हम कोबरापोस्ट का ‘रिवर्स स्टिंग’ कर रहे थे: टाइम्स समूह

टाइम्स समूह ने अपने बयान में कहा है, ‘हमें पता था कि कोबरापोस्ट का रिपोर्टर संदेहास्पद है. हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी सच्चाई जानने के लिए उसे लपेटे में लिया ताकि उसके पीछे कौन है, इसका पता लगाया जा सके.’

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बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष संजीव शाह (बाएं) और टाइम्स समूह के एमडी विनीत जैन (दाएं). (स्क्रीनग्रैब: कोबरापोस्ट)

टाइम्स समूह ने अपने बयान में कहा है, ‘हमें पता था कि कोबरापोस्ट का रिपोर्टर संदेहास्पद है. हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी सच्चाई जानने के लिए उसे लपेटे में लिया ताकि उसके पीछे कौन है, इसका पता लगाया जा सके.’

बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष संजीव शाह (बाएं) और टाइम्स समूह के एमडी विनीत जैन (दाएं). (स्क्रीनग्रैब: कोबरापोस्ट)
बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष संजीव शाह (बाएं) और टाइम्स समूह के एमडी विनीत जैन (दाएं). (स्क्रीनग्रैब: कोबरापोस्ट)

नई दिल्ली: कोबरापोस्ट के हाल में किए स्टिंग ऑपरेशन पर द वायर के ईमेल का टाइम्स समूह ने जवाब दिया है. जवाब में टाइम्स समूह ने दावा किया है कि जो वीडियो कोबरापोस्ट ने वेबसाइट पर डाला है उसके साथ छेड़छाड़ की गई है और वो पूरा नहीं है.

टाइम्स समूह की ओर से कहा गया है कि सच तो यह है कि विनीत जैन को पता था कि उनका स्टिंग किया जा रहा है इसलिए वो अमुक रिपोर्टर के ख़िलाफ़ उलटा स्टिंग कर रहे थे उसे फंसाने के लिए.

कोबरापोस्ट के इस स्टिंग ऑपरेशन में टाइम्स समूह के मालिक और मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन को अंडरकवर रिपोर्टर की ओर से काला धन की पेशकश स्वीकार करते हुए दिखाया गया है.

26 मई को द वायर को भेजे ईमेल में क़ानूनी मामलों के कॉरपोरेट जनरल मैनेजर मृत्युंजय कटारिया ने लिखा है, ‘हमें पता था कि सवालों के घेरे में आया रिपोर्टर संदेहास्पद था. हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी सच्चाई जानने के लिए उसे लपेटे में लिया ताकि उसके पीछे कौन सा बिजनेस हाउस है या फिर कौन सा राजनीतिक दल है, इसका पता लगाया जा सके.’

ईमेल में आगे लिखा है, ‘वास्तव में यह स्टिंग तो उलटा था जो हमने योजनाबद्ध तरीके से किया ताकि वो कोई ग़लती करे और हम उसके पीछे कौन है, उसे बेनकाब कर पाए.’

कटारिया का कहना है कि बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (बीसीसीएल) के कार्यकारी निदेशक संजीव शाह ने 2 फरवरी 2018 को जो प्रस्ताव बनाकर अंडरकवर रिपोर्टर को भेजा था वो कोबरापोस्ट के इस रिपोर्टर को ‘फंसाने’ और उसकी ‘आपराधिक गतिविधि को बेनकाब’ करने के लिए किया था. अंडरकवर रिपोर्टर ने ख़ुद को पुणे के ‘श्रीमद भगवद गीता प्रचार समिति’ का प्रतिनिधि बताया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया, टाइम्स नाउ और इकोनॉमिक टाइम्स जैसे मीडिया प्लेटफॉर्म बीसीसीएल के अंतर्गत आते हैं.

