फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान 2 अक्टूबर 1998 को हुई थी घटना. अभिनेता सैफ़ अली ख़ान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम भी आरोपी थे, जिन्हें बरी कर दिया गया.
जोधपुर: स्थानीय अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान ख़ान को दो काले हिरणों की हत्या के मामले में पांच अप्रैल को पांच साल कारावास की सज़ा सुनाई जिसके बाद उन्हें जोधपुर केंद्रीय कारागार ले जाया गया.
अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि अदालत ने इस मामले में आरोपी अन्य कलाकारों सैफ़ अली ख़ान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.
मामले में कुल सात आरोपी बनाए गए थे. दो अन्य आरोपी स्थानीय निवासी दुष्यंत सिंह और दिनेश गाबरे हैं.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सलमान ख़ान (52) को अदालत परिसर से पुलिस वाहन में जोधपुर केंद्रीय कारागार ले जाया गया. जेल सूत्रों ने बताया कि सलमान को बैरक नंबर दो में भारी सुरक्षा के बीच रखा गया है.
बहरहाल, चूंकि सलमान को तीन वर्ष से ज़्यादा की सज़ा हुई है, इसलिए उन्हें ज़मानत के लिए ऊपरी अदालत में अर्ज़ी देनी होगी.
सलमान को चौथी बार जोधपुर केंद्रीय कारागार ले जाया गया है. इससे पहले कुल 18 दिनों के लिए तीन बार वर्ष 1998, 2006 और 2007 में भी जोधपुर जेल में रह चुके हैं.
गौरतलब है कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने 2 अक्टूबर 1998 में हुई इस घटना के संबंध में बीते 28 मार्च को मुक़दमे की सुनवाई पूरी की थी. उन्होंने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अभियोजन पक्ष के वकील महिपाल बिश्नोई ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने सलमान ख़ान को पांच साल कारावास और 10,000 रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई है.
सलमान ख़ान को अदालत ने वन्यजीव (संरक्षण) कानून के प्रावधान 9/51 के तहत दोषी क़रार दिया. इस क़ानून के तहत दोषी को अधिकतम छह साल क़ैद की सज़ा हो सकती है.
दरअसल, काला हिरण एक विलुप्तप्राय जंतु है और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम- 1972 की अनुसूची एक में शामिल है.
सलमान पर आरोप था कि उन्होंने जोधपुर के निकट कांकाणी गांव के भागोडा की ढाणी में दो काले हिरणों का शिकार किया था. यह घटना फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान 2 अक्टूबर, 1998 की है.
काली शर्ट पहने सलमान गुरुवार सुबह अपने अंगरक्षक के साथ अदालत पहुंचे थे. फैसला सुनाये जाने के वक़्त अन्य आरोपी सिने कलाकार भी अदालत कक्ष में मौजूद थे. कुछ के परिजन भी साथ आए थे.
गौरतलब है कि यह घटना ‘हम साथ-साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान 2 अक्टूबर 1998 को घटित हुई. उस समय फिल्म की शूटिंग जोधपुर में चल रही थी. इस मामले में सैफ़, सोनाली, तब्बू और नीलम पर सलमान को उकसाने का आरोप लगाया गया था.
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील भवानी सिंह भाटी ने कहा कि उस रात सभी आरोपी जिप्सी कार में सवार थे. सलमान वाहन चला रहे थे. हिरणों का झुंड देखने पर उन्होंने गोली चलाकर दो हिरण मार दिए.
उन्होंने आगे कहा कि लोगों के देखने पर सभी आरोपी मृत हिरणों को मौके पर छोड़कर भाग गए थे. जिसके पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं.
बचाव में सलमान के वकील एचएम सारस्वत ने कहा कि अभियोजन पक्ष की कहानी में कई खामियां हैं और वह यह साबित करने में विफल रहा कि काले हिरण बंदूक की गोली से ही मारे गए थे. ऐसी स्थिति में जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
गौरतलब है कि ‘हिट एंड रन’ के एक मामले में उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था. लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इसके ख़िलाफ़ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर कर रखी है.
विवादों में रहने वाले सलमान पांचवीं बार जेल गए
दशकों से बॉलीवुड में बैड ब्वॉय के नाम से पहचाने जाने वाले सलमान खान काले हिरण का शिकार करने से लेकर मुंबई में फुटपाथ पर सो रहे व्यक्ति को कुचलने के मामले में पांचवीं बार जेल गए हैं.
