ईडी ने जेल में बंद पत्रकार महेश लांगा को गिरफ़्तार किया

ईडी ने पहले से ही गुजरात की जेल में बंद पत्रकार महेश लांगा को मनी लॉन्ड्रिंगक़ानून के तहत गिरफ्तार किया है. यह मामला कथित धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात से जुड़ा है. गुजरात पुलिस लांगा के ख़िलाफ़ पांच केस दर्ज कर चुकी हैं और अब ईडी द्वारा दो एफआईआर दर्ज की गई हैं.

पत्रकार महेश लांगा. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले से ही गुजरात की जेल में बंद पत्रकार महेश लांगा को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया है. यह मामला कथित धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात से जुड़ा है.

रिपोर्ट के अनुसार, मिर्ज़ापुर की एक पीएमएलए अदालत ने लांगा को 28 फरवरी तक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.

द हिंदू के वरिष्ठ पत्रकार लांगा को पिछले साल अक्टूबर में अहमदाबाद अपराध शाखा ने जीएसटी धोखाधड़ी के एक कथित मामले में गिरफ्तार किया था, हालांकि प्राथमिक एफआईआर में उनका नाम नहीं था. तब से लेकर अब तक गुजरात पुलिस द्वारा लांगा के खिलाफ पांच एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और अब ईडी द्वारा दो एफआईआर दर्ज की गई हैं.

इससे पहले 17 फरवरी को गुजरात हाईकोर्ट ने गोपनीय सरकारी दस्तावेज रखने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की लांगा की याचिका खारिज कर दी थी.

गौरतलब है कि वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) की शिकायत के आधार पर भी एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें उन पर जीएमबी के गोपनीय दस्तावेज रखने के आरोप लगाया गया है. इस संबंध में 22 अक्टूबर 2024 को गांधीनगर के सेक्टर-7 पुलिस थाने में दर्ज की गई थी.

इससे पहले पत्रकार संगठनों ने गुजरात पुलिस द्वारा लांगा के खिलाफ की गई कार्रवाई की निंदा की थी.

पांच पत्रकार संगठनों – दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, इंडियन विमेंस प्रेस कॉर्प्स, प्रेस एसोसिएशन और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के साथ-साथ प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया – ने उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई को चौंकाने वाला बताया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन द्वारा लांगा के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है. उन पर एक व्यापारी से 28.68 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप है.

अहमदाबाद के सैटेलाइट पुलिस स्टेशन द्वारा धोखाधड़ी के आरोपों पर लांगा के खिलाफ दर्ज की गई एक और एफआईआर के बाद दूसरा मामला दर्ज किया गया. इस एफआईआर में दावा किया गया है कि लांगा ने कथित तौर पर एक जमीन दलाल से 40 लाख रुपये की उगाही की.

ईडी ने यह भी दावा किया है कि पत्रकार ‘जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाले’ में भी शामिल है और उसने धोखाधड़ी और जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाले में शामिल वित्तीय लेनदेन की वास्तविक प्रकृति को अस्पष्ट करने की कोशिश की.

द हिंदू में वरिष्ठ सहायक संपादक महेश लांगा पिछले दो दशकों से गुजरात से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते रहे हैं.