कटारिया ने लिखा है, ‘हमारे पास इसे लेकर पर्याप्त सबूत हैं और हमने अपनी क़ानूनी टीम और जांच टीम की सलाह लेकर इसे किया है. सिर्फ कोबरापोस्ट के प्रतिनिधि को फंसाने और उसके ढोंग को बेनकाब करने के अलावा हमने कोई सौदेबाज़ी नहीं की है और न ही किसी तरह या किसी भी रूप में पैसे की लेन-देन की है. वास्तव में रिपोर्टर नकद में भुगतान लेने पर ज़ोर दे रहा था और हम लगातार उसे लपेटे में ले रहे थे जिससे कि उसके पीछे कौन लोग हैं, ये पता चल पाए. अगर उसने इस संबंध में किसी अनुबंध पर हस्ताक्षर किए होते तो हम उसकी आपराधिक गतिविधि को सामने लाने में सक्षम होते.’

चूंकि कटारिया का कहना है कि टाइम्स समूह के पास ‘अपने स्टिंग ऑपरेशन’ का वीडियो सबूत है तो द वायर ने अनुरोध किया है कि उसके रिपोर्टर को इस सबूत को देखने दिया जाए ताकि इस स्टोरी को सामने लाया जा सके.

Proposal Times Group Sent to Cobrapost by The Wire on Scribd

कोबरापोस्ट के इस स्टिंग ऑपरेशन में रिपोर्टर ने ख़ुद को टाइम्स समूह के अधिकारियों के सामने ‘आचार्य अटल’ के तौर पर पेश किया था और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे के प्रति प्रतिबद्ध है.

उसने कहा कि वो टाइम्स समूह के साथ हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ाने के एवज़ में 500 करोड़ रुपये का सौदा करना चाहता है. कोबरापोस्ट की ओर से 25 मई को रिलीज़ की गई कुछ रिकॉर्डिंग्स में विनीत जैन और संजीव शाह को नकद में मिलने वाले पैसे को कैसे लेना है, इस पर बात करते हुए देखा जा सकता है. अंडरकवर रिपोर्टर इस बात पर ज़ोर दे रहा था कि रकम नकद में ही लिया जाए.

कोबरापोस्ट के स्टिंग के इस हिस्से के बारे में कटारिया ने कहा है, ‘हम साफ तौर पर कहते हैं कि हम किसी भी हालत में नकद में कोई लेन-देन नहीं करते हैं. हमारे सभी बड़े सौदे बैंकों के माध्यम से क़ानूनी तरीके से होते हैं. इस संदर्भ में हमारे बयान को कोबरापोस्ट ने जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया है.’

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26 मई, 2018 को बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड के क़ानूनी मामलों के कॉरपोरेट जनरल मैनेजर मृत्युंजय कटारिया की ओर से द वायर को आया जवाबी ईमेल:

नीचे आए ई-मेल पर आपने मेरा उपयुक्त जवाब मांगा है.

हम उन सभी सवालों को खारिज करते हैं जो आपने कोबरापोस्ट को सही मानते हुए हमसे पूछे हैं.

हम कोबरापोस्ट की ओर से लगाए गए सभी आरोपों से इनकार करते हैं. उसने पूरे मामले को सनसनीखेज बनाने और हमारे समूह की प्रतिष्ठा को सार्वजनिक तौर पर नुकसान पहुंचाने के लिए एकतरफा पक्ष रखा है.

हमने कोबरापोस्ट को विस्तारपूर्वक अपनी सभी प्रतिक्रिया दे दी थी जो हमारे ख़िलाफ़ उनके सभी निराधार आरोपों को खारिज करता है लेकिन हमारे पक्ष को उनकी रिपोर्ट में जगह नहीं दी गई है.

हमारे ख़िलाफ़ काल्पनिक मामला बनाने की नियत से उन्होंने जानबूझकर हमारे ज़रूरी तथ्यों को नहीं छापा. इसके ख़िलाफ़ हम आगे उचित कार्रवाई करेंगे. यह पत्रकारिता की नैतिकता का भी उल्लंघन है जिसके लिए उनका बहिष्कार होना चाहिए.

कोबरापोस्ट की ओर से अपनी वेबसाइट पर डाले गए वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और वो पूरा वीडियो नहीं है. उसे हमारे बयानों के संदर्भों से काटकर पेश किया गया है.

