'मैं अयोध्या आ गया हूं. लेकिन लग रहा है वनवास अभी तक ख़त्म नहीं हुआ है. जब वन में रहता था, पावस ऋतु में कुटिया की छत टपकती थी और अब इस तथाकथित भव्य मंदिर में भी भीग रहा हूं.'
क्या हुआ जब राम स्वप्न में आए?
जून महीने के आख़िरी हफ्ते में मासिक पत्रिका हंस के संपादक संजय सहाय ने कहा कि प्रेमचंद यथास्थितिवादी, प्रतिगामी थे और उनकी 25-30 कहानियों को छोड़कर अधिकतर कहानियां ‘कूड़ा’ हैं.
जहां हिंदी लेखकों ने विभाजन पर बार-बार लिखा, हिंदी कवि इस पर तटस्थ बने रहे. कइयों ने आज़ादी मिलने के जश्न की कविताएं तो लिखीं, लेकिन देश बंटने के पीड़ादायी अनुभव पर उनकी चुप्पी बनी रही.
अमोनकर में एक खास कैफ़ियत थी, जिसे समझाया नहीं जा सकता. इसे हम करिश्मा कहते हैं. आप इसे महसूस तो कर सकते हैं, लेकिन इसे समझ या समझा नहीं सकते.
संस्कृत हिंदू धर्म ग्रंथों की भाषा है, इसीलिए भाजपा का उससे कुछ अधिक ही लगाव है. यह अलग बात है कि इस भाषा की समृद्ध साहित्यिक-दार्शनिक विरासत से उसका कोई ख़ास परिचय नहीं है.
रूढ़िवादी ताक़तों के उभार के कारण बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों की मेल-जोल वाली संगीत जैसी सांस्कृतिक परंपराएं ख़तरे में आ गई हैं.
शिवाजी और औरंगज़ेब के बीच चले लंबे संघर्ष का हिन्दू-मुस्लिम संघर्ष से कोई संबंध नहीं है. यह शुद्ध रूप से राजनीतिक सत्ता के लिए लड़ाई थी, वरना शिवाजी की सेना और प्रशासन में भी मुसलमानों की कमी नहीं थी.