समृद्ध अतीत वाली कुम्हारी का वर्तमान दोहरे संकट का शिकार है. एक तो प्लास्टिक-फाइबर वगैरह से बनी वस्तुओं ने रोज़मर्रा की ज़िंदगी में तेज़ी से जगह बनाकर कुम्हारों के पैरों तले की ज़मीन तक छीन ली है, दूसरी ओर अब उनके काम लायक मिट्टी और आंवा के लिए ईंधन भी सुलभ नहीं रह गए हैं.
हिंदी के सुपरिचित कवि व संपादक प्रो. सदानंद शाही इन दिनों ‘साखी’और प्रेमचंद साहित्य संस्थान (गोरखपुर) के तत्वावधान में ‘चरथ भिक्खवे’ नाम की सचल कार्यशाला व साहित्यिक-सांस्कृतिक यात्रा निकाल रहे हैं. उनसे बातचीत.
उत्तर प्रदेश में प्रयागराज ज़िले के फूलपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता को किसी दल या प्रत्याशी से 'वफादारी' निभाने के बजाय चुनावी रोटियों को उलटते-पलटते रहने की आदत है और उनकी इस आदत से इस सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में प्रायः सारे प्रतिद्वंद्वी पक्ष डरे हुए हैं.
नीति आयोग के अनुसार, बहराइच उत्तर प्रदेश का सबसे गरीब ज़िला है, जिसमें कुल आबादी के 55 फीसदी लोग गरीबी में जीवन बसर करते हैं. लेकिन हाल के दशकों में निरंतर ताकतवर होते गए हिंदुत्ववादियों को यह त्रासद या अपमानजनक नहीं लगता.
आंबेडकर नगर ज़िले के कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ख़ुद उपचुनाव की कमान संभाल रखी है, जिससे उत्साहित उनके समर्थक दावा कर रहे हैं कि इस बार सपा-बसपा आपस में लड़ती रह जाएंगी और वे ‘क से कटेहरी, क से कमल’ कर दिखाएंगे.
उत्तर प्रदेश में अयोध्या ज़िले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के आसन्न उपचुनाव में भदरसा कस्बे की एक नाबालिग से कथित गैंगरेप के मामले को दूसरे चुनावी मुद्दों पर हावी करने की कोशिशें ख़त्म होने को ही नहीं आ रहीं, जबकि भदरसा मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा भी नहीं है.
पुण्यतिथि विशेष: डॉ. राममनोहर लोहिया के संसदीय जीवन की विडंबना पर जाएं, तो अल्पज्ञात व अचर्चित होने के बावजूद उनमें सबसे बड़ी यह है कि अपने अंतिम दिनों में वे लोकसभा में जिस कन्नौज सीट का प्रतिनिधित्व करते थे, अपने निधन के बाद आए हाईकोर्ट के फैसले में उसे हार गए थे.
अवध क्षेत्र का दुर्भाग्य कि सूबे के रूप में उसे कुल साढ़े तीन सौ साल की उम्र भी नसीब नहीं हुई. यह और बात है कि इसी अवधि में उसने देश-दुनिया को ऐसी लासानी गंगा-जमुनी तहज़ीब दी, जिसकी महक है कि उसके दुश्मनों की तमाम कोशिशों के बावजूद जाती ही नहीं.
जन्मदिन विशेष: अपने जीवन को ही अपना संदेश बताने वाले महात्मा गांधी ने अपने प्रति लोगों में जो भरोसा पैदा किया था, लाल बहादुर शास्त्री ने अपने जीवन को उसका संदेश बनाकर उसे पूर्ण विश्वास में बदल दिया.
भगत सिंह ने अंतिम दिनों में अपने साथी शहीद सुखदेव को लिखे पत्र में जताया था कि प्रेम में अनुरक्ति न किसी महान उद्देश्य के लिए जान देने से रोकती है, न कायर बनाती है. इसके उलट वह जान देने की तमीज़ सिखाती है.
रफ़ीक़ शादानी ने कभी लिखा था कि ‘का कहिकै चंदा मंगिहैं, जनता से छल-बल का करि हैं, जब राम कै मंदिर बनि जाए, तब जोसी सिंघल का करिहैं?’ शादानी के 'जोसी सिंघल का करिहैं' वाले सवाल से अयोध्या के भाजपा व विहिप कार्यकर्ता भी दो चार हैं.
योगी सरकार के सात सालों में उत्तर प्रदेश में अपराध उन्मूलन के अनेक बड़बोले दावों के बावजूद ऐसी पुलिस 'मुठभेड़ों' की ज़रूरत ख़त्म नहीं हो रही जहां भागने की कथित कोशिश में अभियुक्त मार गिराया जा रहा है. या पुलिस जिसे ज़िंदा गिरफ़्तार करना चाहती है, गोली उसके पांव में लगती है अन्यथा...
जिस भी समाज में धर्मभीरुता बढ़ जाती है, उससे अपने धर्म के उदात्त मूल्यों की हिफाजत संभव नहीं हो पाती. पहले वह बर्बरता, बीमारी व असामाजिकता के सन्निपातों, फिर अनेक असली-नकली असुरक्षाओं से पीड़ित होने लग जाता है.
गरीबी आम तौर पर एक ऐसी स्थिति है जिसके शिकार व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के पास जीने के लिए आवश्यक बुनियादी चीजें नहीं होतीं, जबकि रंक के साथ गरीबी से पैदा हुई 'कंगाली में आटा गीला' वाली गिरानी से भरी भीषण असहायता भी जुड़ी होती है.
लोकसभा चुनाव में हार को अति आत्मविश्वास का नतीजा बताने वाले योगी आदित्यनाथ उपचुनावों में भाजपा को वांछित जीत दिला देंगे तो माना जाएगा कि उनकी लोकप्रियता का लिटमस टेस्ट हो गया. वहीं, विपक्षी गठबंधन को साबित करना है कि आम चुनाव में उसकी बढ़त तुक्का नहीं थी.