नॉर्थ ईस्ट डायरी: संघ का मिशन पूर्वोत्तर शुरू, गुवाहाटी में होगा हिंदू समावेश सम्मेलन

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, नगालैंड, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय के प्रमुख समाचार.

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मोहन भागवत. (फोटोः पीटीआई)

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, नगालैंड, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय के प्रमुख समाचार.

Mohan Bhagwat Tripura PTI
दिसंबर में त्रिपुरा में हुई एक रैली में सरसंघचालक मोहन भागवत (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर भारत में अपनी पैठ मजबूत बनाने की पहल के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 21 जनवरी 2018 को गुवाहाटी में वृहद हिंदू समावेश सम्मेलन का आयोजन कर रहा है जिसमें 35 हजार गणवेशधारी स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे.

इस समारोह को सरसंघचालक मोहन भागवत संबोधित करेंगे. आरएसएस के असम क्षेत्र के प्रचार प्रमुख शंकर दास ने फोन पर हुई बातचीत में समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में आरएसएस का यह अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन है. इसमें मेघालय, असम और नगालैंड के 4,000 गांवों से स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे. इस सम्मेलन का नाम लूइट पोरिया हिंदू समावेश रखा गया है.

उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में 35 हजार गणवेशधारी स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे. इसके अलावा सम्मेलन में 35 से 40 हजार दर्शक भी मौजूद रहेंगे.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वृहद सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय में कर रहा है जब इस साल त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिज़ोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

यह पूछे जाने पर कि इस सम्मेलन का क्या चुनाव से कोई संबंध है, शंकर दास ने कहा, ‘चुनाव तो होते रहते हैं. हम इस सम्मेलन की तैयारी दो वर्ष से कर रहे थे और यह संघ के कार्य विस्तार कार्यक्रम का हिस्सा है. हम इस इलाके में स्वयंसेवकों को एक मंच पर लाना चाहते थे और यह कार्यक्रम इसी का हिस्सा है.’

उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में 20 जनजातीय राजा हिस्सा लेंगे. इसमें खासी, जयंतिया, हरक्का, बोडो, कार्वी, मिसिंग, गारो, राभा आदिवासी समुदाय शामिल हैं. इनमें से कुछ समुदायों के राजा और कुछ के प्रमुख हिस्सा लेंगे.

संघ के असम क्षेत्र के प्रचार प्रमुख ने बताया कि इसके अलावा इस समारोह में हिस्सा लेने के लिये 2,000 विशिष्ट लोगों को भी आमंत्रित किया गया है. इसमें विरोधी और समर्थक सभी को बुलाया गया है.

22 जनवरी को समारोह में सत्राधिकारियों (प्रमुखों) की बैठक होगी जिसमें धार्मिक एवं आदिवासी नेता शामिल होंगे.

उल्लेखनीय है कि आरएसएस पिछले कुछ वर्षों से पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा है. इस सम्मेलन को इसी दिशा में एक पहल माना जा रहा है.

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में चुनाव पर वार्ता के लिए भाजपा, आरएसएस के नेताओं की बैठक

नई दिल्ली:  भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ नेताओं ने आज 14 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर बैठक की और पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा की.

सिंह के अलावा आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी कृष्ण गोपाल और भाजपा के महासचिव तथा पूर्वोत्तर में अपनी पार्टी के मामलों को देखने वाले राम माधव समेत अन्य नेता बैठक के दौरान मौजूद थे. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी बैठक में उपस्थित थे.

बैठक में हुए विचार-विमर्श के विवरण स्पष्ट नहीं है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि मुख्य रूप से क्षेत्र में राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुयी.

त्रिपुरा में भाजपा के राज्य की जनजाति आबादी के एक धड़े का प्रतिनिधित्व करने वाले इंडीजिनिस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठजोड़ करने की संभावना है.

केंद्रीय गृह मंत्री ने हाल में राज्य की मूल आबादी के सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक हितों की रक्षा और उसे बढ़ावा देने संबंधी उनकी मांगों पर गौर करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन का आश्वासन दिया था.

ईसाई बहुल राज्यों- मेघालय और नगालैंड में भाजपा अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है. खासकर, मेघालय में जहां कांग्रेस सत्ता में है. नगालैंड में सत्त्ता पर काबिज पार्टी नगा पीपुल्स फ्रंट भाजपा की सहयोगी है .

आप की नज़र भी पूर्वोत्तर राज्यों पर

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने की कवायद तेज करते हुये इस साल आठ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर नजरें टिका दी हैं.

