त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत. नगालैंड में भाजपा-एनडीपीपी गठबंधन और सत्तारूढ़ एनपीएफ में बराबर की टक्कर. मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा. 59 में से 21 सीट जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.
अगरतला/शिलांग/कोहिमा: पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे तकरीबन आ चुके हैं. त्रिपुरा में जहां भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है, वहीं नगालैंड में भाजपा-एनडीपीपी गठबंधन सत्तारूढ़ एनपीएफ को बराबर की टक्कर दे रहा है. मेघालय में कांग्रेस 21 सीटों पर आगे है लेकिन पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका है. राज्य में ग़ैर-कांग्रेसी सरकार बनने की संभावना है.
मालूम हो कि त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 6 मार्च को, मेघालय विधानसभा का 13 मार्च और नगालैंड विधानसभा का कार्यकाल 14 मार्च को पूरा हो रहा है.
त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन की जीत
त्रिपुरा में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए भाजपा ने 25 सालों से सत्ता पर काबिज माकपा को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. राज्य की 60 सीटों में से अब तक भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन 40 सीटें जीत चुका है. वहीं सत्तारूढ़ माकपा के खाते में सिर्फ 11 सीटें ही आई हैं.
भाजपा 32 सीटें जीत चुकी है और तीन पर आगे है तथा उसकी गठबंधन सहयोगी आईपीएफटी ने आठ सीटें जीती हैं. सरकार बनाने के लिए 31 सीट चाहिए. राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 59 पर 18 फरवरी को मतदान हुआ था. एक सीट पर माकपा उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विप्लव कुमार देव ने बनमालीपुर सीट पर जीत हासिल की है.
पिछले 25 साल से सत्ता पर काबिज माकपा मात्र 19 सीटें जीतती नज़र आ रही है. त्रिपुरा में कांग्रेस को एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही है.
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे ने 60 में से 50 सीटें हासिल की थीं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि राज्य के लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया है. उन्होंने इस जीत पर कहा है कि जनता ने हमारे ‘चलो पलटाई’ के नारे का साथ दिया. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि लेफ्ट भारत के किसी भी हिस्से के लिए राइट नहीं है, यह इस जीत से साबित हो चुका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य में मिले बहुमत को ऐतिहासिक जीत बताते हुए ‘शून्य से शिखर’ के इस सफर का श्रेय पार्टी के विकास एजेंडा और संगठन की ताकत को दिया है.
त्रिपुरा में जहां हर बार कांग्रेस और वाम मोर्चा आमने-सामने होता था, इस बार वाम मोर्चा और भाजपा आमने-सामने थे. चुनाव से पहले कांग्रेस के छह विधायक पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए थे.
यहां भाजपा ने क्षेत्रीय दल इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन किया है. ज्ञात हो कि यह दल काफी समय से अलग राज्य की मांग उठा रहा था, लेकिन गठबंधन के बाद ऐसी किसी मांग से इनकार किया.
नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह, अमित शाह, स्मृति ईरानी समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने राज्य में पार्टी के लिए प्रचार किया.
त्रिपुरा में माकपा की माणिक सरकार 51 सीटों के साथ 1998 से सत्ता में हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में माकपा को 49 सीटें और कांग्रेस को 10 सीटें मिली थीं.
विधानसभा का चुनाव लड़ रहे 297 उम्मीदवारों में से 22 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. संवैधानिक सुधार की दिशा में काम कर रहे एक गैर सरकारी संगठन ने यह दावा किया.
गैर सरकारी संगठन त्रिपुरा इलेक्शन वॉच के द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि 17 उम्मीदवारों के खिलाफ दंगा, हत्या, आपराधिक धमकी और बलात्कार के आरोप हैं.
इन 17 उम्मीदवारों में से नौ भाजपा, तीन कांग्रेस, दो आईपीएफटी, एक तृणमूल कांग्रेस और अन्य स्वतंत्र उम्मीदवार हैं. त्रिपुरा इलेक्शन वॉच के संयोजक बिस्वेंदु भट्टाचार्य ने बताया कि ये जानकारियां उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान दिए गए हलफनामों में मौजूद है.
वहीं, सबसे ज्यादा संपत्ति रखने वाले शीर्ष 10 उम्मीदवारों में सात भाजपा के और तीन कांग्रेस के हैं.
The victory of @BJP4Tripura is not an ordinary electoral victory. This journey from ‘Shunya’ to ‘Shikhar’ has been made possible due to a solid development agenda and the strength of our organisation. I bow to every BJP Karyakarta for working assiduously on the ground for years.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 3, 2018
वहीं त्रिपुरा में मिली हार के बाद माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि भाजपा पैसों के दम पर जीती है. उन्होंने कहा कि वे हार की समीक्षा करेंगे और भाजपा का विरोध करते रहेंगे.
नगालैंड में सत्ताधारी एनपीएफ को अब तक 24 सीटें मिली हैं, वहीं एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन को 20 सीटें मिली हैं. यह गठबंधन अन्य क्षेत्रीय दलों की मदद से सरकार बनाने का दावा पेश कर सकता है.
