दलित प्रोफेसर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन और प्राचीन इतिहास विभाग से जुड़े हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि दो साल पहले दिए गए उनके भाषण से संबंधित वीडियो में छेड़छाड़ कर उसे प्रसारित किया जा रहा है.
इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक दलित प्रोफेसर कथित तौर पर लिंचिंग होने के भय से पिछले महीने अनिश्चितकालीन छुट्टी पर चले गए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मध्यकालीन और प्राचीन इतिहास विभाग में कार्यरत 40 वर्षीय सहायक प्रोफेसर विक्रम हरिजन ने छुट्टी के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि उनके कुछ बयानों का एक वीडियो अगस्त में सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया गया था. इसके बाद उनका छात्रों द्वारा घेराव किया गया और धमकी दी गई थी.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कथित आपत्तिजनक बयानों को लेकर विक्रम हरिजन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. हालांकि इस संबंध में उन्होंने अभी कोई जवाब नहीं दिया है.
विक्रम ने आरोप लगाया है कि एक दलित शोधार्थी रंजीत कुमार ने दो साल पहले उनके द्वारा दिए गए एक भाषण से संबंधित वीडियो में छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया.
20 अगस्त को सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में विक्रम ने एक हिंदू देवता के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में विक्रम ने कहा है, ‘दो से तीन मिनट का यह वीडियो उस भाषण का हिस्सा है, जो मैंने 14 अप्रैल 2017 को बीआर आंबेडकर के जन्मदिवस पर दिया था.’
उन्होंने कहा, ‘मेरे शोधार्थी रंजीत ने मुझे प्रताड़ित करने के लिए वीडियो में छेड़छाड़ करके उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया. उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैंने इसी साल उसके खिलाफ चीफ प्रॉक्टर और कुलपति से शिकायत की थी कि एक छात्र के तौर पर उनका व्यवहार आपत्तिजनक है.’
विक्रम ने कहा, ‘वीडियो वायरल होने के बाद छात्रों के एक समूह ने मुझे निशाना बनाना शुरू कर दिया. 26 अगस्त को एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने मुझे कैंपस में घेर लिया था और धमकी दी थी. एक सुरक्षाकर्मी की मदद से मैं वहां से भाग निकला था.’
उन्होंने बताया कि उन्हें धमकी भरे फोन भी आ रहे थे. 26 अगस्त के बाद से वह विश्वविद्यालय नहीं जा रहे हैं. उन्होंने विभागाध्यक्ष योगेश्वर तिवारी को छुट्टी का प्रार्थना पत्र भेजा था.
रिपोर्ट के अनुसार, विक्रम ने फिलहाल इलाहाबाद छोड़ दिया है.
विक्रम हरिजन ने बताया, ‘मेरी छुट्टी आज (13 सितंबर) को खत्म हो रही है. मैं छुट्टी बढ़ाने के लिए फिर से ईमेल करूंगा.’
विक्रम के अनुसार, इस संबंध में चीफ प्रॉक्टर राम सेवक दुबे से मदद मांगी थी तो उन्होंने जिला प्रशासन से बात करने को कहा था. विक्रम ने दावा किया कि उन्होंने एसएसपी को फोन किया था, लेकिन उन्होंने पहले कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा.
चीफ प्रॉक्टर और इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सेवक दुबे ने कहा, ‘विक्रम अनावश्यक राजनीति कर रहे हैं और कैंपस में लिंचिंग का शिकार होने का गलत आरोप लगा रहे हैं.’
शोधार्थी रंजीत कुमार के बारे में चीफ प्रॉक्टर ने कहा, ‘रंजीत ने भी विक्रम के खिलाफ पैसा मांगने की शिकायत की है. विक्रम के आरोप पर उन्हें एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके जवाब के आधार पर उन्हें एक दूसरा नोटिस जारी किया गया है, जिसका जवाब उन्होंने नहीं दिया है.’
एबीवीपी के राज्य सह मंत्री (काशी प्रांत) अश्वनी कुमार मौर्य ने कहा, ‘धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए विक्रम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए हमने पुलिस से शिकायत की है. मैंने राष्ट्रपति को भी इस संबंध में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है.’
इलाहाबाद एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज ने कहा, ‘कारण बताओ नोटिस का विक्रम द्वारा जवाब दिए जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.’
वहीं शोधार्थी रंजीत ने कहा, ‘मैंने वह वीडियो अपलोड किया है. मेरा इरादा उनके विचारों को आगे बढ़ाना था, लेकिन कुछ लोगों ने इसे गलत दिशा में मोड़ दिया. मेरे और उनके बीच के मतभेद को हल कर लिया गया है.’