इस कड़ी में आप की जोर-आजमाइश विधानसभा चुनाव वाले पूर्वोत्तर के तीन राज्यों नगालैंड, मेघालय और त्रिपुरा पर रहेगी.

आप की पूर्वोत्तर इकाई के संयोजक हाबंग पायेंग ने बताया कि पार्टी नगालैंड और मेघालय में सभी सीटों पर और त्रिपुरा की चुनिंदा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. इसके बाद साल के अंत में मिज़ोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने की भी आप की योजना है.

उल्लेखनीय है कि आप नेतृत्व का मकसद पार्टी को उसकी स्थापना के महज पांच साल के भीतर राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का दर्जा हासिल कराना है.

पार्टी ने दिल्ली में सत्तारूढ़ होने और पंजाब में मुख्य विपक्षी दल बनने के अलावा दिल्ली के स्थानीय निकायों में दूसरे नंबर की पार्टी बनने की उपलब्धि हासिल करने के बाद आप को इस साल आठ राज्यों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय पार्टी का तमगा दिलाने का लक्ष्य तय किया है.

हालांकि दिल्ली और पंजाब के अलावा आप ने गुजरात और गोवा विधानसभा चुनाव में भी जोर-शोर से शिरकत की थी, लेकिन उसे निराशाजनक परिणाम हासिल हुआ.

इस साल आप ने कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये भी कमर कस ली है. वहीं आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 12 जनवरी को महाराष्ट्र में जनसभा को संबोधित कर अगले साल अक्तूबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने का संदेश दिया है.

पूर्वोत्तर में आप की चुनावी रणनीति के सवाल पर पायेंग ने कहा कि आगामी फरवरी-मार्च में मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड में 60 सीटों वाली विधानसभा के लिये चुनाव प्रस्तावित हैं.

पार्टी नेता संजय सिंह ने हाल ही में तीनों राज्यों का दौरा कर नगालैंड और मेघालय की सभी सीटों तथा त्रिपुरा की चुनिंदा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया गया.

त्रिपुरा: आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन पर फैसला आलाकमान करेगा- भाजपा अध्यक्ष

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फोटो: पीटीआई

नई दिल्ली: त्रिपुरा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विप्लव देव ने बुधवार 10 जनवरी को कहा कि राज्य की आदिवासी पार्टी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन के बारे में फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी आदिवासियों के लिए पृथक राज्य की आईपीएफटी की मांग का समर्थन नहीं करती और बातचीत आदिवासी लोगों की सामाजिक-आर्थिक हालात सुधारने पर केंद्रित रही है.

देव ने कहा, ‘बातचीत सकारात्मक रही है. किसी भी गठबंधन के बारे में केंद्रीय नेतृत्व द्वारा फैसला किया जाएगा.’

भाजपा सूत्रों ने कहा कि आदिवासी नेताओं के एक शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और गृह मंत्रालय ने राज्य में आदिवासी क्षेत्र के लिए पैकेज को लेकर  समिति का गठन किया है.

नगालैंड: विधानसभा चुनाव में उतरेगी जदयू

कोहिमा: जनता दल (यू) ने कहा है कि इस साल वो प्रस्तावित नगालैंड विधानसभा चुनाव लड़ेगी लेकिन उसने यह नहीं बताया कि वह कितनी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नगालैंड में प्रचार के लिए उत्सुक हैं.

उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि जदयू कितनी सीटों पर लड़ेगी क्योंकि चुनाव आयोग ने अब तक चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है.

वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 13 मार्च को समाप्त होगा.

त्यागी ने कहा कि जदयू नगालैंड की बैठक में यहां यह फैसला किया गया कि पार्टी जदयू नगालैंड के संयोजक एवं नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष एनएसएन लोथा के नेतृत्व में इस राज्य में चुनाव लड़ेगी.

त्यागी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव में जदयू का नारा नगा जनता का विकास होगा.

मिज़ोरम: मुख्यमंत्री ने म्यामांर के शरणार्थियों के लिए मांगी केंद्र से मदद

आइज़ोल: मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लाल थनहावला ने शनिवार 13 जनवरी कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में शरण लेने वाले म्यामांर के 1,440 नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की मदद मांगी है.

म्यामांर के ये नागरिक पिछले साल वहां की सेना और अराकान आर्मी के चरमपंथियों के बीच संघर्ष के बाद भागकर मिज़ोरम में दाखिल हुए थे.

थनहावला ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह शरणार्थियों को मदद प्रदान करे. ये लोग बीते 25 नवंबर से तीन राहत शिविरों में रह रहे हैं.

