चेन्नई में 11 साल की लड़की से सात महीने तक कथित तौर पर गैंगरेप, 18 लोग गिरफ़्तार

चेन्नई के एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स की घटना. मामले की सुनवाई के लिए ले जाते समय आरोपियों को वकीलों ने पीटा. कॉम्प्लेक्स के सिक्योरिटी गार्ड के अलावा लिफ्ट आॅपरेटर और पानी सप्लाई करने वाले 22 लोग हैं आरोपी.

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छात्रा से कथित तौर पर यौन उत्पी​ड़न के आरोपी. (फोटो साभार: एएनआई)

चेन्नई के एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स की घटना. मामले की सुनवाई के लिए ले जाते समय आरोपियों को वकीलों ने पीटा. कॉम्प्लेक्स के सिक्योरिटी गार्ड के अलावा लिफ्ट आॅपरेटर और पानी सप्लाई करने वाले 22 लोग हैं आरोपी.

छात्रा से कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के आरोपी. (फोटो साभार: एएनआई)
छात्रा से कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के आरोपी. (फोटो साभार: एएनआई)

चेन्नई: सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक 11 वर्षीय लड़की के साथ तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पिछले सात महीने से यौन उत्पीड़न किए जाने का मामला सामने आया है. उत्पीड़न से पहले उसे नशे की गोलियां और इंजेक्शन भी दिए जाते थे.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह अपराध तब सामने आया जब पीड़िता ने अपनी बड़ी बहन को इन घटनाओं के बारे में बताया, जिसने बाद में अपने माता-पिता को इस बारे में बताया.

पुलिस ने बताया कि बीते 15 जुलाई को इस संबंध में केस दर्ज किया गया. वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम ने लड़की के स्वास्थ्य का परीक्षण किया है. पुलिस ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट आने का इंतज़ार किया जा रहा है.

मंगलवार को महिला कोर्ट में उसका बयान दर्ज कर लिया है. पॉक्सो अधिनियम के तहत सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.

कुछ मीडिया रिपोर्ट में लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार होने की बात कही गई है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के साथ तकरीबन 22 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया. इनमें से 18 लोगों को मंगलवार को गिरफ़्तार कर लिया गया है.

इन आरोपियों में सिक्योरिटी गार्ड, लिफ्ट आॅपरेटर और पानी सप्लाई करने वाले लोग शामिल हैं. लड़की के साथ ये घटनाएं उसके अयनावरम इलाके में स्थित अपार्टमेंट के ही अलग-अलग हिस्सों में हुईं.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कम से कम चार लोगों ने इस अपराध को कबूल किया है जबकि दो अन्य ने भी कहा कि उन्होंने लड़की का यौन उत्पीड़न किया था. पुलिस ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है और अपार्टमेंट परिसर की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जाएगी. अधिकारी ने कहा, ‘हम इसे विशेष मामले के तौर पर ले रहे हैं और इस पर काम कर रहे हैं.’

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया है कि यौन उत्पीड़न से पहले कथित तौर पर उसे नशे के इंजेक्शन, कोल्ड ड्रिक्स आदि दिए जाते थे और इसका वीडियो भी आरोपियों ने बना लिया था. वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आरोपी लंबे समय से उसे ब्लैकमेल कर रहे थे.

रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को दिए बयान में लड़की ने बताया कि सबसे पहले उसके साथ लिफ्ट आॅपरेटर रवि कुमार (66) ने छेड़छाड़ की. इसके तीन दिन बाद बाहर से आए दो अन्य लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया और इसका वीडियो बना लिया. इसके बाद ये सिलसिला सात महीने तक चलता रहा.

पुलिस के अनुसार, लड़की के पिता काम के सिलसिले में दिन में बाहर रहते थे. लड़की की मां गृहिणी हैं. स्कूल से देर से आने पर उन्हें लगता था कि उनकी बेटी दोस्तों के साथ कॉम्प्लेक्स में खेल रही होगी.

लड़की का परिवार जहां रह रहा है उस कॉम्प्लेक्स में बहुत सारे फ्लैट अभी खाली है, जिसकी वजह से इस बारे में किसी अन्य को भनक भी नहीं लग सकी.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों की पहचान सिक्योरिटी- गार्ड मुरुगेश (54), पलानी (40), अभिषेक (23), सुगुमारन (60), प्रकाश (58) और उमापति (42 वर्ष) के अलावा लिफ्ट आॅपरेटर- रवि कुमार, परमशिवम (60), दीनदयालन (50), श्रीनिवासन (45) और बाबू (36), प्लंबर- जयगणेश (23), राजा (32), सूर्या (23), सुरेश (32), इलेक्ट्रिशियन जयरमन (26), हाउसकीपिंग कर्मचारी राजशेखर (40) और माली गुणाशेखर (55) के रूप में हुई है.

अदालत परिसर में वकीलों ने की आरोपियों की पिटाई

घटना को लेकर जन आक्रोश के बीच आरोपियों को गिरफ्तार कर महिला अदालत में पेश किया गया जहां गुस्साएं वकीलों ने उन पर लात घूंसे बरसाए और उन्हें सीढ़ियों से घसीटा.

अदालत ने सभी आरोपियों को 31 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

जब आरोपियों को अदालत लाया गया तो पारिवारिक अदालत परिसर की तीसरी मंजिल पर स्थित महिला अदालत के बाहर तनाव व्याप्त हो गया. अदालत की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक चार घंटे तक चली.

जब पुलिस का दल आरोपियों को वापस ले जाने लगा तो करीब 50 वकीलों ने आरोपियों की पिटाई कर दी.

अदालत परिसर में तनाव उत्पन्न होने के कारण आठ आरोपियों को भूतल पर तृतीय अतिरिक्त पारिवारिक अदालत के भीतर ले जाया गया जबकि बाकी नौ आरोपियों को वापस महिला अदालत में भेजा गया.

पारिवारिक अदालत के प्रधान न्यायाधीश धरमन, एमएचएए प्रमुख मोहनकृष्णन, वकील कन्नादासन, संयुक्त पुलिस आयुक्त टीएस अन्बू और अन्य ने गुस्साएं वकीलों को विरोध प्रदर्शन खत्म करने और आरोपियों को वहां से जाने देने के लिए मनाने की कोशिश की.

इस बीच, मद्रास उच्च न्यायालय वकील संघ (एमएचएए) ने कहा कि मामले में कोई वकील आरोपियों की पैरवी नहीं करेगा तथा उसने आरोपियों के लिए कड़ी सज़ा की मांग की.

एमएचएए अध्यक्ष जी. मोहनकृष्णन ने पत्रकारों से कहा, ‘वकीलों ने आरोपियों के खिलाफ नारेबाज़ी करके इस घटना के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया. हमने फैसला किया है कि कोई भी वकील उनकी ओर से पेश नहीं होगा.’

उन्होंने बताया कि एमएचएए के फैसले के बारे में अन्य वकील संघों को भी सूचित किया जाएगा.

पीड़िता के पिता की शिकायत पर गिरफ्तारियां की गई हैं.