वेल्लोर जिले के वनियमबाडी में एक दलित के शव को रस्सी की मदद से पुल से लटकाकर नीचे पहुंचाया गया, जिससे नदी के किनारे उसका दाह संस्कार किया जा सके. घटना का वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद दलितों को अंतिम संस्कार के लिए जमीन आवंटित हुई.
तमिलनाडु में सवर्णों द्वारा दलितों को अपनी जमीन से गुजरने का रास्ता न देने के चलते दलितों को अपने परिजन के शव को 20 फीट ऊंचे पुल से नीचे गिराकर अंतिम संस्कार करना पड़ा.
घटना वेल्लोर जिले के वनियमबाडी की है. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार घटना 17 अगस्त को हुई, लेकिन इसका वीडियो बुधवार 21 अगस्त को सामने आया.
3.46 मिनट लंबे इस वीडियो में दलितों का एक समूह टिकटी पर बंधे शव को रस्सियों के सहारे एक पुल से नीचे उतार रहा है. नीचे खड़े कुछ लोग फिर इसे पकड़ते हैं और उठाकर अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाते हैं.
The garlands fall off the dead body as the stretcher is lowered. No dignity in death for Kuppan, a Dalit man from Vellore. His body cannot be taken on the road to the crematorium other dominant castes use. Details here- https://t.co/kg9qIXcG1O pic.twitter.com/7SpJaY5AOA
— Dhanya Rajendran (@dhanyarajendran) August 22, 2019
पुलिस के अनुसार यह शव एन. कुप्पन (55) का है, जिनकी शनिवार को मौत हो गयी थी. वे लोग शहर की आदि द्रविड़ार कॉलोनी में रहते हैं. (तमिलनाडु में दलितों को आदि द्रविड़ार कहा जाता है.)
पुलिस ने बताया, ‘हालिया बारिश के चलते नारायणपुरम आदि द्रविड़ार कॉलोनी के लोगों का श्मशान घाट अच्छी स्थिति में नहीं है, इसलिए वे लोग पलार नदी के किनारे बने पुराने श्मशान घाट जा रहे थे.’
यहां जाने के लिए उन्हें एक खेत से गुजरना होता, जो सवर्ण हिंदुओं का था. द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार कुप्पन के परिजनों ने आरोप लगाया कि दलितों द्वारा शव ले जाने वाले इस रास्ते का सवर्णों द्वारा घेर लिया गया है, जिसके चलते दलित समुदाय के लोग वहां से अपने परिजनों का शव अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जा सकते हैं.
कुप्पन के भतीजे विजय ने न्यूज़ मिनट से बात करते हुए कहा, ‘हम पारंपरिक तौर पर जिस शमशान घाट का इस्तेमाल करते हैं, वहां जाने में बीते करीब 20 साल से परेशानी आ रही है. वह जमीन सवर्ण जाति के लोगों की है और वे हमें शव लेकर वहां से आने नहीं देते. उनका अलग श्मशान घाट है, जिसे हम इस्तेमाल नहीं कर सकते. आज से 15 साल पहले जब यह पल नहीं था, तब हम शव को सीधे नदी में बहा देते थे. लेकिन अब हम इसे पुल से नीचे लटकाकर इसका अंतिम संस्कार करने ले जाते हैं. सालों से हमने जिले के कई अधिकारियों से इस बारे में अपील की, लेकिन कुछ हुआ नहीं.’
तिरूपथर की सब-कलेक्टर प्रियंका पंकजम ने बताया कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘हमे इस बारे में बुधवार शाम को मालूम चला. अगर कोई भी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’
दलितों को मिला नया श्मशान घाट
इस वीडियो के सामने आने के बाद वेल्लोर जिला प्रशासन ने दलित समुदाय के लोगों को अंतिम संस्कार करने के लिए आधा एकड़ जमीन आवंटित की है. गुरुवार को द न्यूज़ मिनट से बात करते हुए प्रियंका पंकजम ने बताया कि स्थानीय प्रशासन द्वारा एक सामुदायिक जमीन का आधा एकड़ हिस्सा दलित लोगों के अंतिम संस्कार के लिए आवंटित कर दिया गया है.
उन्होंने कहा, ‘हमने दलित समुदाय के लोगों और उन जमीन मालिकों, जिन्होंने कथित तौर पर नदी के किनारे की जमीन तक जाने का रास्ता रोका था, से पूछताछ की. शनिवार को उनके बीच वहां से शव लेकर निकलने को लेकर कोई झगड़ा नहीं हुआ था. दलित समुदाय के लोगों की अपील थी कि उन्हें अलग श्मशान घाट चाहिए। वे यह बात हमें शनिवार को ही बता सकते थे, हम फ़ौरन उन्हें जमीन आवंटित कर देते क्योंकि हम दाह संस्कार या दफनाने की जगह देना हमारी प्राथमिकता में है. लेकिन शनिवार को उस तरह का कोई झगड़ा नहीं हुआ, इसलिए यह खबर हम तक पहुंची ही नहीं.’
द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार कुप्पन के परिजनों ने यह जमीन मिलने की पुष्टि भी की है.