रेलवे ने अहमदाबाद के कालूपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित 500 साल से अधिक पुरानी हज़रत कालू शहीद दरगाह को बेदख़ली का नोटिस दिया है. इस नोटिस को दरगाह प्रबंधन ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी है. दरगाह प्रबंधन का कहना है कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं कि यह 1947 से पहले की एक मान्यता प्राप्त और अधिकृत संरचना है.
गुजरात में हाल ही में बच्चों को ईद के समारोह में भाग लेने के लिए कहने के बाद कई स्कूलों को माफ़ी मांगनी पड़ी है. कच्छ ज़िले के एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि यह क्षेत्र में सांप्रदायिक अराजकता पैदा करने का प्रयास है.
उत्तरकाशी ज़िले के पुरोला में हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा मुस्लिम और उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने के बाद कई मुस्लिम परिवार क़स्बे से जा चुके हैं. इनमें भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे से जुड़े नेता भी हैं. उनका मानना है कि अगर राज्य सरकार मुसलमानों की मदद की इच्छा रखती, तो ऐसा नहीं होता.
वर्ष 2020 की शुरुआत में पूर्वोत्तर दिल्ली के जाफ़राबाद में हुए दंगों के दौरान हुई झड़पों में कथित संलिप्तता के लिए दिल्ली पुलिस ने तीन साल पहले 9 अप्रैल को गुलफ़िशा फ़ातिमा को गिरफ़्तार किया था. 13 मई 2020 को जब मामले में उन्हें ज़मानत मिल गई तो उन पर एक नई एफआईआर दर्ज कर ली गई.
अक्टूबर 2020 में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली के कैब ड्राइवर मोहम्मद आलम के साथ हाथरस जा रहे थे, जब कप्पन के साथ आलम को भी रास्ते में गिरफ़्तार कर लिया गया था.
हरिद्वार में कई अखाड़ों ने मिलकर 28 दिसंबर को 21 धार्मिक नेताओं की एक कोर समिति का गठन किया है. धार्मिक नेताओं ने बताया कि उन्होंने भारत को 'हिंदू राष्ट्र' में बदलने के अपने अभियान को तेज़ करने का भी फ़ैसला किया है. अब आगे इस तरह की तीन और धर्म संसद अलीगढ़, कुरुक्षेत्र और शिमला में होंगी.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान दो स्कूलों की संपत्ति नष्ट करने के आरोप में गिरफ़्तार 28 साल के इलियास को पांच महीने से अधिक समय बाद ज़मानत पर रिहा किया गया है. उनका आरोप है कि उन्हें मुसलमान होने की वजह से निशाना बनाया गया.