में वापस नहीं लौट पा रहे हैं.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि आयोग ने भारत स्थित नेपाल दूतावास से भी घटना और छात्रों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी है.
उल्लेखनीय है कि 16 फरवरी, 2025 को एक नेपाली छात्रा की संदिग्ध आत्महत्या से हुई मौत के बाद से केआईआईटी कैंपस में हड़कंप मच गया. हालांकि, कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर उत्पीड़न, जिसके कारण महिला की मौत हुई, का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद संस्थान ने नेपाली छात्रों को कैंपस छोड़ने का आदेश दिया था, जिसे बाद में काठमांडू के हस्तक्षेप करने पर आदेश वापस ले लिया.