झारखंड के गोड्डा ज़िले में मवेशी चोरी करने के आरोप में दो लोगों की हत्या. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दो लोगों को लुटेरा समझ कर लोगों ने मार डाला.
रांची/औरंगाबाद: झारखंड में मवेशी चोरी के आरोप में दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई है. यह घटना गोड्डा ज़िले के देवटांड़ थाना क्षेत्र के बनकट्टी गांव की है. वहीं महाराष्ट्र के औरंगाबाद में सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे फ़र्ज़ी मैसेज पर यकीन करके भीड़ द्वारा दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने का एक और मामला सामने आया है.
झारखंड में मारे गए दोनों लोग के नाम सिराबुद्दीन अंसारी और मुर्तजा हैं. पुलिस के मुताबिक दोनों इसी इलाके में क्रमश: तलझारी और बांझी गांव के रहने वाले थे.
इस बीच पिटाई का वीडियो सोशल साइट पर चलने की खबर है. इलाके में तनाव है और इस घटना के ख़िलाफ़ तलझारी और बांझी गांव के लोगों में गुस्सा है.
लिहाज़ा हालात पर नियंत्रण रखने के लिए उस इलाके में पुलिस बलों की तैनाती की गई है.
गोड्डा के पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन सिंह ने मीडिया से बातचीत में जानकारी दी है कि इस घटना में चार लोगों के गिरफ्तार किया गया है. जबकि दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला मुख्यालय लाया गया है.
गिरफ्तार किए गए लोगों में ढुल्लू गांव के मुंशी बेसरा भी शामिल हैं.
पुलिस के मुताबिक, तफ्तीश में यह जानकारी मिली है कि मुंशी बेसरा के मवेशी चोरी किए जाने की खबर के बाद ढुल्लू गांव के बहुत सारे आदिवासी कथित चोरों का पीछा करने लगे. बनकट्टी के पास पांच लोग पकड़े गए, जिनमें तीन लोग भागने में सफल रहे. इस दौरान 13 भैंसे भी मिल गईं.
इसके बाद ग्रामीणों की भीड़ दोनों लोगों सिराबुद्दीन अंसारी और मुर्तजा पर टूट पड़ी. वे लोग जान बख्श देने की गुहार लगाते रहे और लोग बेरहमी सेे पीटते रहे. घटनास्थल पर ही दोनों ने दम तोड़ दिया.
पिटाई के दौरान अधमरे हालत में दोनों लोगों के लाठी पर लटकाया गया और डंडे बरसाए जाते रहे.
पुलिस का दावा है कि सिराबुद्दीन पर अपराध के कई मामले पहले से दर्ज हैं. इस इलाके से कथित तौर पर मवेशी चोरी की घटनाओं के आरोप में ग्रामीणों ने दोनों लोगों को निशाना बनाया.
गौरतलब है कि साल 2016 के मार्च महीने में झारखंड के लातेहार में दो मवेशी कारोबारी मजलूम अंसारी और इम्तियाज़ अंसारी की हत्या कर शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था.
जबकि पिछले साल कथित तौर पर गोमांस ले जाने के आरोप में रामगढ़ में अलीमुद्दीन अंसारी को भीड़ ने मार डाला था. हालांकि अलीमुद्दीन अंसारी के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करते हुए 11 गोरक्षकों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई है.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भीड़ ने लुटेरा समझकर दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या की
सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे फ़र्ज़ी मैसेज पर यकीन करके भीड़ द्वारा दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने का एक और मामला सामने आया है. इस बार यह गंभीर घटना महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में हुई है.
पुलिस के मुताबिक, ज़िले के वैजापुर तालुका के चंदगांव गांव में आठ जून को लुटेरे होने के संदेह में ग्रामीणों की एक भीड़ ने दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी और सात अन्य जख्मी हो गए. घायलों में एक की हालत नाज़ुक बताई जा रही है.
पुलिस ने कहा कि कम से कम 1,500 ग्रामीणों की भीड़ ने डंडों से नौ लोगों पर हमला कर दिया. ग्रामीणों ने बीते शुक्रवार की सुबह गांव के एक खेत के पास इन लोगों को पकड़ा था.
वैजापुर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि ‘लुटेरों के गिरोह’ की मौजूदगी के कुछ फ़र्ज़ी मैसेज वॉट्सऐप पर फैलाए जा रहे थे और इन्हीं अफवाहों की वजह से यह घटना हुई.
सहायक पुलिस इंस्पेक्टर राम हरि यादव ने कहा, ‘अफवाहें फैलने के बाद ग्रामीण रात के वक्त चौकसी बरत रहे थे.’
उन्होंने कहा कि एक ग्रामीण ने जब पुलिस को सूचना दी कि उन्होंने ‘लुटेरों के एक गिरोह’ को पकड़ा है, तब पुलिस मौके पर पहुंची.
यादव ने बताया कि पुलिस के गांव पहुंचने पर उन्होंने नौ लोगों को जमीन पर पड़े देखा. उन्हें बुरी तरह पीटा गया था.
इन नौ लोगों को गांव से 70 किलोमीटर दूर औरंगाबाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाने से पहले पुलिस उन्हें वैजापुर के ग्रामीण अस्पताल ले गई थी.
यादव ने बताया कि दो घायलों ने तो नौ जून को ही दम तोड़ दिया जबकि एक अन्य व्यक्ति ज़िंदगी-मौत के बीच जूझ रहा है.
उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान भरत सोनावने और शिवाजी शिंदे के रूप में हुई है.
पुलिस ने इस मामले में हत्या और हत्या की कोशिश के आरोपों में 400 से ज़्यादा ग्रामीणों पर मामला दर्ज किया है. लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
अधिकारी ने बताया कि पुलिस हमले का शिकार हुए नौ लोगों की पृष्ठभूमि की जांच कर रही है. घटना के दिन गांव में इन लोगों की मौजूदगी के कारणों का पता लगाया जा रहा है.
औरंगाबाद (ग्रामीण) की पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने बुधवार को कहा कि गांव में लुटेरों के गिरोह की मौजूदगी के बारे में वॉट्सऐप पर फैलाए गए कुछ फ़र्ज़ी मैसेज और पोस्ट के कारण पीट-पीटकर मार दिए जाने की यह घटना हुई.
आरती ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर फ़र्ज़ी मैसेज के प्रसार पर लगाम लगाया जा सके.
पिछले महीने दो अलग-अलग घटना में तेलंगाना में कुछ ग्रामीणों ने चोर होने के संदेह में दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
वहीं, बीते शुक्रवार को असम के कार्बी आंगलांग जिले में दो लोगों को ‘बच्चा चोर’ बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था.
(झारखंड से नीरज सिन्हा और समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)