पंजाब के पटियाला स्थित राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के हॉस्टल में ख़राब गुणवत्ता का खाना मिलने का विरोध करने पर छह छात्रों को निलंबित कर दिया गया था.
पटियालाः पंजाब के पटियाला के राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के छह छात्रों के निलंबन के विरोध में प्रदर्शनकारी छात्रों ने मिड सेमेस्टर की परीक्षा का बहिष्कार कर दिया है.
स्क्रॉल डॉट इन की रिपोर्ट के मुताबिक, परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो चुकी हैं और ये छात्र बीते शुक्रवार से यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
यूनिवर्सिटी के एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र का कहना है कि सिर्फ पांचवें साल के छात्रों ने ही परीक्षा दी है जबकि बाकी बैच के छात्रों का प्रदर्शन जारी है. कैंपस में सोमवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया जबकि छात्रों का कहना है कि प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है.
यह विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को उस समय शुरू हुआ, जब छह छात्रों को हॉस्टल की मेस में परोसे जाने वाले खराब गुणवत्ता के खाने के विरोध में आवाज़ उठाने के लिए सस्पेंड कर दिया गया. इन छात्रों को स्टील की प्लेट बजाकर विरोध कर यूनिवर्सिटी की सपंत्ति को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए सस्पेंड किया गया. छात्रों का पक्ष नहीं सुना गया. सस्पेंड किए गए छात्रों को मिड सेमेस्टर की परीक्षा देने से नहीं रोका गया लेकिन इन्हें कैंपस से बाहर रहना पड़ा.
छात्र और छात्राओं के लिए हॉस्टल की अलग-अलग समयसीमा यानी कर्फ्यू टाइम को लेकर भी विरोध किया जा रहा है. छात्राओं को जहां रात नौ बजे तक अपने हॉस्टर के कमरों में आना पड़ता है वहीं छात्र रात एक बजे तक बाहर रह सकते हैं.
विरोध कर रहे विद्यार्थियों ने एक प्रशासनिक अधिकारी पर भी उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
हालांकि रजिस्ट्रार की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छह छात्रों के सस्पेंशन के फैसेल को रद्द कर दिया है. प्रशासनिक अधिकारी को तत्काल भाव से छुट्टी पर भेज दिया गया है और कर्फ्यू टाइमिंग और अन्य बदलावों की मांगों पर विचार करने के लिए यूनिवर्सिटी के चांसलर कृष्णा मुरारी द्वारा एक समिति का गठन किया गया है. यूनिवर्सिटी के चांसलर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं.’
हालांकि, छात्र प्रशासन के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं. छात्रों को डर है कि प्रदर्शन खत्म होने के बाद प्रशासन उन्हें भी सस्पेंड कर सकता है या उन पर जुर्माना लगा सकता है.
एक छात्र ने कहा, ‘हमारी मांग है कि गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं के प्रवेश की समयसीमा को बढ़ाकर रात के एक बजे किया जाना चाहिए लेकिन वाइस चांसलर ने हमें बताया कि सुरक्षा का बंदोबस्त करने में उन्हें दो सप्ताह का समय लगेगा.’
छात्रों का कहना है कि इस नोट (बयान) पर रजिस्ट्रार नरेश कुमार वत्स के हस्ताक्षर नहीं हैं और न ही कोई तारीख या रजिस्ट्रेशन नंबर है. रजिस्ट्रार ने पुष्टि की कि उनके द्वारा ही नोट जारी किया गया लेकिन वह फिलहाल किसी अन्य सवाल का जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं.