भाजपा नेता ने दर्ज कराया केस. बिहार के मोतीहारी ज़िले में स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय कुमार पर भीड़ ने किया था हमला. विश्वविद्यालय अनिश्चितकाल के लिए बंद. कुलपति की पीएचडी को लेकर बवाल, निलंबित करने की मांग. गंभीर रूप से घायल प्रोफेसर नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती.
मोतीहारी: बिहार के पूर्व चंपारण ज़िला मुख्यालय मोतीहारी में स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर संजय कुमार के ख़िलाफ़ घृणा फैलाने के लिए एफआईआर दर्ज किया गया है.
यह एफआईआर मोतीहारी से भाजपा नेता रंजीत यादव ने दर्ज कराई है. इसके पहले राज्य के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, जो कि मोतीहारी से भाजपा विधायक भी हैं, ने प्रो. संजय कुमार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी.
इस बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए विश्वविद्यालय को बीते 20 अगस्त से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है.
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कहा गया है कि प्रो. संजय कुमार पर हमले के बाद प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए छात्र-छात्राओं, शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रमोद कुमार का कहना है कि संजय और कुछ अन्य शिक्षकों के उनका समर्थन करने की वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन के पास विश्वविद्यालय बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था.
The mob lynching of Motihari Central Univ Prof Sanjay Kumar for speaking against RSS's manuvadi and Samprayvadi ideology is totally unacceptable and urged the govt to punish the culprits. Further the role of Univ admin needs be thoroughly probed for the incident. @NitishKumar pic.twitter.com/uZIeLcSgRA
— Shaktisinh Gohil MP (@shaktisinhgohil) August 19, 2018
मालूम हो कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद उन्हें लेकर प्रो. संजय कुमार ने फेसबुक पर एक आलोचनात्मक पोस्ट लिखी थी, जिसके बाद बीते 17 अगस्त को उनके मोतीहारी स्थित आवास पर भीड़ ने हमला कर दिया था.
उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा गया. सोशल मीडिया पर मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ. एक अन्य वीडियो में भीड़ गंभीर रूप से घायल प्रो. संजय कुमार से भविष्य में ऐसा न करने की बात भी कबूल करवाती नज़र आ रही है.
गंभीर रूप से घायल प्रो. संजय कुमार को डॉक्टर ने नई दिल्ली स्थित एम्स रेफर कर दिया था. फिलहाल उनका एम्स में इलाज चल रहा है.
इस मामले में सहायक प्रोफेसर की ओर से नगर थाने में 12 लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. मोतिहारी नगर थाना अध्यक्ष आनंद कुमार ने बताया कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
द टेलीग्राफ से बातचीत में पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा, एक शिक्षक का काम विद्यार्थियों को पढ़ाना होता है, लेकिन संजय कुमार जैसे शिक्षक सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर घृणा फैला रहे हैं, जिससे समाज में अशांति फैल रहा है.
उन्होंने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति अरविंद कुमार अग्रवाल द्वारा विश्वविद्यालय बंद करने के फैसले का भी समर्थन किया है. मंत्री ने मांग की कि प्रो. संजय कुमार के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर घृणा फैलाने के लिए आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाए.
बहरहाल नगर थाना क्षेत्र के एसएचओ आनंद कुमार ने बताया, ‘रंजीत यादव की शिकायत के बाद प्रो. संजय कुमार के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर किसी का अपमान करना), धारा 505 (लोगों को भड़काने के इरादे से बयान देना) के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है.’
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार बिहार भाजपा ने शिक्षक पर हमले की निंदा की है. राज्य भाजपा के महासचिव सम्राट चौधरी और नीतीश मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस हमले की निंदा की है. इनका कहना है कि शिक्षक पर हमले के पीछे पार्टी के किसी सदस्य का हाथ नहीं है.
जहां विपक्ष ने इस हमले को लेकर नीतीश कुमार सरकार की निंदा की है वहीं महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद किए जाने के प्रशासन के क़दम की आलोचना की है.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रमोद मीणा ने बताया कि कुलपति के इस फैसले के ख़िलाफ़ शिक्षकों ने केंद्रीय मानव विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मिलने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि कुलपति जानते थे कि इस मामले को लेकर शिक्षक प्रदर्शन शुरू करेंगे और उन्हें हटाने की मांग करेंगे इसलिए उन्होंने विश्वविद्यालय बंद कर दिया.
मीणा ने बताया, ‘कुलपति को हटाने की मांग के साथ शिक्षकों ने बीते 29 मई से विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. दरअसल जंतु विज्ञान विभाग के शिक्षक बोधि प्रकाश जैन ने राजस्थान के एक विश्वविद्यालय में पढ़ाने के लिए आवेदन किया था. इसके लिए उन्होंने कुलपति से अनापत्ति पत्र जारी करने का आग्रह किया था लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया था.’
प्रो. संजय कुमार और एक अन्य शिक्षक पर दलित उत्पीड़न का मामला दर्ज
प्रो. संजय कुमार और एक अन्य शिक्षक शशिकांत रे के ख़िलाफ़ दलित उत्पीड़न का मामला भी दर्ज कराया गया है.
प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार, विश्वविद्यालय के प्रशासनिक सचिव और सहायक प्रोफेसर डॉ. दिनेश व्यास ने दोनों लोगों के ख़िलाफ़ दलित होने की वजह से मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए यह मुक़दमा दर्ज कराया है.
प्रो. दिनेश व्यास का आरोप है कि दोनों प्रोफेसर उन पर जातिसूचक टिप्पणी करते हैं. इसके अलावा शशिकांत रे ने पहले झूठे मामले में फंसाया और अब प्रो. संजय कुमार ने भी उनके ख़िलाफ़ मारपीट का झूठा आरोप लगाकर केस दर्ज कराया है.
उन्होंने कहा, ‘प्रो. संजय कुमार पर हमले में शामिल जिन लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है उसमें मेरा भी नाम है, जबकि इस घटना से मेरा कोई लेना-देना नहीं है.’
प्रो. दिनेश व्यास ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय का प्रशासनिक सचिव होने के नाते उन पर कुछ लोग जातिसूचक टिप्पणियां करते हैं.
कुलपति डॉ. अरविंद अग्रवाल को निलंबित करने की मांग
इस बीच अखिल भारतीय विश्वविद्यालय और महाविद्यालय संघ ने डॉ. अरविंद कुमार की पीएचडी उपाधि पर सवाल उठाया है. संघ ने कुलपति को निलंबित करने की मांग की है.
संघ के अध्यक्ष प्रो. केशव भट्टाचार्य ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर डॉ. अरविंद कुमार की ओर से कुलपति बनने के लिए दिए गए दस्तावेज़ को ग़लत क़रार दिया.
इस संबंध में प्रभात खबर ने कुलपति का पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं किया जा सका.
आरोप है कि कुलपति डॉ. अरविंद कुमार ने अपनी पीएचडी के बारे में गलत जानकारी दी है. उनका दावा है कि उन्होंने 1989 में जर्मनी की हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी से अपनी पीएचडी पूरी की है जबकि आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक कुलपति ने राजस्थान विश्वविद्यालय से 1992 में प्रो. एनके सिंघी के निर्देशन में पूरी की है.
प्रो. भट्टाचार्य ने कहा कि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार को लेकर कई फैकल्टी सदस्य बीते 29 मई को धरने पर हैं. अखिल भारतीय विश्वविद्यालय और महाविद्यालय संघ ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से इस मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)