‘आई नेक्स्ट’ अख़बार ने वाराणसी के फ्लाईओवर हादसे के लिए सूर्य, मंगल और शनि ग्रह के त्रिकोण को ज़िम्मेदार बताते हुए लिखा कि इन ग्रहों के कारण आगे ऐसी और भी घटनाएं होने की आशंका है.
नई दिल्ली: हादसा होता है. 20 से अधिक लोग मारे जाते हैं. आधा सैकड़ा घायल होते हैं. मंजर ऐसा कि देखकर रौंगटे खड़े हो जाएं.
हादसा होता है एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का पिलर राहगीरों के ऊपर गिर जाने से.
हां, बात उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में मंगलवार को हुए हादसे की ही हो रही है.
अब सवाल है कि अगर उस हादसे की जिम्मेदारी तय करने की बात आए तो किस पर की जाएगी? फ्लाईओवर का निर्माण करने वाले ठेकेदार पर? शासन-प्रशासन पर? या ग्रह-नक्षत्र और तारों पर?
स्वाभाविक है कि जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की ही तय होती है. ठेकेदार को ठेका देने वाला भी शासन-प्रशासन ही होता है. निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार होता है तो भी शासन-प्रशासन की अनदेखी से ही होता है.
तभी तो हादसों में होने वाली मौतों पर मुआवजा सरकार से मांगा जाता है. हादसा बड़ा हो जाए तो सरकारों से इस्तीफा मांगा जाता है. अफसर-अधिकारियों के तबादले होते हैं. जिम्मेदारी तय करने के लिए शासकीय, प्रशासकीय और न्यायिक जांच समितियां बनाई जाती हैं.
अब अगर कहें कि हादसा तो ग्रह-नक्षत्र और तारों की गलत जुगलबंदी से हुआ है और इसे ही यथार्थ मान लिया जाए तो फिर शासन-प्रशासन का तो कोई दोष ही नहीं रह जाता है क्योंकि ग्रह-नक्षत्रों पर किसका जोर है?
इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि जो होना है वो होता है, ‘होनी’ को कोई टाल नहीं सकता है. फिर चाहे इंसान कितने भी प्रयास क्यों न कर ले.
दैनिक जागरण समूह का एक अखबार ‘आई नेक्स्ट’ वाराणसी के फ्लाईओवर हादसे को इसी तरह देखता है. उसका मानना है कि जिस हादसे में आधा सैकड़ा लोग घायल हुए, 20 की मौत हुई और मृतकों की गिनती बढ़ती जा रही है, वह हादसा किसी मानवीय त्रुटि, लापरवाही या भ्रष्टाचार के चलते नहीं हुआ, उसके लिए शासन-प्रशासन भी जिम्मेदार नहीं है, उसके लिए जिम्मेदार हैं तो बस ‘तीन ग्रह’.
अखबार ने 16 मई के अंक में ‘तीन ग्रह हैं हादसे के जिम्मेदार’ शीर्षक से एक खबर चलाई है. जिसमें सूर्य, मंगल और शनि के त्रिकोण को हादसे की वजह बताया है.
इस निष्कर्ष पर अखबार ज्योतिषविदों से चर्चा करने के बाद पहुंचा है. घटना को ग्रहों का खेल बताते हुए अखबार ने लिखा है, ‘ग्रहों की स्थिति पृथ्वी पर रहने वालों को प्रभावित करती है. ये ग्रह व्यक्ति के अच्छे और बुरे वक्त के लिए जिम्मेदार होते हैं. ग्रहों की विशेष स्थिति प्राकृतिक आपदा, हादसे, आतंकवादी घटनाओं, खून-खराबे आदि का कारण बनती है. फ्लाईओवर हादसे के लिए भी ग्रहों की खास स्थिति जिम्मेदार है.’
यानी कहा जा सकता है कि योगी सरकार, वाराणसी प्रशासन और फ्लाईओवर बनाने वाले ठेकेदार तो निमित्त मात्र हैं. ‘होनी’ तो होनी थी, ग्रहों के त्रिकोण से होनी थी.
और इन ग्रहों के कारण आगे भी ऐसी ‘होनी’ होती रहेंगी, अखबार का यह भी कहना है.
इस आधार पर हम यह भी मान सकते हैं कि प्राकृतिक आपदाएं प्रकृति के साथ मानवीय खिलवाड़ के चलते नहीं आतीं. सड़क दुर्घटनाएं, आगजनी की घटनाएं या फिर अपराध सभी ग्रहों की उठापटक के कारण ही होते हैं. इसलिए फिर भारतीय अदालतों में पड़े करोड़ों विचाराधीन मामलों को रद्द करके और जेलों में बंद कैदियों को रिहा करके ग्रहों पर मुकदमा चलाए जाएं.
और हां, खबर के अनुसार आतंकवादी घटनाओं के लिए ग्रह जिम्मेदार हैं इसलिए पाकिस्तान को कुसूरवार न ठहराएं.