भारत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा के नज़दीक संरक्षित इलाकों में सीमित अवधि के लिए जाने के लिए इनर लाइन परमिट की ज़रूरत होती है. एनआरसी की अंतिम सूची आने के बाद मिज़ोरम सरकार ने कहा कि असम से लगी सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
आइजोल: असम में एनआरसी सूची में करीब 19 लाख लोगों को बाहर करने के बाद, पड़ोसी मिज़ोरम की सरकार ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे उन लोगों को अस्थायी ‘इनर लाइन परमिट’(आईएलपी) जारी नहीं करें जिनके नाम एनआरसी में शामिल नहीं किए गए हैं.
मिज़ोरम के गृह मंत्री लालचमलिआना ने सोमवार को कहा कि असम के संदिग्ध विदेशियों को राज्य में प्रवेश करने से रोकने के लिए उपाय किए गए हैं. पुलिस उपमहानिरीक्षक (उत्तरी रेंज) एल. खिआंगते ने बताया कि राज्य की असम से लगती 123 किलोमीटर लंबी सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
उन्होंने बताया कि थानों और चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है ताकि असम के लोग बिना वैध परमिट के राज्य में दाखिल नहीं हो पाएं.
डीआईजी ने कहा, ‘असम की सीमा से लगते इलाकों में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है.’
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाके पूरी तरह से शांत हैं और एनआरसी सूची प्रकाशित होने के मद्देनजर मिजोरम के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की कोई रिपोर्ट नहीं आई है. मालूम हो कि शनिवार को असम में जारी एनआरसी की सूची में 19,06,657 लोगों के नाम शामिल नहीं हुए हैं.
भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक संरक्षित इलाकों में सीमित अवधि के लिए जाने के लिए इनर लाइन परमिट जारी करती है. संरक्षित इलाकों के बाहर के लोगों के लिए यह जरूरी है कि वे उन इलाकों में जाने के लिए परमिट लें.
टूरिस्ट और राज्य में रोजगार के उद्देश्य से आने वाले लोगों के लिए ज्यादा समय तक आने वाले लोगों को अलग-अलग तरह के- अस्थायी/स्थायी- परमिट दिए जाते हैं.
असम में एनआरसी की सूची जारी होने के बाद असम के पड़ोसी राज्य संदिग्ध विदेशियों की संभावित घुसपैठ को लेकर चिंतित हैं.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने नगालैंड में बड़े पैमाने पर घुसपैठ की आशंका व्यक्त की है.
एनएसएफ ने नगालैंड सरकार द्वारा दीमापुर में आईएलपी लागू न करने और ‘राज्य को अवैध प्रवासियों के लिए इस जिले का विकल्प बनाने’ को लेकर रोष जाहिर किया. फेडरेशन के अध्यक्ष निनोटो अवोमि और महासचिव लिरेमो किकोन ने एक विज्ञप्ति में कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में गैर-स्थानीय और अवैध प्रवासियों की संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि राज्य में ख़राब तरीके से लागू आईएलपी और पड़ोसी राज्यों से अवैध प्रवासियों का बड़ी संख्या में पलायन राज्य के मूल निवासियों के लिए सबसे बड़ा जनसांख्यिकीय खतरा बन गया है.
खराब तरीके से लागू आईएलपी शासन और पड़ोसी राज्यों से अवैध प्रवासियों का भारी पलायन राज्य के मूल निवासियों के लिए सबसे बड़ा जनसांख्यिकीय खतरा बन गया है. फेडरेशन ने जोर दिया कि दीमापुर में जल्द से जल्द आईएलपी लागू किया जाना चाहिए.
फेडरेशन के अलावा सेंट्रल नगालैंड ट्राइब्स काउंसिल ने भी असम में एनआरसी से छूटे लोगों के राज्य में आने को लेकर आशंका जाहिर की है. काउंसिल ने राज्य सरकार से इससे बचाव के तरीके अपनाने को कहा है क्योंकि उनके अनुसार एनआरसी में शामिल न हुए लोग नगालैंड में आकर वहां बसने की कोशिश करेंगे.
काउंसिल ने असम-नगालैंड सीमा के नजदीक पड़ने वाले गांवों और कॉलोनी काउंसिल के सरपंचों और प्रमुखों से अवैध प्रवासियों के उनके क्षेत्र में आकर रहने को लेकर सचेत रहने को भी कहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)