फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने कहा कि आज के समय में राष्ट्रवाद के बिना खेल आधारित बायोपिक फिल्में बनाना असंभव है.
नई दिल्ली: फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने कहा है कि भारतीय सिनेमा के दर्शकों के दिल में एक प्रेम कहानी के ज़रिये उतरा जा सकता है.
कश्यप की अपनी जानी-पहचानी शैली में उनकी पहली प्रेम कहानी एवं आगामी फिल्म मुक्काबाज़ जाति, राजनीति और धर्म के वर्चस्व वाले एक समाज में रोमांस की कहानी बयां करती है.
कश्यप ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे पता चल गया है कि भारत में आपको जो कुछ भी कहना है, इसे एक प्रेम कहानी के ज़रिये कहें. यही चीज़ लोग समझते हैं. यह मेरी पहली प्रेम कहानी है.’
यह फिल्म विनीत कुमार सिंह और ज़ोया हुसैन अभिनीत है. इसके अलावा जिमी शेरगिल और रवि किशन महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं.
फिल्म का सेट बरेली का है. विनीत ने एक क्षत्रिय मुक्केबाज़ की भूमिका निभाई है जो एक मूक-मधिर ब्राह्मण कन्या से प्यार कर बैठते हैं. इसके चलते फिल्म में अदाकारा के करीबी रिश्तेदार जिमी शेरगिल नाराज़ हो जाते हैं और राज्य बॉक्सिंग फेडरेशन प्रमुख के तौर पर वह अभिनेता का करिअर तबाह करने के लिए अपने पद का इस्तेमाल करते हैं.
कश्यप ने मुक्काबाज़ फिल्म को अपनी पहली प्रेम प्रधान फिल्म बताया है जिसमें उत्तर प्रदेश में ताकत को दिखाने के लिए खेल पर आधारित कहानी का सहारा लिया गया है.
उत्तर प्रदेश से आने वाले अनुराग ने देव डी, गैंग्स ऑफ वासेपुर और अगली जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है.
कश्यप ने कहा कि वह इस बात को बखूबी समझते हैं कि किस तरह से जाति रोज़मर्रा के जीवन में प्रभाव रखता है. उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में लोग आपकी जाति जानने के लिए आपका नाम पूछते हैं और अगला सवाल यह होता है कि आपका गोत्र क्या है.’
उनके मुताबिक जाति भी धर्म की तरह काम करती है. उन्होंने कहा, ‘यह सुरक्षा की भावना के साथ जुड़ा होता है. इसी तरह से हम अलग-अलग बस्तियां बनाते जाते हैं. जो भारतीय विदेशों में रहते हैं, उन्होंने वहां छोटा भारत बना लिया है. पाकिस्तान के लोग छोटा पाकिस्तान और चीन के लोग चाइनाटाउन बना लेते हैं. जब आप डरा हुआ महसूस करते हो तब आप घनिष्ठ संबंध और परिवार को खोजते हो.’
उन्होंने कहा, ‘धर्म यही काम करता है. वह आपको सुरक्षा की भावना को महसूस कराता है.’
खेल आधारित बायोपिक फिल्मों पर बात करते हुए अनुराग ने कहा, ‘आज के समय में बिना राष्ट्रवाद खेल आधारित बायोपिक फिल्में बनाना असंभव है.’
उन्होंने कहा, ‘इसे राष्ट्रवाद को बेचना न कहा जाए तो और क्या कहा जाए. ये चीजें मुझे परेशान करती हैं. विरोट कोहली और अनुष्का शर्मा ने इटली में शादी की तो एक नेता उन्हें देशद्रोही कह देता है.’
अनुराग कहते हैं, ‘आज के समय में ऐसे लोग हैं जो राष्ट्रवाद को बिल्ले की तरह दिखाते फिरते हैं. उन्होंने अपनी ज़िंदगी में कुछ नहीं किया और ख़बरों में रहने के लिए ऐसा करते हैं.’
फिल्म मुक्काबाज़ 12 जनवरी को रिलीज़ होने वाली है. फिल्म में विनीत कुमार सिंह पहली बार मुख्य भूमिका में नज़र आएंगे. फिल्म के हीरो के अलावा वह इसके सह-लेखक भी है.
विनीत इससे पहले गैंग्स आॅफ वासेपुर, बॉम्बे टाकीज़, अगली और बॉलीवुड डायरीज़ जैसी फिल्मों में नज़र आ चुके हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)