छत्तीसगढ़ पुलिस ने आदिवासी कार्यकर्ता सोनी सोरी और बेला भाटिया के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया

छत्तीसगढ़ पुलिस ने एफआईआर में सोनी सोरी और बेला भाटिया को चुनाव आचार संहिता लागू होने के दौरान अवैध रूप से रैली निकालने और प्रशासन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करने का आरोपी बनाया है. बेला भाटिया ने पुलिस पर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.

सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी और बेला भाटिया. (फोटो साभार: यूट्यूब वीडियोग्रैब)

छत्तीसगढ़ पुलिस ने एफआईआर में सोनी सोरी और बेला भाटिया को चुनाव आचार संहिता लागू होने के दौरान अवैध रूप से रैली निकालने और प्रशासन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करने का आरोपी बनाया है. बेला भाटिया ने पुलिस पर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.

सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया. (फोटो साभार: यूट्यूब वीडियोग्रैब)
सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी और बेला भाटिया. (फोटो साभार: यूट्यूब वीडियोग्रैब)

दंतेवाड़ाः छत्तीसगढ़ पुलिस ने आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोरी और सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया के अलावा सैकड़ों अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज किया है.

आरोप है कि 16 सितंबर को दंतेवाड़ा में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बीच इन लोगों ने अवैध रूप से रैली निकाली और पुलिस एवं प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, केस आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज किया गया है, जो एक लोक सेवक द्वारा जारी आदेश के उल्लंघन के संबंध में है.

एफआईआर में कहा गया है कि सोनी सोरी, बेला भाटिया, दो स्थानीय नेताओं और 150 से ज़्यादा अज्ञात ग्रामीणों ने दंतेवाड़ा ज़िले के किरंदुल पुलिस स्टेशन को घेर लिया था. इसके अलावा आदर्श आचार संहिता एवं सीआरपीएफ की धारा 144 का उल्लंघन करते हुए नारेबाजी भी की थी.

धारा 144 के तहत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पांच या उससे ज्यादा लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध होता है. 23 सितंबर को दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने वाला है, जिसकी वजह से वहां सीआरपीसी की धारा 144 लगाई गई है.

दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘आदर्श आचार संहिता की वजह से यह केस दर्ज किया गया है. यह एक नियमित मामला है.’

रिपोर्ट के अनुसार, 16 सितंबर को किरंदुल थाने के बाहर जमा होकर ग्रामीणों ने 13 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में दो कथित माओवादियों के मारे जाने को लेकर सवाल उठाए थे. ग्रामीणों का कहना था कि दोनों बेगुनाह थे और पुलिस ने उन्हें फर्जी एनकाउंटर में मारा.

इसके अलावा ग्रामीणों ने 13 सितंबर को हिरासत में लिए गए अजय टेलम को रिहा करने या फिर कोर्ट में पेश किए जाने की भी मांग की थी.

हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने फर्जी एनकांउटर के सभी आरोपों को खारिज किया है.

उधर, अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के संबंध में बेला भाटिया ने बताया, ‘हम (सोनी सोरी, बेला भाटिया, हिद्मे मरकाम और पांडे कुंजामी) पोडिया सोरी और लच्छु मांडवी के फर्जी एनकाउंटर को लेकर एफआईआर दर्ज कराने के लिए 16 सितंबर को थाने गए थे. शिकायत दर्ज करने की जगह पुलिस हमारे खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है.’

उन्होंने कहा, ‘हमें गलत तरीके से ग्रामीणों को उकसाने और भीड़ जमा करने का आरोपी बनाया गया है, जबकि ग्रामीण अपनी मर्जी से थाने के बाहर जमा हुए थे. यह असहमति को दबाने और कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग करने का एक उदाहरण है.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq