कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर लगाया पूंजीपतियों को भारी मुनाफ़ा पहुंचाने का आरोप, बोले- मोदी ने अपने पूंजीपति दोस्तों का 1,54,000 करोड़ माफ़ किया और देश में 35 किसान रोज़ आत्महत्या कर रहे हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की फ़सल बीमा योजना से निजी बीमा कंपनियों को भारी मुनाफ़ा हो रहा है. उन्होंने दस्तावेज़ के आधार पर बताया कि खरीफ 2016 की फ़सल के लिए निजी बीमा कंपनियों को 17 हजार 184 करोड़ रुपये प्रीमियम दिया गया, जबकि किसानों को मुआवज़ा केवल 6808 करोड़ रुपये ही दिया गया. इस तरह बीमा कंपनियों को 10 हज़ार 376 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा हुआ.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को 60 दिन में 600 चेतावनी वाली सरकार बताते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश सरकार की सभी सरकारी वेबसाइटों की बारीक़ी से जांच की है और अभी किसी भी वेबसाइट पर सरकार का क़र्ज़ माफ़ी संबंधी कोई भी शासनादेश कही नहीं है. सब बातें बस हवा में हैं.
पूंजीपतियों का एक लाख 54 हजार करोड़ माफ़ किया
सुरजेवाला ने केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि किसान विरोधी मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति दोस्तों का तो एक लाख 54 हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ कर दिया लेकिन किसानों का क़र्ज़ माफ़ नहीं किया, जिसकी वजह से आज देश में 35 किसान रोज़ आत्महत्या कर रहे हैं तथा 2016 में क़रीब 14 हज़ार किसानों ने देश में आत्महत्या की, जबकि वर्ष 2015 में 12 हज़ार 602 किसानों ने आत्महत्या की थी.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की किस तरह अनदेखी कर रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तमिलनाडु सरकार ने सूखे तथा अकाल के लिए 2016-17 के लिए 39 हज़ार 565 करोड़ रुपये की मांग की, लेकिन तमिलनाडु के किसानों को एक रुपया भी नहीं दिया गया जबकि उन लोगों ने दिल्ली में धरना प्रदर्शन भी किया. इसी तरह आंध्र प्रदेश सरकार ने दो हज़ार 281 करोड़ रुपये की मांग की थी उन्हें भी एक पैसा नहीं दिया गया.
ग़ौरतलब है कि सरकारों के तमाम वादों के बीच देश भर में किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं. क़र्ज़, ग़रीबी, भुखमरी, सूखा इसके प्रमुख कारणों में है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1995 से लेकर अब तक देश भर में क़रीब सवा तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं.
योगी सरकार क़र्ज़ माफ़ी के नाम दे रही धोखा
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को प्रचार एवं लीपापोती वाली सरकार बताते हुए सुरजेवाला ने शनिवार को कहा कि केंद्र की मोदी सरकार तो किसानों को राहत और कर्ज़माफ़ी के नाम पर धोखा तो दे ही रही थी, अब वही काम उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी कर रही है. उन्होंने प्रदेश सरकार से किसानों की क़र्ज़ माफ़ी पर श्वेत पत्र लाने की मांग की.
केंद्र की भाजपा सरकार के तीन साल पूरे होने पर उन्होंने कहा कि केंद्र के उपेक्षित रवैये से देश में 35 किसान रोज़ आत्महत्या कर रहे हैं, और यह सरकार आज़ादी के 70 साल बाद किसानों की सबसे ज़्यादा उपेक्षा करने वाली सरकार बन गई है. सरकार न किसान से समर्थन मूल्य पर अनाज ख़रीदती है और न ही बाज़ार में किसानों को सही दाम मिलते हैं.
जनता से बोला झूठ
उन्होंने कहा, भाजपा ने केंद्र में चुनाव जीतने के लिए अपने घोषणा पत्र में कहा था कि किसानों को लागत का 50 प्रतिशत ज़्यादा समर्थन मूल्य दिया जाएगा, मगर सत्ता हासिल करने के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा कि लागत का पचास प्रतिशत ज़्यादा समर्थन मूल्य किसानों को नहीं दिया जा सकता है.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने शनिवार को लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता में केंद्र की भाजपा सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर उसे घेरा, साथ ही प्रदेश की दो महीने पुरानी भाजपा की योगी सरकार को 60 दिन में 600 वादे और लीपापोती वाली सरकार बताया.
किसानों को नहीं मिली फूटी कौड़ी
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दो करोड़ 15 लाख छोटे एवं सीमांत किसान परिवारों में से केवल 86 लाख 88 हज़ार किसान बैकिंग व्यवस्था के दायरे में है, जबकि दो करोड़ 15 लाख किसानों में से एक करोड़ 28 लाख किसान साहूकार के क़र्ज़दार हैं उनको क़र्ज़ माफ़ी के नाम पर एक फूटी कौड़ी का भी फ़ायदा नहीं मिला है.
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि चार अप्रैल 2017 को यूपी की भाजपा सरकार ने 31 मार्च 2016 तक बकाया तीस हज़ार करोड़ रुपये के फ़सली क़र्ज़े की माफ़ी का दावा कर वाहवाही लूटने का प्रयास किया. यूपी सरकार ने जानबूझ कर यह नहीं बताया कि 31 मार्च 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच कितने किसानों द्वारा फसल ऋण वापस लौटा दिया गया था तथा लौटाई गई राशि क्या थी.
क़र्ज़ माफ़ी पर श्वेत पत्र लाए योगी सरकार
सुरजेवाला ने कहा कि ऋण माफ़ी के इस छलावे की सच्चाई यह है कि किसानों को फ़सल ऋण साल में दो बार रबी और खरीफ के लिए दिया जाता है. किसान अगली फ़सल के लिए ऋण ले ही नहीं सकता, अगर पिछली फ़सल का क़र्ज़ा वापस न दिया हो. उन्होंने मांग की कि ऐसे में क़र्ज़ा माफ़ी पर उत्तर प्रदेश सरकार श्वेत पत्र लेकर आए ताकि सच्चाई सामने आ सके.
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार बताए कि किसान का मियादी क़र्ज़ माफ़ क्यों नहीं किया गया. उप्र सरकार ने अपने झूठ पर पर्दा डालने के लिए विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण में भी संशोधन कर दिया.
ग़ौरतलब है कि यूपी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की जीत पर किसानों का क़र्ज़ माफ़ करने का वादा किया था. सरकार बनने के योगी सरकार ने क़र्ज़ माफ़ करने की घोषणा भी की, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)