विवादास्पद निज़ी ज़िंदगी में भाई की पहचान रखने वाले सलमान के साथ अच्छा और बुरा दोनों चरित्र जुड़ा रहा है.
वर्तमान में काले हिरणों के शिकार के अलावा चिंकारा और काले हिरणों के शिकार के दो अन्य मामले भी उन पर अलग-अलग स्थानों पर चल रहे हैं.
चौथा मामला आर्म्स एक्ट का है. इस एक मामले को छोड़कर अन्य तीनों मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया है और अपील लंबित हैं.
बांद्रा में 28 सितंबर 2002 को हिट एंड रन मामले में सलमान कुछ समय मुंबई की जेल में बिता चुके हैं. उस समय उनकी टोयोटा लैंड क्रूजर ने बांद्रा में हिल रोड के पास अमेरिकन बेकरी के पास फुटपाथ पर सो रहे कुछ लोगों को कथित तौर पर कुचल दिया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार अन्य ज़ख़्मी हो गए थे.
मामला 2002 से 2015 तक चला जब निचली अदालत ने छह मई को उन्हें दोषी पाते हुए पांच वर्ष क़ैद की सज़ा सुनाई थी. इसके बाद जुलाई में बॉम्बे उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. दस दिसंबर को अदालत ने उन्हें बरी कर दिया जिसके ख़िलाफ़ महाराष्ट्र सरकार अपील कर रही है.
एक तरफ जहां सलमान के खिलाफ अदालतों में मामले बढ़ते जा रहे थे वहीं वह विवादों में भी घिरते जा रहे थे.
वर्ष 2002 में उनकी पूर्व गर्लफ्रेंड ऐश्वर्या राय ने उन पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे और उसी वर्ष मार्च में दोनों अलग हो गए.
ऐश्वर्या ने आरोप लगाए कि अलग होने के बावजूद सलमान लगातार उन्हें फोन करते थे और शराब पीकर उनके दरवाज़े को ज़ोर-ज़ोर से पीटते थे. उन्होंने उन पर ‘शारीरिक, मौखिक और भावनात्मक’ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए.
हमेशा कठिनाइयों से घिरे रहने वाले अभिनेता की तब ज़ोरदार आलोचना हुई थी जब उन्होंने एक पाकिस्तानी चैनल को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले को इसलिए बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया कि इसमें ‘कुलीन लोगों’ को निशाना बनाया गया था.
बाद में ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘हर व्यक्ति का एक जैसा मूल्य है और आतंकवाद का कोई भी कृत्य दुनिया के किसी भी हिस्से में अक्षम्य है. चाहे यह 9/11 हो या 26/11.’
हाल में फिल्म ‘सुल्तान’ के सिक्वल में शारीरिक व्यायाम से भरे शूटिंग की तुलना उन्होंने ‘बलात्कार की शिकार महिला’ से कर डाली थी.
पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने विभिन्न चैरिटी कार्यक्रम शुरू किए और 2007 में उन्होंन बीइंग ह्यूमन का गठन किया.
दिलचस्प बात है कि कई कानूनी विवादों में घिरे होने के बावजूद उनका स्टारडम कम नहीं हुआ.
वर्ष 1988 में ‘बीवी हो तो ऐसी’ फिल्म से बॉलीवुड में क़दम रखने वाले सलमान क़रीब तीन दशकों से सिनेमा जगत से सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले फिल्मस्टारों में शामिल हैं.
पिछले आठ वर्षों में उनकी केवल दो फिल्में पीटी हैं. ‘दबंग’ और ‘टाइगर’ सहित उनकी अधिकतर फिल्मों ने 200 करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय किया है.
सलमान के कंधों पर टिका है बाज़ार का 400-600 करोड़ रुपया: व्यापार विश्लेषक
मुंबई: जोधपुर की अदालत द्वारा 1998 के काला हिरण शिकार मामले में अभिनेता सलमान ख़ान को पांच साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक, सलमान के कंधों पर फिल्म इंडस्ट्री के 400 से 600 करोड़ रुपये लगे हुए हैं और ऐसे में इस फैसले से प्रमुख फिल्म प्रोजेक्ट भी प्रभावित हो सकते हैं.
फिलहाल 52 वर्षीय अभिनेता की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘रेस-3’ की शूटिंग बीच में है लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि रेमो डिसूजा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में सलमान का काम पूरा हो चुका है या नहीं.