उनके द्वारा पेश की जा रही कहानी पूरी तरह से गलत है और बनाई हुई है. हमने ज़रूरी क़ानूनी कार्रवाई के लिए अपने वकीलों के पास इस मामले को भेज दिया है.

कोबरापोस्ट ने बेईमान और दुर्भावनापूर्ण रिपोर्टिंग की है. खासकर तब जब उनके पास हमारे सभी प्रांसगिक तथ्य मौजूद थे. उन्होंने अपनी सुविधा अनुसार उन तथ्यों को दरकिनार किया है.

उदाहरण के लिए हमने उन्हें बताया था कि हमें पता था कि सवालों के घेरे में आया रिपोर्टर संदेहास्पद था. हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी सच्चाई जानने के लिए उसे लपेटे में लिया ताकि उसके पीछे कौन सा बिजनेस हाउस है या फिर कौन सा राजनीतिक दल है, इसका पता लगाया जा सके.

वास्तव में यह स्टिंग तो उलटा था जो हमने योजनाबद्ध तरीके से किया ताकि वो कोई गलती करे और हम उसके पीछे कौन उसे बेनकाब कर पाए. हमारे पास इसे लेकर पर्याप्त सबूत है और हमने अपनी क़ानूनी टीम और जांच टीम की सलाह लेकर इसे किया है.

कोबरापोस्ट के प्रतिनिधि को सिर्फ फंसाने और उसके ढोंग को बेनकाब करने के अलावा हमने कोई सौदेबाज़ी नहीं की है और न ही किसी तरह के पैसे की लेन-देन किसी भी रूप में की है.

वास्तव में रिपोर्टर नकद में भुगतान लेने पर ज़ोर दे रहा था और हम लगातार उसे लपेटे में ले रहे थे जिससे कि उसके पीछे कौन लोग हैं, ये पता चल पाए. अगर उसने इस संबंध में किसी अनुबंध पर हस्ताक्षर किए होते तो हम उसकी आपराधिक गतिविधि को सामने लाने में सक्षम होते.

यहां तक कि इस दौरान भी हमने उन्हें सिर्फ़ मार्केटिंग ऑफर दिए थे ताकि उनका सही चेहरा सामने ला सके. हम साफ तौर पर कहते हैं कि हम किसी भी हालत में नकद में कोई लेन-देन नहीं करते हैं. हमारे सभी बड़े सौदे बैंकों के माध्यम से क़ानूनी तरीके से होते हैं. इस संदर्भ में हमारे बयान को कोबरापोस्ट ने जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया है.

ऊपर वर्णित तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए हम आपको सलाह देते हैं कि आप कोबरापोस्ट जैसे अनैतिक और दुर्भावनापूर्ण मीडिया संस्थाओं जिसके रिपोर्टरों के धोखाधड़ी को लेकर आपराधिक रिकॉर्ड रहे हैं और ज़मानत पर बाहर आए हैं, पर विश्वास कर हमारे ख़िलाफ़ कोई भी अपमानजनक या फिर बदनाम करने वाली सामग्री नहीं छापे.

हम उम्मीद करते हैं कि आप हमारी नज़रिये को सकारात्मक तरीके से देखेंगे. हमारे ख़िलाफ़ किसी भी तरह के अपमानजनक कंटेंट को अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया से हटा दीजिए और हमारे ख़िलाफ़ कोई भी अपमानजनक बयान देने से बचिए.

आप हमारे इस बात से सहमत होंगे कि कोबरापोस्ट के किसी भी कंटेंट को हमारी ओर से सत्यापित किए बिना अपलोड करना अनैतिक, पत्रकारिता के कर्तव्यों के विपरीत और आपके जैसे मीडिया हाउस के लिए उपयुक्त नहीं होगा.

अगर आप कोबरापोस्ट की तरह ही बदनीयती के शिकार होकर हमें किसी भी तरह से बदनाम करते हैं तो हम अपनी साख बचाने के लिए आपकी संस्था के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होंगे.

धन्यवाद और सम्मान के साथ

बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड के लिए

मृत्युंजय कटारिया

अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता

(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)