अधिकारियों ने कहा कि म्यामांर की सेना की ओर से शांति घोषित किए जाने के बावजूद ये शरणार्थी वापस जाने के लिए तैयार नहीं है.

अरुणाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री खांडू ने केंद्र से की राज्य की रेल संपर्क सेवा को प्राथमिकता देने की अपील

अरुणाचल प्रदेश के सीएम व भाजपा नेता पेमा खांडू. फाइल फोटो, पीटीआई.
पेमा खांडू (फाइल फोटो: पीटीआई)

इटानगर: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली एवं रेलवे मंत्री पीयूष गोयल से इस साल के केंद्रीय बजट में राज्य के लिये रेल संपर्क को प्राथमिकता देने का आग्रह किया.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक खांडू ने दोनों केंद्रीय मंत्रियों को अलग-अलग लिखे पत्र में सीमावर्ती राज्य के लिये रेल तथा सड़क संपर्क को विशेष प्रोत्साहन देने पर केंद्र का आभार व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाहरलगुन रेलवे स्टेशन में इस समय राजधानी एक्सप्रेस समेत नई ट्रेन सेवायें संचालित करने के लिये सभी आवश्यक सुविधायें मौजूद हैं.

उन्होंने आग्रह किया कि राज्य के विभिन्न स्थानों से यात्रियों की बढ़ती संख्या एवं उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये नाहरलगुन से नई दिल्ली और नई दिल्ली से नागरलगुन तक के लिये राजधानी एक्सप्रेस सेवा शुरू की जाए.

त्रिपुरा: विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस से भाजपा में जाने वाले विधायक को अयोग्य घोषित किया

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5 बार कांग्रेस से विधायक रहे रतन लाल नाथ बीते दिसंबर में भाजपा में शामिल हुए थे (फोटो: twitter/@BJP4Tripura )

अगरतला: त्रिपुरा के विधानसभा अध्यक्ष रामेन्द्र चंद्र देबनाथ ने हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में जाने वाले विधायक रतन लाल नाथ को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है.

मोहनपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीतने वाले नाथ इस साल के मध्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पिछले साल 22 दिसंबर को भाजपा में शामिल हो गये थे.

विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार 13 जनवरी को यहां संवाददाताओं को बताया कि त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) अध्यक्ष बीरजीत सिन्हा द्वारा दर्ज करायी गयी एक शिकायत के आधार पर दल-बदल कानून के तहत नाथ को विधानसभा से अयोग्य घोषित किया गया है.

टीपीसीसी प्रमुख की शिकायत के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने एक जनवरी को सिन्हा और नाथ को नोटिस जारी किया और शिकायत पर सुनवाई के लिए आठ जनवरी को उनके चेंबर में उपस्थित होने को कहा.

इसके बाद नाथ ने अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा कि वह बीमार हैं और इस सुनवाई में वह उपस्थित नहीं हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि टीपीसीसी अध्यक्ष ने उन्हें कांग्रेस से निलंबित कर दिया है और ऐसे में उन पर दल-बदल कानून लागू नहीं होता है.

60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 14 मार्च को पूरा हो रहा है.

2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 10 विधायक चुने गये थे. इनमें से छह कांग्रेसी विधायक तृणमूल कांग्रेस में चले गये और इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गये.

मणिपुर: एनआईए ने  में सेना के काफिले पर हमले के आरोपी को गिरफ्तार किया

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)  ने 2015 में मणिपुर में सेना के काफिले पर घात लगाकर किये गए हमला मामले में एक उग्रवादी संगठन के कथित सदस्य को शुक्रवार 12 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया.

मालूम हो कि इस हमले में 18 कर्मियों की मौत हो गयी थी.

एक अधिकारी ने बताया कि एनआईए और मणिपुर पुलिस के संयुक्त अभियान में एजेंसी ने प्रतिबंधित कांगलेई यावूल कन्ना लूप (केवाईकेएल) के सदस्य नओरेम के पास से एक पिस्तौल और पांच कारतूस बरामद किये .

एजेंसी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक वह चार जून 2015 को मणिपुर के चांदेल जिले में सैन्यकर्मियों पर घात लगाकर किये गए हमले संबंधी एक मामले में संलिप्त पाया गया था.

बयान में कहा गया कि छठी डोगरा बटालियन के सैन्यकर्मियों पर हमले में उसकी भागीदारी थी और वह तब से फरार था.

बयान के मुताबिक, ‘जांच के दौरान एनआईए ने गिरफ्तारी के लिए उसके बारे में सुराग देने पर दो लाख रूपये के इनाम की घोषणा की थी. एनआईए की विशेष अदालत इंफाल ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था. अदालत ने उसे भगोड़ा अपराधी करार दिया था.’

