कनाडा: मंत्री ने खालिस्तानियों पर हमले की साज़िश में अमित शाह की ‘संलिप्तता’ की ‘पुष्टि’ की थी

कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नैथली ड्रोइन ने संसदीय समिति को बताया कि वाशिंगटन पोस्ट से मामले की पृष्ठभूमि पर बात करना मीडिया रणनीति का हिस्सा था ताकि भारत सरकार की तरफ से फैलाई जा रही ग़लत जानकारी का मुकाबला किया जा सके.

विकास यादव अपने पते पर उपलब्ध नहीं, अमेरिकी अभियोग के ठीक बाद उनसे जुड़ा केस निपटाया गया

अमेरिकी न्याय विभाग ने विकास यादव को एक भारतीय सरकारी अधिकारी बताते हुए आरोप लगाया है कि उन्होंने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश रची थी. जब द वायर विकास यादव के दिल्ली के आधिकारिक पते पर पहुंचा तो पता चला कि दिसंबर 2023 के बाद से यादव वहां नहीं आए.

संवैधानिक अदालत का फैसला आने तक निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण रोका गया: चेक न्याय मंत्रालय

अमेरिकी अभियोजकों ने अमेरिकी नागरिक और खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश के मामले में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को आरोपी बनाते हुए चेक गणराज्य को प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा है. बीते महीने चेक हाईकोर्ट गुप्ता की अपील ख़ारिज करते हुए प्रत्यर्पण की इजाज़त दे चुका है.

अमेरिकी अभियोग में दावा- भारतीय अधिकारी ने खालिस्तानी कार्यकर्ता की हत्या की साज़िश रची थी

इस घटनाक्रम से से अमेरिका और कनाडा दोनों के साथ भारत के संबंधों पर असर पड़ने की संभावना है. कनाडा के बाद अमेरिका दूसरा देश बन गया, जिसने खालिस्तानी अलगाववादी (गुरपतवंत सिंह पन्नू) को मारने की साज़िश में भारतीय एजेंटों के शामिल होने की संभावना के बारे में ‘वरिष्ठतम स्तर’ पर भारत सरकार के साथ चिंता जताई है.

कनाडा का भारत पर इसके सिख नागरिक की हत्या का आरोप, दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिक हटाए

जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद में ख़ुलासा किया है कि इसके पीछे भारत सरकार के खुफिया एजेंटों का हाथ था.

बाइडेन ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष ‘मानवाधिकार’ और ‘स्वतंत्र मीडिया’ के मुद्दे उठाए

राजधानी दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से कहा गया है कि सम्मेलन से इतर चर्चा में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मानवाधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में सिविल सोसायटी और स्वतंत्र प्रेस की भूमिका के महत्व को उठाया था.

भारत द्वारा अफ़ग़ान नागरिकों को आपातकालीन वीज़ा देने में देरी करना निराशाजनक: राजदूत

भारत में अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत फ़रीद मामुनड्ज़े ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि जब कठिन वक़्त में अफ़ग़ान नागरिकों को भारतीय मदद की ज़रूरत थी, तो उनकी मदद नहीं की गई. अब तक भारत ने अफ़ग़ानिस्तान से 669 लोगों को निकाला है, जिसमें 448 भारतीय और 206 अफ़ग़ान नागरिक हैं.

संभावित सर्विलांस के निशाने पर थे दुनियाभर के चौदह नेता

पेगासस प्रोजेक्ट: एनएसओ ग्रुप के ग्राहक देशों द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों का लीक डेटा बताता है कि कम से कम एक शाही परिवार प्रमुख और वर्तमान में कार्यरत तीन राष्ट्रपतियों व तीन प्रधानमंत्रियों को पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये होने वाली संभावित हैकिंग के लिए चुना गया था.

भारत के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर क्या होगा बाइडेन प्रशासन का रुख़

जो बाइडेन के नेतृत्व में नए अमेरिकी प्रशासन से भारत को व्यापार, प्रवासी और बड़े सामरिक मुद्दों पर एक सकारात्मक रुख़ की उम्मीद रहेगी.

श्रीलंका के 20वें संविधान संशोधन के प्रभावों को लेकर भारत क्यों चिंतित है

श्रीलंकाई सरकार 20वां संविधान संशोधन लाकर 19वें संविधान संशोधन द्वारा राष्ट्रपति की शक्तियों पर नियंत्रण लगाने वाले प्रावधानों को ख़त्म करने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है. भारत की चिंता नया संशोधन नहीं बल्कि 1987 का द्विपक्षीय समझौता है, जो बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में ख़तरे में पड़ सकता है.

हिंसक झड़प के बाद चीन ने दशकों में पहली बार गलवान घाटी पर संप्रभुता का दावा किया

भारत ने गलवान को हमेशा से उस क्षेत्र के बतौर देखा है, जहां लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर कोई विवाद ही नहीं रहा.

ईरान में रूहानी बनाम रईसी: एक तरफ उदारीकरण, दूसरी तरफ ‘जिहादी मैनेजमेंट’

एक तरफ ईरान पश्चिमी एशिया में विरोधी सुन्नी अरब देशों और इस्राइल से घिरा हुआ नजर आ रहा है, तो दूसरी तरफ वह अमेरिकी ट्रंप प्रशासन के निशाने पर भी है. इस निर्णायक मोड़ पर बिना किसी अड़चन के नयी सरकार का गठन ईरान की स्थिरता के लिए बेहद जरूरी है. ईरान से द वायर संवाददाता देवीरूपा मित्रा की रिपोर्ट.