भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भेजे गए पत्र में गेगांग अपांग ने कहा है कि वर्तमान भाजपा अब राजधर्म के सिद्धांत का पालन नहीं कर रही है बल्कि सत्ता पाने का ज़रिया बन गई है.
ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. भारत में दूसरे सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहे अपांग ने कहा है कि भाजपा अब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही है.
लगभग 23 साल तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अपांग ने सोमवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया. अपांग ने इस्तीफ़े की प्रति को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट भी किया है.
उत्तर-पूर्व क्षेत्र में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री रहे गेगांग अपांग ने अपने इस्तीफे में कहा, ‘मुझे यह देखकर निराशा हुई कि भाजपा इस समय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही है. मैं यह देखकर निराश हूं कि वर्तमान भाजपा अब राज धर्म के सिद्धांत का पालन नहीं कर रही है बल्कि सत्ता पाने का जरिया बन गई है. पार्टी ऐसे लोगों के नेतृत्व में काम कर रही है, जो विकेंद्रीकरण या लोकतांत्रिक फैसले नहीं लेते और जिन मूल्यों के लिए पार्टी की स्थापना की गई थी, उन पर विश्वास नहीं करते हैं.’
अपांग ने अपने इस्तीफे में लिखा, ‘मैं 7 बार विधायक रह चुका हूं और 23 साल तक राज्य का मुख्यमंत्री रहा हूं. मैंने भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता- इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, वीपी सिंह, आईके गुजराल, एचडी देवगौड़ा, चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के साथ काम किया है.’
अपांग ने पत्र यह भी कहा कि 2014 में अरुणाचल प्रदेश की जनता ने भाजपा को सरकार बनाने का जनादेश नहीं दिया था. फिर भी भाजपा नेतृत्व ने ग़लत तरीके से दिवंगत कलिखो पुल को मुख्यमंत्री बनाया था.
I Have resigned from the primary membership of @BJP4India . Will now focus on grassroot problems. pic.twitter.com/bYrrYykCkh
— Gegong Apang (@gegongapang) January 15, 2019
उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के एक प्रतिकूल फैसले के बावजूद, भाजपा ने राज्य में सरकार बनाई. पुल की आत्महत्या के मामले में भी उचित जांच नहीं की गई और न ही वर्तमान भाजपा नेतृत्व ने पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में सरकार बनाने में नैतिकता का ख्याल रखा.’
अपांग ने भाजपा महासचिव राम माधव पर हमला करते हुए कहा कि 10-11 नवंबर को राज्य पार्टी के संगठन की बैठक हुई थी, जिसमें पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को अपना पक्ष रखने नहीं दिया गया.
पेमा खांडू को चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने पर भी अपांग ने विरोध जाहिर करते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं वाली पार्टी में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं होता. बल्कि विधायकों से पूछकर उनका नेता चुना जाता है.
उन्होंने कहा, ‘जिस तरह का काम राज्य में हुआ है ये लोकतंत्र विरोधी कृत्य उस पार्टी का नहीं हो सकता जो अटल बिहारी, खुशाभाऊ ठाकरे, केएल खुराना और राजमाता सिंधिया के छत्रछाया में फली है.’
अपांग बताते हैं कि उन्हें एक बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने कहा था कि गलत तरीके से सत्ता हासिल करने से अच्छा है कि सत्ता से दूर रहो. वे कहते हैं, ‘नॉर्थ-ईस्ट में भाजपा के नेताओं का कोई वजूद नहीं है और वे किसी भी तरफ के निर्णय में शामिल नहीं होते हैं. पार्टी के लोगों को ‘नमो एप’ के तहत निर्णय अपलोड करने और डाउनलोड करने की आदत पड़ गई है. वे सिर्फ चुनाव जीतना चाहते हैं.’
अपांग ने सरकारी योजना जनता तक नहीं पहुंचने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘भाजपा और केंद्र सरकार सरकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के मुद्दे पर नाकाम रही है. नगा शांति वार्ता, चकमा-हाजोंग मुद्दा, नागरिकता बिल, दूरसंचार व वास्तविक समय में डिजिटल कनेक्टिविटी के साथ ही बांग्लादेश, म्यांमार और चीन जैसे पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने जैसे अहम मुद्दों का समाधान खोजने में मोदी सरकार नाकाम रही है.’
अंत में अपांग ने अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र में कहा, ‘मैं प्रार्थना करता हूं कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा बताया गया राज धर्म याद रहे. बाकी इतिहास आपके साथ न्याय करेगा.
गेगांग अपांग सात बार विधायक रहे और 23 साल तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. गेगांग अपांग सबसे पहले साल 1980 से 1999 तक और साल 2003 से 2007 तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे.
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट से 2003 में चुनाव जीतने के बाद अपांग ने अपनी पार्टी अरुणाचल कांग्रेस का भाजपा में विलय कर दिया था. 2004 के आम चुनाव में भाजपा की हार के बाद अपांग कांग्रेस में लौट आए थे, लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव से पहले अपांग ने फिर भाजपा का दामन थाम लिया था.