मिज़ोरम:  साल 2017 में मादक पदार्थ लेने से हुई 65 लोगों की मौत

A syringe sucks up a mixture of heroin and water prepared on a foil wrap as addicts shoot up in Stone Town Zanzibar, December 22, 2009. An estimated 4,000-6,000 narcotics addicts use syringes to inject themselves in Zanzibar, a tropical archipelago of one million people, better known for tourism and beach holidays than drug abuse. High rates of HIV among addicts threaten to affect the general population as growth in heroin trafficking through east Africa is making the narcotic more available. Picture taken December 22, 2009. REUTERS/Katrina Manson (TANZANIA - Tags: CRIME LAW HEALTH SOCIETY) - RTR28FHC
प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स

आइज़ोल: मिज़ोरम एक्साइज और नार्कोटिक्स विभाग के रिकॉर्डों के अनुसार, राज्य में पिछले साल 12 महिलाओं समेत कम से कम 65 लोगों की मादक पदार्थ लेने से मौत हो गई.

रिकॉर्डों के अनुसार, पिछले साल मादक पदार्थ के कारण हुई 65 लोगों की मौतों में से 28 लोगों की मौत अधिक मात्रा में हेरोइन लेने से हुई जबकि अन्यों की दूसरे मादक पदार्थ लेने से मौत हुई.

एक्साइज और नार्कोटिक्स विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 2017 में छापों के दौरान करीब 6.035 किलोग्राम हेरोइन, 13,400 मेथाफिटेमाइन गोलियां तथा 1,59,471 स्युडो-एफेड्राइन गोलियां जब्त की गई.

विभाग ने 392 किलोग्राम गांजा भी बरामद किया और गांजे के 4,127 पौधे भी नष्ट किए गए.

अधिकारी ने बताया कि इस साल जनवरी के पहले सप्ताह में मादक पदार्थ लेने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. राज्य में वर्ष 2004 में मादक पदार्थ लेने से सबसे अधिक 143 लोगों की मौत हुई थी.

मेघालय: राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक

Women Voters Meghalaya PTI
प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई

शिलांग: मेघालय में मतदाता सूची में पंजीकृत मतदाताओं के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है. राज्य में 50 . 4 प्रतिशत महिला मतदाता हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एफआर खारकोंगर ने बताया कि 9 जनवरी को प्रकाशित हुई मतदाता सूची में 18,30,104 मतदाताओं के नाम हैं जिनमें से 9,23,848 महिलाएं हैं.

उन्होंने बताया कि मेघालय के विभिन्न वर्गों से मिले दावों और आपत्तियों पर विचार करने के बाद अंतिम सूची जारी की गई है. राज्य में इस वर्ष की पहली छमाही में विधानसभा चुनाव होने हैं.

सीईओ ने बताया कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल छह मार्च को खत्म हो रहा है और निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीख की घोषणा करने से पहले अंतिम तैयारियां कर रहा है.

खारकोंगर ने बताया कि मतदाता सूची में कुल 8,276 नाम हटाए गए और 6,645 आवदेन खारिज कर दिए गए.

राज्य सरकार के आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, 32 लाख की आबादी वाले मेघालय में साक्षरता की दर 74.4 प्रतिशत है.

नगालैंड: नगा आदिवासियों ने की प्रधानमंत्री से नगालैंड चुनाव स्थगित कराने की मांग

नई दिल्ली: नगा आदिवासियों के शीर्ष संगठन नागा होहो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आगामी नगालैंड विधानसभा चुनाव को स्थगित करने की मांग करते हुए कहा कि पहले उग्रवाद की समस्या हल की जानी चाहिए.

ज्ञापन में नगा होहो ने कहा कि उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम के साथ शांति समझाौते को लेकर चल रही वार्ता के परिणाम के कारण पूर्वोत्तर राज्य में एक असाधारण स्थिति उत्पन्न हो रही है.

नागा संगठन ने कहा, ‘नगा समुदाय के लोगों का सर्वसम्मति से यह मानना है कि राजनीति समाधान या नागा शांति समझाौता चुनाव से अधिक आवश्यक है. इसलिए  शांति बनाए रखने के लिए नगालैंड विधानसभा चुनाव को टाल दिया जाना चाहिए.’

नगालैंड, मेघालय और त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव मार्च में होने हैं और इस संबंध में अगले माह घोषणा होने की उम्मीद है.

कई दशकों तक उग्रवाद से प्रभावित रहे नगालैंड में केंद्र सरकार और एनएससीएन-आईएम के 2015 में एक शांति समझाौते के ढांचे पर हस्ताक्षर करने के बाद से  स्थायी शांति की उम्मीदें बढ़ी हैं.

