पुण्यतिथि विशेष: कुंवर नारायण का जन्म अयोध्या के उस हिस्से में हुआ था, जिसे तब फ़ैज़ाबाद कहा जाता था. उनके बारे में कहा जाता है कि वे अनुपस्थित रहकर हमारे बीच ज्यादा उपस्थित रहेंगे, पर अपनी जन्मभूमि में उनकी किंचित भी ‘उपस्थिति’ नहीं दिखाई देती.
आठ महीने पहले यूपी के बरेली में नगर निगम व ज़िला प्रशासन द्वारा शहर को 'स्मार्ट' बनाने के लिए पुनर्स्थापित करने के वादे पर जवाहरलाल नेहरू की एक प्रतिमा को उसकी जगह से उखाड़ा गया, जो पिछले दिनों मिशन अस्पताल परिसर में कूड़े के ढेर में मिली.
कई जानकारों का कहना है कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल में (खासकर अंतिम दिनों में) जो कुछ भी कहा व किया, उससे इस बात को ख़ुद अपने ही हाथों निर्धारित कर डाला कि इतिहास उनके प्रति कैसा सलूक करे.
अयोध्या में 30 अक्टूबर को आयोजित आठवें सरकारी दीपोत्सव में फ़ैज़ाबाद सांसद अवधेश प्रसाद अनुपस्थित थे, जिनका कहना है कि उन्हें आमंत्रण ही नहीं मिला. स्थानीय भाजपा नेताओं ने कहा कि वे झूठ बोल रहे हैं. हालांकि अवधेश प्रसाद को कोई निमंत्रण भेजा गया, इसका प्रमाण इन नेताओं ने नहीं दिया.
समृद्ध अतीत वाली कुम्हारी का वर्तमान दोहरे संकट का शिकार है. एक तो प्लास्टिक-फाइबर वगैरह से बनी वस्तुओं ने रोज़मर्रा की ज़िंदगी में तेज़ी से जगह बनाकर कुम्हारों के पैरों तले की ज़मीन तक छीन ली है, दूसरी ओर अब उनके काम लायक मिट्टी और आंवा के लिए ईंधन भी सुलभ नहीं रह गए हैं.
हिंदी के सुपरिचित कवि व संपादक प्रो. सदानंद शाही इन दिनों ‘साखी’और प्रेमचंद साहित्य संस्थान (गोरखपुर) के तत्वावधान में ‘चरथ भिक्खवे’ नाम की सचल कार्यशाला व साहित्यिक-सांस्कृतिक यात्रा निकाल रहे हैं. उनसे बातचीत.
उत्तर प्रदेश में प्रयागराज ज़िले के फूलपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता को किसी दल या प्रत्याशी से 'वफादारी' निभाने के बजाय चुनावी रोटियों को उलटते-पलटते रहने की आदत है और उनकी इस आदत से इस सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में प्रायः सारे प्रतिद्वंद्वी पक्ष डरे हुए हैं.
नीति आयोग के अनुसार, बहराइच उत्तर प्रदेश का सबसे गरीब ज़िला है, जिसमें कुल आबादी के 55 फीसदी लोग गरीबी में जीवन बसर करते हैं. लेकिन हाल के दशकों में निरंतर ताकतवर होते गए हिंदुत्ववादियों को यह त्रासद या अपमानजनक नहीं लगता.
आंबेडकर नगर ज़िले के कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ख़ुद उपचुनाव की कमान संभाल रखी है, जिससे उत्साहित उनके समर्थक दावा कर रहे हैं कि इस बार सपा-बसपा आपस में लड़ती रह जाएंगी और वे ‘क से कटेहरी, क से कमल’ कर दिखाएंगे.
उत्तर प्रदेश में अयोध्या ज़िले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के आसन्न उपचुनाव में भदरसा कस्बे की एक नाबालिग से कथित गैंगरेप के मामले को दूसरे चुनावी मुद्दों पर हावी करने की कोशिशें ख़त्म होने को ही नहीं आ रहीं, जबकि भदरसा मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा भी नहीं है.
पुण्यतिथि विशेष: डॉ. राममनोहर लोहिया के संसदीय जीवन की विडंबना पर जाएं, तो अल्पज्ञात व अचर्चित होने के बावजूद उनमें सबसे बड़ी यह है कि अपने अंतिम दिनों में वे लोकसभा में जिस कन्नौज सीट का प्रतिनिधित्व करते थे, अपने निधन के बाद आए हाईकोर्ट के फैसले में उसे हार गए थे.
अवध क्षेत्र का दुर्भाग्य कि सूबे के रूप में उसे कुल साढ़े तीन सौ साल की उम्र भी नसीब नहीं हुई. यह और बात है कि इसी अवधि में उसने देश-दुनिया को ऐसी लासानी गंगा-जमुनी तहज़ीब दी, जिसकी महक है कि उसके दुश्मनों की तमाम कोशिशों के बावजूद जाती ही नहीं.
जन्मदिन विशेष: अपने जीवन को ही अपना संदेश बताने वाले महात्मा गांधी ने अपने प्रति लोगों में जो भरोसा पैदा किया था, लाल बहादुर शास्त्री ने अपने जीवन को उसका संदेश बनाकर उसे पूर्ण विश्वास में बदल दिया.
भगत सिंह ने अंतिम दिनों में अपने साथी शहीद सुखदेव को लिखे पत्र में जताया था कि प्रेम में अनुरक्ति न किसी महान उद्देश्य के लिए जान देने से रोकती है, न कायर बनाती है. इसके उलट वह जान देने की तमीज़ सिखाती है.
रफ़ीक़ शादानी ने कभी लिखा था कि ‘का कहिकै चंदा मंगिहैं, जनता से छल-बल का करि हैं, जब राम कै मंदिर बनि जाए, तब जोसी सिंघल का करिहैं?’ शादानी के 'जोसी सिंघल का करिहैं' वाले सवाल से अयोध्या के भाजपा व विहिप कार्यकर्ता भी दो चार हैं.