सहारनपुर के सड़क दूधली गांव में इजाज़त नहीं होने के बावजूद निकाली शोभायात्रा, एक पक्ष की ओर से पथराव के बाद जमकर उपद्रव हुआ.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में निकली शोभायात्रा के दौरान जमकर उपद्रव हुआ. दो पक्षों में हुए टकराव में जमकर पत्थरबाज़ी, आगज़नी, फायरिंग व लूटपाट हुई. इस उपद्रव में स्थानीय सांसद राघव लखनपाल शर्मा, एसएसपी लव कुमार और कई अन्य लोग घायल हो गए.
घटना सहारनपुर के सड़क दूधली गांव की है. गुरुवार को आंबेडकर शोभायात्रा निकली थी. इस दौरान दो पक्षों के बीच पथराव हो गया और छह घंटों तक जमकर उपद्रव हुआ.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि थाना जनकपुरी के अंतर्गत सड़क दूधली में आंबेडकर जयंती के अवसर पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी, उसी दौरान एक पक्ष के लोगों ने इसका विरोध किया और शोभायात्रा पर पथराव शुरू हो गया. जवाब में दूसरे पक्ष ने भी पथराव किया.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लव कुमार ने बताया कि इस शोभायात्रा की इजाज़त नहीं थी लेकिन उसे निकालने का प्रयास किया गया जिस दौरान एक समूह ने पथराव शुरू कर दिया. वे ख़ुद भी इसमें चोटिल हो गए हैं. फ़िलहाल हालात नियंत्रण में हैं.
एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, ‘थाना जनकपुरी इलाके के दूधली में आंबेडकर जयंती की शोभायात्रा के दौरान दो गुटों में झड़प हो गई. मौक़े पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे वरिष्ठ अधिकारी पर एक गुट ने पथराव कर दिया. डीएम की गाड़ी तोड़ दी गई. बीजेपी और हिन्दू संगठन के लोगों ने एसएसपी आवास को घेर रखा है. अंबाला-हरिद्वार नेशनल हाइवे को भी जाम कर रखा है.’
एनडीटीवी के मुताबिक, ‘पिछले सात सालों से यहां जुलूस नहीं निकलता था, लेकिन इस बार बीजेपी सरकार आने के बाद इलाक़े के बीजेपी सांसद ने जुलूस की इजाज़त मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाज़त नहीं दी थी. सांसद ने डीएम और एसएसपी पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए पूर्व सरकार से प्रभावित बताया है. इस मामले में दोनों पक्षों पर केस दर्ज हो गया है. बीजेपी सांसद राघव लखनपाल और उनके आठ समर्थकों पर भी केस दर्ज किया है.’ सांसद राघव लखनपाल अपने समर्थकों के साथ देर रात शोभायात्रा निकाले जाने की मांग करते हुए धरना दिया.
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट के मुताबिक, ‘सहारनपुर के डीएम शफाकत कमाल ने बताया कि दलितों का एक समूह शोभायात्रा निकालना चाहता था, लेकिन प्रशासन ने इजाज़त नहीं दी थी, क्योंकि गांव में ऐसी कोई प्रथा नहीं है और दूसरे समुदाय के लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी.’
एसएसपी लव कुमार ने अख़बार को बताया, ‘कुछ लोगों के यात्रा निकालने पर अड़े होने की सूचना पर गांव में पुलिस तैनात कर दी गई थी. इसके बावजूद गुरुवार को सुबह एक समूह ने यात्रा निकाली, दूसरे समुदाय के लोगों ने यात्रा पर पथराव कर दिया. यह दोनों समुदायों के टकराव की वजह बनी.’
‘पुलिस का कहना है कि पुलिस ने स्थिति संभालने की कोशिश की लेकिन भाजपा सांसद के अपने समर्थकों के साथ आने से स्थिति ख़राब हो गई. उनकी मौक़े पर पुलिस के साथ गर्मागर्मी हुई.’
एसएसपी ने कहा कि पथराव करने वालों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाक़े में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)