तीन तलाक़ का दुरुपयोग क्या होता है? कल कहेंगे कि दुष्कर्म का दुरुपयोग हो रहा है: जावेद अख़्तर

शरई कारणों के बिना तीन तलाक़ देने वाले पुरुषों का सामाजिक बहिष्कार करने के पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान पर गीतकार और पूर्व सांसद ने सवाल उठाए.

//
गीतकार जावेद अख़्तर (फोटो: जावेद अख़्तर के फेसबुक वाल से)

शरई कारणों के बिना तीन तलाक़ देने वाले पुरुषों का सामाजिक बहिष्कार करने के पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान पर गीतकार और पूर्व सांसद ने सवाल उठाए.

गीतकार जावेद अख़्तर (फोटो: फेसबुक)
गीतकार जावेद अख़्तर (फोटो: फेसबुक)

तीन तलाक़ को लेकर देशभर में चल रही बहस के बीच गीतकार जावेद अख़्तर का गुस्सा फूट पड़ा है. उन्होंने आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के तीन तलाक के सामाजिक बहिष्कार करने के ऐलान पर नाराज़गी जताते हुए इसे फर्ज़ी क़रार दिया है.

मशहूर गीतकार और पूर्व सांसद जावेद अख़्तर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर बोर्ड के फैसले की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘तीन तलाक़ के दुरुपयोग का मतलब क्या होता है? कल को हम कहेंगे कि उत्पीड़न का दुरुपयोग हो रहा है, बलात्कार का दुरुपयोग हो रहा है और बीवी को पीटने का भी दुरुपयोग हो रहा है.’

जावेद अख़्तर एक और ट्वीट में कहते हैं, ‘तीन तलाक का दुरुपयोग करने वालों का सामाजिक बहिष्कार महज़ एक ढोंग है. तीन तलाक़ अपने आप में एक कुरीति है और इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए.’

बीते रविवार को पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि बिना शरई कारणों के तीन तलाक़ का दुरुपयोग करने वाले मर्दों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा. बोर्ड ने तलाक़ के सिलसिले में एक आचार संहिता भी जारी की है और कहा कि तलाक़ जैसे मामलों में इसी के तहत अमल किया जाए.

पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से जारी आचार संहिता में यह भी कहा है कि शादी में दहेज न देकर बेटी को संपत्ति में हिस्सा दिया जाए. बोर्ड ने तलाक़शुदा औरतों की मदद के लिए भी हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है.

उधर, केंद्र सरकार ने भी तीन तलाक़ को मुस्लिम महिला विरोधी क़रार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक़ के मसले को सुलझाने के लिए एक पीठ का गठन किया है, जिसकी सुनवाई 11 मई से शुरू होने वाली है.