घटना गुमला ज़िले के जुरमू गांव में हुई, जहां आदिवासी समुदाय के कुछ लोग एक मृत बैल का मांस निकाल रहे थे, जब पड़ोस के गांव के कुछ लोगों ने उन्हें देखा और गोहत्या के संदेह में उन पर हमला कर दिया. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन घायल अस्पताल में भर्ती हैं.
रांची : झारखंड के गुमला जिले में गोहत्या के शक में आदिवासी समुदाय के एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और तीन अन्य घायल हो गए. पुलिस ने बताया यह घटना बुधवार रात जुरमू गांव में घटी.
जनसत्ता के मुताबिक मृतक की पहचान प्रकाश लाकड़ा (50) के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि जुरमू गांव में आदिवासी समुदाय के चार लोग एक मरे हुए बैल का मांस काट रहे थे. इस दौरान जैरागी गांव के कुछ लोगों ने उन्हें देखा और उनके साथ हाथापाई करने लगे.
छोटा नागपुर रेंज के डीआईजी ओमकर अमोल वेणुकांत ने कहा, ‘यह घटना छत्तीसगढ़ सीमा के पास डुमरी पुलिस स्टेशन से लगभग 20 किलोमीटर दूर हुई.’
वेणुकांत ने बताया, ‘जैरागी गांव के कुछ लोग छत्तीसगढ़ से लौट रहे थे तभी रास्ते में उन्होंने लोगों को एक मरे हुए बैल का मांस काटते हुए देखा. गांव वालों को लगा उन्होंने गाय को मारा है. इसके बाद वे उन्हें पीटने लगे. इसके बाद सभी चार लोगों को अपने साथ पकड़कर डुमरी पुलिस स्टेशन ले गए, जहां एक घायल की हालत अचानक बिगड़ गई. पीड़ित को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.’
पुलिस ने बताया कि संदिग्ध मुख्य रूप से गैर-आदिवासी थे और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक टीम गठित की गई है. डीआईजी ने बताया कि गांव वालों से बात करने के बाद यह बात मालूम हुई कि बैल की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी.
उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
प्रभात खबर के मुताबिक इस हमले में जहां प्रकाश लाकड़ा की मौत हो गई, वहीं पीटर केरकेट्टा (50), बेलासियुस (60) और जनावारियुस मिंज (40) घायल हो गए. तीनों को घायलों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
गुरुवार शाम प्रकाश लाकड़ा का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. घटना के बाद जुरमू गांव की महिलाएं घायलों को देखने अस्पताल गईं थीं, लेकिन तनाव की स्थिति को देखते हुए उन्हें जाने नहीं दिया गया.
घटना के बाद जैरागी व जुरमू गांव में तनाव को देखते हुए तीन थानों की पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. एसपी अंजनी कुमार झा समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पर पंहुचकर मामले की जानकारी ली.
पीड़ितों से मिलने का बाद पुलिस अधिकारी अंजनी कुमार झा ने कहा, ‘कानून को अपने हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है. घटना के सभी पहुलओं की जांच की जा रही. इस घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को बख्शा नहीं जाएगा.’
मृतक प्रकाश लकड़ा की पत्नी जेरमेना लाकड़ा ने बताया कि जुरमू गांव के लोग पशु का मांस खाते हैं. गांव के जखरियस कुजूर का एक बूढ़ा बैल नदी के किनारे गिर गया था. इसकी सूचना मिलने के बाद गांव के कुछ लोग उसे देखने के लिए गए थे.
जेरमेना ने बताया, ‘पशु को खाने के लिए काटा जा रहा था, तभी जैरागी गांव के एक समुदाय के लोगों ने हमला कर दिया. जिसमें कुछ लोग जान बचाकर भाग गए. इस हमले में मेरे पति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए.’
उन्होंने कहा, ‘लोगों को इतना नहीं मारना चाहिए था, पकड़कर पुलिस के हवाले कर देना चाहिए था. जान से मार दिया.’