त्रिपुरा: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में त्रिपुरा को आदर्श और विकसित राज्य बनाने को प्रतिबद्ध- अमित शाह

फोटो: twitter/@BJP4Tripura
फोटो: twitter/@BJP4Tripura

अगरतला: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने त्रिपुरा में माकपा के 25 साल के शासन में भ्रष्टाचार के कारण राज्य के पिछड़ने का आरोप लगाते हुए बीते रविवार 7 जनवरी को कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में त्रिपुरा को आदर्श और विकसित राज्य बनाना चाहते हैं.

शाह ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक त्रिपुरा में माकपा की सरकार है यहां विकास संभव नहीं है. जहां भी माकपा की सरकार होती है वहां गरीबी होती है और बेरोजगारी होती है. जहां भाजपा की सरकार होती है, वहां विकास होता है.

उन्होंने कहा कि भाजपा त्रिपुरा में एक ऐसी सरकार देना चाहती है जो त्रिपुरा की महान परंपराओं, उसकी संस्कृति, राज्य के महानायकों और जननायकों को सम्मान देने का काम करे.

उन्होंने आरोप लगाया कि त्रिपुरा की माकपा सरकार, गरीबों को गरीब बनाये रखना चाहती है ताकि वह उनका वोटबैंक की तरह इस्तेमाल कर सके.

शाह ने कहा, ‘त्रिपुरा में आगामी विधानसभा चुनाव में तीन पार्टी चुनाव लड़ने वाली हैं जिसमें कम्युनिस्ट पार्टी, कांग्रेस और भाजपा हैं. कम्युनिस्ट पार्टी पूरी दुनिया में समाप्त हो गई है और कांग्रेस पूरे देश में. ऐसे में त्रिपुरा की जनता का वोट  सबका साथ, सबका विकास  के सिद्धांत पर काम करने वाली भाजपा को जाना चाहिए.’

भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में हर साल होने वाले अपराधों में अधिकांश माताओं और बहनों के खिलाफ होते हैं. हम त्रिपुरा की माताओं और बहनों की स्थिति को बदलना चाहते हैं और इसके लिए राज्य में भाजपा की सरकार आना जरूरी है.

उन्होंने आरोप लगाया कि रोज वैली चिटफंड से लेकर ऐसे भ्रष्टाचार के अनेक मामले हैं जिसमें प्रदेश सरकार आकंठ डूबी हुई है. यदि मुख्यमंत्री चिटफंड के गुनाहगारों को पकड़ना शुरू करें तो उनका पूरा मंत्रिमंडल जेल में दिखायी देगा.

भाजपा अध्यक्ष ने प्रदेश की जनता को आश्वासन दिया कि राज्य में भाजपा सरकार के गठन के अगले दिन ही सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ प्रदान कर दिया जाएगा.

अरुणाचल प्रदेश: राज्य में मिली कीट की नई प्रजाति

The silver Y moth (Autographa gamma), pictured, is a major component of the large night-flying insect migrants studied by radar in the new study, measuring migration annually over a region in south-central England monitored with specialized radar and a balloon-supported aerial netting system, scientists said, December 22, 2016. Ian Woiwod/Handout via REUTERS
प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स

इटानगर: अरुणाचल प्रदेश के टाल्ले वन्यजीव अभयारण्य में अनुसंधान कर्मियों ने कीट की एक नई प्रजाति का पता लगाया है.

‘जाइगनिद’ कीट की खोज जर्नल ऑफ थ्रेटेंड टैक्सा में प्रकाशित हुई है जो संरक्षण एवं वर्गीकरण का एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल है. यह खोज पिछले साल 26 दिसंबर को प्रकाशित हुई थी.

यह लेख बंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के वैज्ञानिक मॉनसून ज्योति गोगोई और तितली एवं कीटों पर अध्ययन करने वाले जाने माने विशेषज्ञ जेजे योंग और राज्य शिक्षा महकमे के कर्मी पुनियो चाडा द्वारा प्रकाशित कराया गया है.

अनुसंधान कर्मियों ने बताया कि टाल्ले वन्यजीव अभयारण्य की यात्रा के दौरान उन्होंने एक टुकड़ा संग्रहित किया जिसमें विरूपित मादा एलसिस्मा था जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसी के साथ यह अरुणाचल प्रदेश से पहला एलसिस्मा है.

शोधकर्ताओं ने कहा कि इस नई प्रजाति का वैज्ञानिक नाम एलसिस्मा जिरोएनसिस रखा गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)