मेघालय में किसी भी दल को बहुमत नहीं. बहुमत के लिए 31 का आंकड़ा चाहिए. कांग्रेस को मिली 21 सीटें. एनपीपी को 19 और भाजपा को 2. एनपीपी अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
मेघालय में कांग्रेस 29 सीटों के साथ सरकार में है, जहां मुकुल संगमा मुख्यमंत्री हैं. नगालैंड में नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) 45 सीटों के साथ सत्ता में है, टीआर जेलियांग यहां मुख्यमंत्री हैं.
नगालैंड: अब तक नहीं चुनी गई है कोई महिला विधायक
नगालैंड को राज्य का दर्जा मिले 54 वर्ष होने और राज्य विधानसभा के चुनाव 12 बार संपन्न होने के बावजूद राज्य में अब तक कोई महिला विधायक नहीं चुनी गई है. इस बार 60 सदस्यीय विधानसभा में 195 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें से केवल पांच महिलायें हैं.
यहां भी 59 सीटों पर ही मतदान हुआ है. यहां एनपीएफ सत्ता में है और उसके सामने नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी)-भाजपा गठबंधन है. कांग्रेस इस राज्य में हाशिये पर है.
यहां पूर्व मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ एनपीएफ के नेता नेफियू रियो चुनाव से पहले जनवरी में औपचारिक तरीके से एनडीपीपी में शामिल हो गए. रियो तीन बार नगालैंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, फिलहाल वह राज्य से एनपीएफ के लोकसभा सदस्य थे. उत्तरी अंगामी सीट से एनडीपीपी के नेफियू रियो को निर्विरोध चुना जा चुका है.
2013 में एनपीएफ को 38 और कांग्रेस को 8 सीटें मिलीं थीं. कांग्रेस नगालैंड में पांच बार सत्ता में रह चुकी है लेकिन 2003 से विपक्ष में है. यह पहली बार है जब भाजपा यहां मुकाबले में है.
कांग्रेस ने नगालैंड विधानसभा की 60 सीटें में से 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारा है. वहीं एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन से 60 सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए हैं, जिनमें 20:40 का अनुपात रखा गया है.
मालूम हो कि नगा समूहों और सिविल सोसाइटी संगठनों द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले नगा समस्या समाधान की मांग की गई थी.
सत्तारूढ़ एनपीएफ सहित 11 दलों ने चुनाव में मुकाबला नहीं करने का फैसला किया था. लंबित नगा राजनीतिक समस्या को पहले सुलझाने के लिए आदिवासी संगठनों और नागरिक समाज समूहों की मांगों का दलों ने समर्थन किया है, लेकिन बाद में सभी दलों के उम्मीदवारों ने नामांकन दाख़िल किया.
मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा, कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी
शिलांग: मेघालय में शनिवार को आया चुनाव परिणाम त्रिशंकु विधानसभा के रूप में निकला और और 59 में से 21 सीट जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.
चुनाव परिणामों के अनुसार नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है. वहीं, 47 सीटों पर लड़ने वाली भाजपा केवल दो सीट जीत सकी.
राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 59 सीटों पर गत 27 फरवरी को मतदान हुआ था. आईईडी विस्फोट में राकांपा के एक उम्मीदवार की मौत के कारण एक सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था.
मेघालय में सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी या गठबंधन को वर्तमान में कम से कम 30 सीटों की ज़रूरत है.
कांग्रेस का किसी दल के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं था.
दस साल पुरानी मुकुल संगमा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पूरी ताकत झोंकने वाली भाजपा ने भी चुनाव पूर्व किसी दल के साथ गठबंधन नहीं किया था. हालांकि एनपीपी मणिपुर और केंद्र में भगवा दल की सहयोगी है.
एनपीपी प्रमुख कोनार्ड संगमा ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि हम सरकार बनाने में सफल होंगे. लोग भ्रष्ट कांग्रेस सरकार से हताश हैं और बदलाव की ओर देख रहे हैं.’
सभी की निगाहें अब क्षेत्रीय दलों तथा निर्दलीय उम्मीदवारों पर हैं.
युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने छह सीटों पर जीत दर्ज की है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट चार और हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी दो सीटों पर विजयी हुई है.
खुन हिनीवट्रेप नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट तथा राकांपा ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है. निर्दलीय उम्मीदवार तीन सीटों पर विजयी हुए हैं.
कांग्रेस ने राज्य में सरकार गठन की संभावना तलाशने के लिए दो वरिष्ठ नेताओं- अहमद पटेल तथा कमलनाथ को मेघालय भेजा है.
पार्टी का यह क़दम गोवा और मणिपुर में समय पर क़दम न उठाने के बाद हुई आलोचना के मद्देनज़र आया है जहां कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन सरकार बनाने में विफल रही थी.
पिछले साल हुए चुनाव में मणिपुर और गोवा में त्रिशंकु विधानसभा बनी थी, लेकिन भाजपा ने छोटे दलों और निर्दलीयों की मदद से सरकार बना ली थी.
पटेल ने कहा कि गोवा और मणिपुर की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी.
कमलनाथ ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि हम सरकार बनाएंगे. मेघालय के लोगों की इच्छा हमारी कांग्रेस सरकार में दिखेगी. हम हर किसी के संपर्क में हैं. हर कोई हमारे संपर्क में है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा गड़बड़ी करने के लिए धनबल का इस्तेमाल कर रही है.
मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने पहली बार दो सीटों से चुनाव लड़ा और वह दोनों सीटों पर जीत गए हैं. उन्होंने कहा कि परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं हैं और वह कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे.