#मीटू: पत्रकार विद्या कृष्णन ने 15 साल पहले हुई घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि एक असाइनमेंट के दौरान गौरव सावंत ने उनके साथ छेड़छाड़ और बदसलूकी की. विद्या उस समय ‘द पॉयनियर’ अख़बार में काम करती थीं.
नई दिल्ली: इंडिया टुडे के कार्यकारी संपादक और जाने-माने टीवी एंकर गौरव सावंत पर ‘द हिंदू’ अख़बार की पूर्व हेल्थ एडिटर विद्या कृष्णन ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. ‘द कारवां’ पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक विद्या कृष्णन ने 15 साल पहले हुए इस मामले का ज़िक्र करते हुए बताया कि एक असाइनमेंट के दौरान गौरव ने उनके साथ छेड़छाड़ की थी.
द कारवां में प्रकाशित निकिता सक्सेना की रिपोर्ट में विद्या ने बताया कि साल 2003 में जब यह घटना हुई तब वह 21 साल की थीं. उस वक्त उन्होंने ‘द पॉयनियर’ अख़बार जॉइन किया था और एक असाइनमेंट के दौरान पहले से डिफेंस पत्रकार के तौर पर ख्याति पा चुके सावंत ने उन्हें गलत तरीके से छूने की कोशिश की और उनके कमरे में घुसकर उनके साथ बदसलूकी भी की थी.
विद्या कृष्णन के आरोप पर इंडिया टुडे में बतौर कार्यकारी संपादक कार्यरत सावंत ने ट्वीट किया है कि द कारवां में प्रकाशित लेख ‘गैर ज़िम्मेदार, आधारहीन और पूरी तरह से झूठ है.’ साथ ही उन्होंने लिखा है, ‘मैं मेरे वकीलों से बात कर रहा हूं और इस पर कानूनी कदम उठाऊंगा. मेरा सहयोग करने के लिए मेरे परिवार, दोस्त और दर्शकों का आभारी हूं.’
The article published by Caravan is irresponsible, baseless, and completely false. I am talking to my lawyers and will take full legal action. So grateful to my family, friends, and viewers for their support.
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) November 12, 2018
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले पर इंडिया टुडे ने कहा, ‘दुर्भाग्यवश हम इस मामले पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं कर सकते और न ही इसकी जांच कर सकते हैं, क्योंकि साल 2003 में सावंत हमारे साथ काम नहीं करते थे. हालांकि, सावंत से इस मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है. उन्होंने इस पूरे मामले का खंडन करने के साथ हमें बताया कि वे कानूनी कार्रवाई के लिए अपने वकीलों से सलाह ले रहे हैं.’
विद्या कृष्णन ने बताया कि बहुत साल पहले जब वह पंजाब के ब्यास शहर में भारतीय सेना द्वारा आयोजित कार्यक्रम कवर करने गई थीं. दिल्ली से बाहर उनका यह पहला असाइनमेंट था, तब सावंत भी उनके साथ उस ट्रिप पर थे. एक वाहन में विद्या अकेली महिला थीं जिसमें पत्रकारों की टीम को ले जाया जा रहा था.
वे आगे बताती हैं कि गाड़ी में सावंत उनके पीछे बैठे हुए थे. उनके अनुसार, एक जगह अचानक सांवत अपना दायां हाथ उनकी छाती पर रख देते हैं. विद्या ने बताया कि उस समय वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाईं और न ही इस बारे में किसी को बता पाईं क्योंकि वह इसके लिए पर्याप्त साहस नहीं जुटा सकीं.
विद्या के अनुसार, सावंत के भद्दे व्यवहार का सिलसिला यहीं नहीं रुका. उस रात सावंत ने उन्हें एक लिखित मैसेज भेजकर अपने कमरे में बुलाया. मैसेज में उन्होंने यह भी कहा था कि वह उनके साथ बाथटब में जाना चाहते हैं.
विद्या ने बताया कि उन्होंने इनकार कर दिया. उसके कुछ ही मिनट के बाद सावंत उनके कमरे में बिना इज़ाज़त पहुंच गए और उनके साथ बदसलूकी करना शुरू कर दिया.
विद्या के अनुसार, उसके बाद सावंत ने अपनी पैंट की ज़िप खोली और उन पर अपना निजी अंग छूने का दबाव बनाने लगे. उन्होंने उन्हें धक्का देने की कोशिश की पर वो असमर्थ रहीं.
विद्या कहती है, ‘उसके बाद मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया.’
रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही विद्या की आवाज़ तेज़ हुई, सावंत वहां से हट गए. विद्या ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उस वक़्त उनके दिमाग में विचार आया होगा कि वह उनका रेप नहीं कर सकते. इसलिए उस वक़्त वह चले गए.’
हालांकि, विद्या ने उस वक़्त न ही द पॉयनियर अख़बार के प्रबंधन से शिकायत नहीं की और न ही अख़बार के संपादक और पूर्व राज्यसभा सांसद चंदन मित्रा से इस बारे में संपर्क करना चाहा.
वे आगे बताती हैं कि उन्हें उस वक़्त इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि द पॉयनियर में कोई आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) थी या नहीं. पॉयनियर के संपादक चंदन मित्रा कहते हैं, ‘पॉयनियर में यौन उत्पीड़न की समस्या की रिपोर्ट के लिए एक समिति बहुत पहले से थी. लेकिन साल 2003 में थी या नहीं यह बात उन्हें ठीक तरह से याद नहीं.’
विद्या ने बताया कि उन्होंने सावंत का नाम नहीं लिया इसके पीछे केवल उनकी पेशेवर मजबूरियां ही नहीं, बल्कि सामाजिक मजबूरियां भी थीं.
विद्या कहती हैं, ‘महिलाओं के प्रति इस तरह का व्यवहार न्यूज़ रूम कल्चर में बहुत आम बात हो चुका है. हमारे साथ बहुत सी प्रतिभाशाली महिला रिपोर्टर होती हैं लेकिन वो आगे नहीं बढ़ पातीं क्योंकि उन्हें वस्तु की तरह देखा जाता है.’