सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, दिसंबर 2014 में एक स्थानीय अख़बार में ख़बर के कारण पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की साज़िश रची थी.
मुज़फ़्फ़रपुर: बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर की एक अदालत में पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में आरोपित पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन व अन्य छह लोगों के ख़िलाफ़ बीते मंगलवार को आरोप तय किए गए.
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायधीश मनोज कुमार की अदालत में पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में आरोपित पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन व अन्य छह लोगों के ख़िलाफ़ मंगलवार को आरोप तय किए गए.
आरोप तय होने के बाद अब इस मामले में सत्र-विचारण की प्रक्रिया शुरू होने का रास्ता साफ हो गया.
आरोप तय किए जाने से पहले शहाबुद्दीन सहित सभी आरोपितों को उन पर लगाए गए आरोपों को पढ़कर सुनाया गया. सभी आरोपितों ने अपने पर लगाए गए आरोपों से इनकार किया और सत्र-विचारण का सामना करने की सहमति जताई.
इस मामले में आरोपित और न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व भागलपुर जेल में बंद अजहरुद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई जबकि मुज़फ़्फ़रपुर जेल में बंद अन्य आरोपितों विजय गुप्ता, रोहित सोनी, राजेश कुमार, रिशु जायसवाल व सोनू गुप्ता को की भी कोर्ट में पेशी कराई गई.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई चार्जशीट में बताया गया है कि दिसंबर 2014 में एक स्थानीय अख़बार में छपी ‘सीवान जेल से जारी हिटलिस्ट पर हत्याएं’ ख़बर के कारण पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की साज़िश रची थी.
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2016 में सीवान जेल में बिहार सरकार के तत्कालीन मंत्री अब्दुल गफूर और रघुनाथपुर के विधायक हरिशंकर यादव ने शहाबुद्दीन के साथ मीटिंग की थी. इस मीटिंग का वीडियो पहले पत्रकार राजदेव रंजन ने सोशल साइट पर वायरल किया था. फिर सभी अख़बारों में ख़बरें छपी थीं.
सीबीआई ने इस मामले में पिछले साल 21 अगस्त को आरोप-पत्र दाख़िल किया था.
सीवान से चार बार राजद की ओर से सांसद रहे शहाबुद्दीन पर एक अग्रणी हिंदी दैनिक के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में शामिल में होने का आरोप है. 13 मई 2016 की शाम बिहार के सीवान ज़िले में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी पत्नी ने घटना में शहाबुद्दीन के शामिल होने का आरोप लगाया था.
बिहार सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी.
शहाबुद्दीन 45 से अधिक आपराधिक मामलों में मुक़दमे का सामना कर रहे हैं. उन्हें सीवान निवासी चंद्रशेखर प्रसाद की अपील पर आए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर तिहाड़ जेल लाया गया था. दो अलग-अलग घटनाओं में प्रसाद के तीन बेटों की हत्या कर दी गई थी.
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते हुए बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि वह शहाबुद्दीन को एक हफ्ते के अंदर नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल स्थानांतरित करे.
इस मामले में सीवान के चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू और आशा रंजन ने राजद नेता शहाबुद्दीन को सीवान जेल से शिफ्ट किए जाने की याचिकाएं दायर की थीं. प्रसाद के तीन बेटे दो अलग-अलग घटनाओं में मारे गए थे और आशा के पति पत्रकार राजदेव रंजन की सीवान में हत्या हो गई थी.
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया था कि शहाबुद्दीन के खिलाफ लंबित मामलों की स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के लिए उन्हें सीवान जेल से राज्य के बाहर किसी दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया जाए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)