2010 के माछिल फर्ज़ी मुठभेड़ मामले में दोषी पाए गए पांच जवानों की आजीवन कारावास की सज़ा पर रोक लगाते हुए सैन्य बल न्यायाधिकरण ने उन्हें ज़मानत दे दी है.
पहले से ही बदहाली के दौर से गुजर रहा कालीन उद्योग जीएसटी के बाद बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है.
चारा घोटाले में दोषी पाए गए लालू के साथ गठबंधन बनाते समय नीतीश का भ्रष्टाचार विरोधी छवि का ख्याल कहां चला गया था. 2015 के बाद बिहार में घटी हर छोटी-बड़ी घटना को लेकर लालू-नीतीश की इस सियासी दोस्ती पर सवाल उठे, लेकिन नीतीश ने चुप्पी साध रखी थी.
जन्मदिन विशेष: स्वतंत्रता सेनानी, गांधीवादी, तीन बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष रहे के. कामराज को स्वतंत्र भारत की राजनीति का पहला 'किंगमेकर' माना जाता है.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है. लंबे राजनीतिक अनुभव वाले प्रणब का राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल कैसा रहा है?
बिहार के पूर्वी चंपारन जिला मुख्यालय मोतिहारी में बंद पड़ी चीनी मिल के मजदूर करीब 134 महीने की सैलरी और किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान दिलाने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
बिहार के मोतिहारी से आए चीनी मिल मज़दूरों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले कई सालों के बकाया भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है.
राजधानी दिल्ली में 27 मई को गुरु तेग बहादुर मेट्रो स्टेशन के पास दो युवकों ने 32 साल के ई-रिक्शा चालक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले तीन साल के राज में ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसने मुसलमानों में असुरक्षा और भय की तीव्र भावना पैदा करने का काम किया.
आंकड़े बताते हैं कि देश में मुसलमानों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बहुत तेज़ी से गिरता जा रहा है, जिसका मतलब होगा कि वह पूरी तरह से हाशिये पर चले जाएंगे.
मुसलमानों के एक तबके में भाजपा को लेकर स्वीकार्यता बढ़ी है, लेकिन भाजपा की तरफ़ से ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला है कि मुसलमानों के लिए कुछ किया हो.
जब एमसीडी चुनाव में साफ-सफाई, सड़कें, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार और पार्षदों का नकारापन मुद्दा नहीं बना तभी यह बात साफ हो गई थी कि भाजपा चुनाव में जीत हासिल कर चुकी है.
दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले लगभग सभी ओपीनियन पोल में जनता भाजपा शासित एमसीडी के कामकाज से नाखुशी जताते हुए भी वोट भाजपा को ही देने की बात कर रही थी.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से सपा में घमासान जारी है तो बसपा प्रमुख मायावती के तेवर नरम पड़े हैं. वहीं कांग्रेसी ‘गठबंधन ग़लती था’ का राग अलाप रहे हैं. यूपी में सपा, बसपा और कांग्रेस की हार को एक महीने से ज्यादा का वक़्त बीत चुका है. इस दौरान इन पार्टियों में तमाम तरह के फेरबदल हुए हैं. कई प्रमुख नेताओं ने अपनी पार्टी छोड़ दी है तो कुछ नेता अभी इसके फिराक़ में दूसरे
संघ प्रांत कार्यवाह पुरुषोत्तम दधीचि ने बताया कि राज्य में संघ का तेजी से विस्तार हो रहा है. हमारी राष्ट्रवादी विचारधारा यहां की जनता को आकर्षित कर रही है.