बीते 20 जुलाई को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने रेलवे को ‘फ्लेक्सी किराया योजना’ को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी. कैग का कहना था कि इस योजना की वजह से ज़्यादातर मार्गों पर हवाई जहाज से यात्रा करना ट्रेनों के मुकाबले सस्ता है.
नई दिल्ली: रेलवे ने फ्लेक्सी किराया योजना को वापस लेने की संभावना से इनकार कर दिया है. यह योजना प्रीमियम ट्रेनों जैसे कि राजधानी, दुरंतो और शताब्दी के लिए है.
‘फ्लेक्सी किराया योजना’ के तहत ट्रेनों में जैसे-जैसे सीटें भरती जाती हैं उसके किराये में इजाफा होता जाता है. प्रत्येक दस प्रतिशत बर्थ की बुकिंग के बाद मूल किराया दस प्रतिशत बढ़ जाता है.
हालांकि, फर्स्ट एसी और एक्जिक्यूटिव श्रेणी की टिकटों पर मौजूदा किराए में बदलाव नहीं होता है.
एक अधिकारी ने कहा कि फ्लेक्सी किराया योजना सिर्फ 1.5 प्रतिशत मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में लागू है. इस योजना को 12,500 ट्रेनों में से सिर्फ 168 ट्रेनों में लागू किया गया है.
अधिकारी ने इस बात को भी खारिज किया कि फ्लेक्सी किराया योजना की वजह से कई प्रीमियम ट्रेनों में सीटें खाली रह जाती हैं.
बता दें कि बीते 20 जुलाई को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने रेलवे की मांग बढ़ने के साथ किराया बढ़ोतरी (फ्लेक्सी-फेयर) योजना को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी.
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में मांग बढ़ने के साथ किराये में बढ़ोतरी व्यवस्था (फ्लेक्सी किराया योजना) शुरू करने से इस श्रेणी की ट्रेनों में यात्रियों से होने वाली आय में 552 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, लेकिन इन ट्रेनों में 2015-16 के मुकाबले नौ सितंबर 2016 से 31 जुलाई 2017 के दौरान यात्रियों की संख्या में 6.75 लाख की कमी आई है.
कैग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि थर्ड एसी श्रेणी से रेलवे को सबसे ज्यादा लाभ होता है लेकिन ‘फ्लेक्सी किराया योजना’ शुरू करने के बाद इसमें यात्रियों की संख्या में काफी कमी आई और खाली सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
कैग ने रेलवे को फटकार लगाते हुए कहा था कि ‘फ्लेक्सी किराया योजना’ की वजह से ज्यादातर मार्गों पर हवाई जहाज से यात्रा करना ट्रेनों के मुकाबले सस्ता है.
कैग ने कहा कि जब कीमत और समय की तुलना की गई तो प्रीमियम ट्रेनों के मुकाबले हवाई यात्रा करना सस्ता है और लोग हवाई जहाज से यात्रा करना ज्यादा पसंद करते हैं.
रेलवे ने 9 सितंबर, 2016 को फ्लेक्सी किराया योजना लागू की थी. इस योजना का उद्देश्य था कि इसके जरिये रेलवे बोर्ड 5800 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई करेगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)