छत्तीसगढ़ के महासमुंद ज़िले की रहने वालीं कथावाचक यामिनी साहू को ज़िले के एक गांव में भागवत कथा वाचन के लिए बुलाया गया था. पुलिस से की गई शिकायत में यामिनी ने आरोप लगाया है कि मुझे फोन पर धमकियां दी जा रही हैं. कहा जा रहा है कि एक ग़ैर-ब्राह्मण को कथा कहने का अधिकार नहीं है. जाकर मुजरा करो.
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले के भरंडा गांव में बीते 23 जनवरी को एक कथित नक्सली मुठभेड़ में एक युवक की मौत हो गई थी. युवक की पहचान मानूराम नुरेटी के रूप में हुई है. उनकी पहचान डीआरजी बल के ही एक जवान रेनूराम नुरेटी के भाई के तौर पर हुई है. रेनूराम ने मुठभेड़ को फ़र्ज़ी क़रार देते हुए कहा है कि उनका भाई तो पुलिस में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था.
बीजापुर ज़िले के धुर नक्सल प्रभावित बेचापाल में 30 नवंबर से ग्रामीण पुलिस कैंप के विरोध में धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि उन्हें स्कूल, अस्पताल तो चाहिए लेकिन कैंप और पक्की सड़क नहीं. उनका दावा है कि यदि रोड बनती है तो फोर्स गांवों में घुसेगी, लोगों को परेशान किया जाएगा. झूठे नक्सल प्रकरण में जेल में डाला जाएगा.
राज्य में नक्सल मोर्चे पर तैनात सहायक आरक्षकों के परिवारों ने पदोन्नति, वेतन वृद्धि जैसी कई मांगों के साथ इस हफ्ते रायपुर में प्रदर्शन किया था, जिसमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे. यहां उनके साथ हुए कथित दुर्व्यवहार के बाद बीजापुर में हज़ारों सहायक आरक्षक अपने हथियार जमा करवाकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस मनाने के दौरान रायपुर में लगी एक प्रदर्शनी में आदिम जाति एवं अनुसूचित विकास विभाग द्वारा बैगा आदिवासियों को स्टॉल पर बैठाया गया जहां दर्शक उनके साथ फोटो आदि लेते दिखे. भूपेश बघेल सरकार के इस कदम को मानवाधिकार उल्लंघन बताते हुए कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनी को 'शहरी अवाम के मनोरंजन के लिए आदिवासियों की संस्कृति की हत्या' बताया है.
आदिवासी बहुल इलाकों में वृहद रूप से बोली जाने वाली गोंडी भाषा का कोई लिखित साहित्य न होने के चलते यह अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के दो स्कूलों में इस भाषा में प्राथमिक शिक्षा देकर इसे सहेजने की कोशिश की जा रही है.
दंतेवाड़ा ज़िले के पोटाली गांव में खोले जा रहे नए पुलिस कैंप को लेकर नाराज़ स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इससे गांव वालों को फ़र्ज़ी मामलों में फंसाने के प्रकरण बढ़ेंगे. वहीं पुलिस के अनुसार ग्रामीण नक्सली दबाव में कैंप का विरोध कर रहे हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा ज़िले के किरंदुल क्षेत्र के तहत बैलाडीला की एक पहाड़ी को बचाने के लिए तकरीबन 20 हज़ार आदिवासी पिछले चार-पांच दिनों से प्रदर्शन कर रह हैं. सरकार ने इस पहाड़ी को लौह अयस्क के खनन के लिए अडाणी समूह को दे दिया है.
आरोप है कि छत्तीसगढ़ में कांकेर ज़िले के ताड़ावायली गांव में एक आदिवासी महिला को नक्सली बताकर पुलिस ने उनके पति और दो साल की बेटी के साथ गिरफ़्तार कर लिया है.