कारोबार विश्लेषक कोमल नाहटा ने कहा, ‘रेस-3 में जो कुछ भी बचा है उसे जल्द पूरा किया जाना होगा क्योंकि फिल्म जून में रिलीज हो रही है. इसके अलावा फिल्म किक 2, दबंग 3 और भारत अभी शुरू नहीं हुई हैं इसलिये इसमें ज़्यादा आर्थिक नुकसान नहीं हुआ. फिल्म उद्योग और व्यापार के लिए यह बड़ा नुकसान है क्योंकि वह बड़े अभिनेता हैं जो बड़ी सफलता की गारंटी देते हैं.’
नाहटा ने कहा, ‘रेस-3 पर 125-150 करोड़ रुपये दांव पर लगे हैं. दूसरी फिल्मों के लिए रुपये भले ही नहीं लेकिन समय गया है. उन्होंने कोई दूसरी फिल्म शुरू नहीं की थी, इसलिए ऐसा नहीं है कि फिल्में फंस जाएंगी.’
व्यापार विश्लेषक गिरीश वानखेड़े ने यह भी कहा कि यह इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका है क्योंकि एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर फिल्में देकर सलमान फिल्म जगत के लिए एक ब्रांड के तौर पर बेहद फायदेमंद हैं.
वानखेड़े ने बताया, ‘उनकी सभी फिल्में न्यूनतम 200 करोड़ रुपये कमाती हैं. तीन फिल्मों की पहले ही घोषणा की जा चुकी है. फिल्म रेस-3 ईद पर सबसे बड़ी रिलीज है. ऐसे में बॉक्स ऑफिस के करीब 600 करोड़ रुपये का दांव उन पर लगा है.’
व्यापार जगत से गहराई से जुड़े लोग मानते हैं कि फिल्मों के अलावा अभिनेता के विज्ञापन करार और टीवी पर उनके कार्यक्रमों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
कारोबारी विश्लेषक आमोद मेहरा ने बताया, ‘उन पर करीब 400 करोड़ रुपये दांव पर हैं जिनमें रेस-3 पर 150 करोड़ शामिल हैं. इसके अलावा फिल्म भारत, दबंग-3 आदि के लिए साइनिंग अमाउंट और फिल्मों के अधिकार तथा टीवी शो दस का दम व विज्ञापन के लिये जुड़ी रकम भी शामिल है.’
मेहरा ने कहा, ‘रेस-3 लगभग पूरी हो चुकी है, सिर्फ डबिंग बाकी है ऐसे में मुझे नहीं लगता कि इस फैसले से कोई भी फिल्म प्रभावित होगी… क्योंकि बाकी फिल्मों की सिर्फ़ घोषणा हुई है.’
काला हिरण शिकार घटनाक्रम
01-02 अक्टूबर, 1998: जोधपुर के कांकाणी गांव में दो काल हिरणों का शिकार.
02 अक्टूबर, 1998: वन विभाग ने शिकायत दर्ज करके सात को आरोपी बनाया. आरोपियों में सलमान ख़ान, सैफ़ अली ख़ान, सोनाली बेंद्रे, नीलम, तब्बू, दुष्यंत सिंह और दिनेश गावड़े). इस मामले के चश्मदीद गवाह (छुगाराम, पूनम चंद, शेराराम और मंगीलाल).
09 नवंबर, 2000: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में इस पर संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया गया.
19 फरवरी, 2006: आरोपों पर दलीलें हुईं और आरोपियों के ख़िलाफ़ आरोप तय किए गए. दोनों पक्षों ने उच्च न्यायालय में पुनरीक्षा याचिकाएं दायर की.
23 मार्च, 2013: निचली अदालत में सभी आरोपियों के ऊपर संशोधित आरोप तय.
23 मई, 2013: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मुक़दमे की शुरुआत. सुनवाई के दौरान अदालत के सामने गवाही देने वाले अभियोजन के कुल गवाह 28 थे.
27 जनवरी, 2017: अपना बयान दर्ज कराने के लिए सभी आरोपी अदालत में उपस्थित हुए.
13 सितंबर, 2017: निचली अदालत में अभियोजन के द्वारा अंतिम दलीलें शुरू हुईं.
28 अक्टूबर, 2017: बचाव पक्ष द्वारा अंतिम दलीलें शुरू हुई.
24 मार्च, 2018: निचली अदालत ने अंतिम दलीलों को पूरा किया.
28 मार्च, 2018: निचली अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा.
5 अप्रैल, 2018: फैसला सुनाया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)