क्या दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक ने आत्महत्या की थी?

12 जुलाई की रात जब कल्पेश याग्निक की मौत हुई तो इसका कारण दिल का दौरा बताया गया, लेकिन अब पुलिस आत्महत्या के एंगल को भी टटोल रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कल्पेश याग्निक की संदिग्ध आत्महत्या मामले की उचित जांच होगी.

कल्पेश याग्निक. (फोटो साभार: फेसबुक)

12 जुलाई की रात जब कल्पेश याग्निक की मौत हुई तो इसका कारण दिल का दौरा बताया गया, लेकिन अब पुलिस आत्महत्या के एंगल को भी टटोल रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कल्पेश याग्निक की संदिग्ध आत्महत्या मामले की उचित जांच होगी.

कल्पेश याग्निक. (फोटो साभार: फेसबुक)
कल्पेश याग्निक. (फोटो साभार: फेसबुक)

इंदौर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते रविवार को कहा कि वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक की संदिग्ध आत्महत्या के मामले की उचित जांच कराई जाएगी.

मालूम हो कि दैनिक भास्कर अख़बार के 55 वर्षीय समूह संपादक कल्पेश याग्निक ने अपनी मौत से कुछ ही दिन पहले पुलिस के एक आला अधिकारी से मिलकर उन्हें बताया था कि एक महिला पत्रकार उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रही है.

स्थानीय पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से इंदौर स्थित रेसीडेंसी कोठी में मुलाकात की और याग्निक की मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की.

पत्रकारों की बात सुनने के बाद शिवराज ने याग्निक की मौत पर गहरा अफसोस जताते हुए कहा, ‘हम इस मामले की निश्चित तौर पर उचित जांच कराएंगे.’

मुख्यमंत्री ने याग्निक के घर पहुंचकर उनके शोकसंतप्त परिजनों से मुलाकात भी की और वरिष्ठ पत्रकार के निधन पर संवेदना व्यक्त की.

ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा, ‘जो भी कल्पेश याग्निक की मौत का कारण है, उसे बख्शा नहीं जाएगा, उसे कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी. साथ ही उन्होंने एडीजी को जो पत्र सौंपा है उसे अनदेखा नहीं किया जाएगा. जो कोई भी उनकी मौत के पीछे का कारण है उसे सामने लाना ज़रूरी है.

पुलिस को शुरुआती जांच के बाद संदेह है कि याग्निक ने इंदौर के एबी रोड स्थित दैनिक भास्कर की तीन मंज़िला इमारत की छत से बीते 12 जुलाई की रात छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उनके शव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनकी कई हड्डियां टूटी हुई थीं.

इस बीच, इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय कुमार शर्मा ने इस बात की पुष्टि की कि याग्निक अपने छोटे भाई के साथ करीब 10-12 दिन पहले उनसे मिलने आए थे.

उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के दौरान याग्निक ने उन्हें बताया था कि उनके अख़बार की नौकरी से निकाली गई एक महिला पत्रकार बहाली के लिए उन पर कथित रूप से दबाव बना रही है. इसके साथ ही, उन्हें कथित तौर पर धमका रही है कि अगर वह उसे दोबारा नौकरी पर नहीं रखवाएंगे तो वह उन्हें किसी झूठे मामले में फंसा देगी.

एडीजी ने महिला पत्रकार के नाम का खुलासा किए बगैर बताया, ‘याग्निक ने हमसे अनुरोध किया था कि अगर वह महिला पत्रकार पुलिस को उनके खिलाफ कोई शिकायत करती है, तो इस शिकायत पर किसी तरह का कानूनी कदम उठाए जाने से पहले एक बार उनका पक्ष भी सुना जाए.’

उन्होंने बताया कि याग्निक ने अपने इस अनुरोध को लेकर उन्हें एक औपचारिक आवेदन पत्र भी सौंपा था. लेकिन उन्होंने संबंधित महिला पत्रकार के खिलाफ किसी कानूनी कार्रवाई की मांग पुलिस से नहीं की थी.

शर्मा ने बताया कि उन्होंने याग्निक के आवेदन को शहर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्र को भेज दिया था.

उन्होंने बताया, ‘संदिग्ध हालात में याग्निक की मौत के मद्देनज़र हमने इस आवेदन को केस डायरी में शामिल कर लिया है. हम जांच कर रहे हैं कि कहीं इस पत्र की इबारत का याग्निक की मौत से कोई संबंध तो नहीं है.’

नई दुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, डीआईजी ने याग्निक के परिवार को सूचित किया है कि याग्निक के लैपटॉप, मोबाइल और आईपैड के साथ छेड़छाड़ न की जाए. मामले की जांच सीएसपी जयंत राठौर को सौंपी गई है. इस बारे में परिजनों से भी पूछताछ की जाएगी.

एडीजी ने कहा, ‘याग्निक की मौत के मामले में हम जल्दबाजी में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहते. हम सभी पहलुओं पर जांच कर रहे हैं. मामले से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ की जाएगी.’

उन्होंने याग्निक की हत्या के संदेह को ख़ारिज करते हुए कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और शुरुआती जांच के बाद पहली नज़र में यही लगता है कि उन्होंने मीडिया संस्थान की छत से कथित तौर पर छलांग लगा कर जान दे दी थी. हालांकि, पुलिस को अब तक उनकी ओर से छोड़ा गया कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.

एडीजी ने बताया, ‘हम इस पहलू पर भी जांच कर रहे हैं कि कहीं याग्निक इमारत से दुर्घटनावश तो नहीं गिर गए थे.’

मालूम हो कि बीते 12 जुलाई की रात करीब 10:15 बजे कल्पेश याग्निक दैनिक भास्कर के इंदौर स्थित ऑफिस परिसर में बेहोशी की हालत में गिरे मिले. गार्ड की सूचना पर उन्हें तुरंत बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, पर देर रात डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

उस रात ख़बर फैली थी कि उन्‍हें दिल का दौरा पड़ा है. हालांकि अगले दिन 13 जुलाई को पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह ऊंचाई से गिरने और मल्‍टीपल फ्रैक्‍चर बताई गई. इसके बाद महिला पत्रकार द्वारा उन्हें धमकी दिए जाने और आत्महत्या के एंगल से पुलिस ने मामले की जांच शुरू की.

नई दुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने मामला दर्ज कर आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है. उनके लैपटॉप, मोबाइल और आइपैड भी जांचे जा रहे हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, 12 जुलाई की रात डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र और एसपी अवधेश गोस्वामी सहित एफएसएल अधिकारी घटनास्थल पहुंचे. फॉरेंसिक टीम छत (तीसरी मंजिल) पर पहुंची तो पैराफिट वॉल पर लगे एसी के कंप्रेशर पर जूते के निशान मिले. डीआईजी के मुताबिक, याग्निक एसी के कंप्रेशर पर पैर रखकर कूदे.

पुलिस ने उनका जूता और एसी पर जमी मिट्टी की परत जब्त कर ली है. इसकी सागर स्थित फॉरेंसिक लैब से जांच कराई जा रही है.

21 जून 1963 को जन्मे कल्पेश याग्निक 1998 में दैनिक भास्कर समूह से जुड़े थे. वह समूह संपादक के पद पर कार्यरत थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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