संस्था में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए श्रीश्री रविशंकर के शरण में सीबीआई

सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच मचे घमासान के बाद केंद्र सरकार ने दोनों अधिकारियों को बीते 24 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया था.

Jabalpur: Art of Living founder Sri Sri Ravi Shankar speaks during Mahasatsang 'Shakti Sangam' at Jabalpur on Thursday. PTI Photo (PTI3_8_2018_000023B)
श्री श्री रविशंकर (फोटो: पीटीआई)

सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच मचे घमासान के बाद केंद्र सरकार ने दोनों अधिकारियों को बीते 24 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया था.

Jabalpur: Art of Living founder Sri Sri Ravi Shankar speaks during Mahasatsang 'Shakti Sangam' at Jabalpur on Thursday. PTI Photo (PTI3_8_2018_000023B)
श्री श्री रविशंकर (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि जांच एजेंसी में सकारात्मकता और ताल-मेल का संचार हो. जांच एजेंसी के तकरीबन 150 अधिकारी और कर्मचारियों के इस कार्यशाला में शामिल होने का अनुमान है.

शुक्रवार को सीबीआई द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, आर्ट ऑफ लिविंग की कार्यशाला 10, 11 और 12 नवंबर को सीबीआई के नई दिल्ली स्थिति मुख्यालय में आयोजित की जाएगी.

जांच एजेंसी की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, वर्कशॉप आयोजित करने का उद्देश्य सीबीआई में सकारात्मकता बढ़ाने के साथ ही विभाग में ताल-मेल बढ़ाना और स्वस्थ वातावरण का निर्माण करना है.

तीन दिवसीय कार्यक्रम में इंस्पेक्टर रैंक से लेकर सीबीआई के निदेशक पद तक के अधिकारी शामिल होंगे.

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि श्री श्री द्वारा संचालित आर्ट ऑफ लिविंग के गाइड सीबीआई मुख्यालय जाएंगे जहां निरीक्षक से लेकर निदेशक (प्रभारी) स्तर तक के 150 से अधिक अधिकारी एजेंसी में स्वस्थ माहौल बनाने और सकारात्मकता लाने के लिए कार्यशाला में शामिल होंगे.

उनसे पूछा गया कि क्या इस तरह की कार्यशाला आयोजित करना ‘नीतिगत फैसला’ है क्योंकि दिल्ली में एजेंसी के अधिकतर अधिकारी इसमें भाग लेंगे. इस पर सीबीआई प्रवक्ता ने कोई जवाब नहीं दिया.

मालूम हो कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच मचे घमासान के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने बीते 24 अक्टूबर को दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था. दोनों अधिकारियों ने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में मीट कारोबारी मोईन क़ुरैशी को क्लीनचिट देने में कथित तौर पर घूस लेने के आरोप में सीबीआई ने बीते दिनों अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मोईन क़ुरैशी मामले में हैदराबाद के एक व्यापारी से दो बिचौलियों के ज़रिये पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी.

जिसके बाद राकेश अस्थाना ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर ही इस मामले में आरोपी को बचाने के लिए दो करोड़ रुपये की घूस लेने का आरोप लगाया. दोनों अफसरों के बीच मची रार सार्वजनिक हो गई तो केंद्र सरकार ने दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया. साथ ही अस्थाना के ख़िलाफ़ जांच कर रहे 13 सीबीआई अफसरों का भी तबादला कर दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 26 अक्टूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में वह निदेशक आलोक वर्मा के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों की जांच दो हफ्ते में पूरी करे.

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