साल 2017 में गो-तस्करी के आरोप में 55 वर्षीय पहलू ख़ान को राजस्थान के अलवर में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था. मामले में पुलिस ने पहलू ख़ान द्वारा शिनाख्त किए गए सभी छह आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी.
नई दिल्ली: 1 अप्रैल 2017 को राजस्थान के अलवर में हुए पहलू खान लिंचिंग मामले में सभी छह आरोपियों को बुधवार को एक अदालत ने बरी कर दिया. इस मामले की सुनवाई 7 अगस्त को खत्म हो गई थी.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, बचावपक्ष के वकील हुकुम चंद शर्मा ने कहा, ‘अलवर के अतिरिक्त न्यायाधीश-1 ने आरोपियों को संदेह का लाभ दिया है.’
शर्मा ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जिसमें निर्दोष लोगों को फंसाया गया था. पहली बार इन लोगों का नाम एफआईआर में नहीं लिखा गया था. पीड़ितों द्वारा इनकी पहचान नहीं की गई है.’
बता दें कि, राजस्थान पुलिस ने छह लोगों पर हत्या, दंगा, जानबूझकर चोट पहुंचाने, जबरदस्ती बंधक बनाने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और चोरी का आरोप लगाया था. इनके नाम विपिन यादव, रविंद्र यादव, कालू राम यादव, दयानंद यादव, योगेश खाटी और भीम राठी हैं.
हरियाणा के 55 वर्षीय डेयरी किसान पहलू खान की पिटाई के दो दिन बाद 3 अप्रैल 2017 को अस्पताल में मौत हो गई थी. खान की जयपुर-दिल्ली हाईवे पर स्थित बहरोर में लोगों की भीड़ ने तब पिटाई कर दी थी जब वे अलवर से हरियाणा स्थित अपने गांव गायें ले जा रहे थे.
पहलू खान के वकील कासिम खान ने कहा कि परिवार इस ऊपरी अदालत में चुनौती देगा. वहीं, सरकारी वकील योगेंद्र खटाना ने कहा, ‘पहलू खान के परिवार ने कहा कि वे इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे.’
बता दें कि, पहलू खान की लिंचिंग के मामले में यह फैसला राजस्थान विधानसभा द्वारा उस विधेयक को पास किए जाने के 10 दिन के भीतर आया है, जिसमें राजस्थान सरकार ने पीड़ित की मौत वाले मॉब लिंचिंग के मामलों में आरोपियों के लिए आजीवन कारावास और पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया है.
खान के बयान के आधार पर पुलिस ने संदिग्धों ओम यादव, हुकुम चंद यादव, सुधीर यादव, जगमल यादव, नवीन शर्मा औऱ राहुल ,सैनी के साथ 200 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
राज्य पुलिस के क्राइम ब्रांच द्वारा जांच के बाद सभी छह आरोपियों को क्लीन चिट दे दिया गया और छह अन्य- विपिन यादव, रविंद्र यादव, कालू राम यादव, दयानंद यादव, योगेश खाटी और भीम राठी, के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया.
राज्य पुलिस ने इन सभी छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. इसके बाद ये सभी जुलाई से सितंबर 2017 के बीत जमानत पर रिहा हो गए.
इसके साथ ही राजस्थान पुलिस ने 1 अप्रैल, 2017 को गौ तस्करी करने के आरोप में दिवंगत खान और उनके दोनों बेटों- 25 वर्षीय इरशाद और 22 वर्षीय आरिफ के खिलाफ मामला दर्ज किया. इस मामले में 29 मई को आरोपपत्र दाखिल किया गया.
हालांकि, इस मामले में नया मोड़ तब आया जब अदालत द्वारा मामले में कार्रवाई की मंजूरी दिए जाने के बाद जुलाई में राजस्थान पुलिस ने कहा कि वह पहलू खान और उनके दोनों बेटों के खिलाफ गौ तस्करी के मामले में दोबारा जांच करेगी.
महानिरीक्षक (जयपुर रेंज) एस सेंगतीर ने कहा कि उन्होंने 5 जुलाई को बहरोर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की अदालत में आवेदन दाखिल कर मामले की दोबारा जांच की अनुमति मांगी है.
वहीं, इरशाद और आरिफ 5 जुलाई को अदालत में एक आवेदन दाखिल कर मामले की पुलिस जांच में कुछ तथ्यों को नजरअंदाज करने पर ध्यान दिलाया.