जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान खत्म किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का कदम उठाए जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की कश्मीर घाटी के शोपियां में कुछ लोगों के साथ बातचीत करते हुए तस्वीर सामने आई है.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को समाप्त करने के फैसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि अगर पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल इस फैसले को विश्वासघात बता रहे हैं तो कल्पना कीजिए जम्मू कश्मीर के लाखों आम लोग क्या सोचते होंगे.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने संबंधी राष्ट्रपति का आदेश असंवैधानिक है.
कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला द्वारा दायर याचिका में राज्य की जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करने और उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को रिहा करने की भी मांग की गई है.
मोदी सरकार के इस कदम ने सात दशकों की आधिकारिक नीति को ख़त्म करते हुए देश को अनजान क़ानूनी और राजनीतिक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के हटने का विरोध करते हुए पाक ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को घटाया. कहा- भारत से अपने राजदूत को वापस बुलाएंगे.
लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने से इलाके में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. वहीं, कांग्रेस के बागी नेता और पूर्व विधायक असगर अली करबालाई ने कहा कि हम धर्म, भाषा और क्षेत्र के आधार पर जम्मू कश्मीर को बांटे जाने के खिलाफ हैं.
लगभग 11.8 लाख आदिवासियों और वनवासियों को वन भूमि से बेदखल करने के मामले की सुनवाई करते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नौ राज्यों ने आदिवासियों के दावे ख़ारिज करते समय तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया है.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया गया है. बीते चार अगस्त से कश्मीर घाटी में धारा 144 लागू है और मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं लगभग बंद कर दिए गए हैं. भारत के अन्य राज्यों और विदेश में रह रहे कश्मीरी लोग अपनों का हाल जानने के लिए परेशान. वहीं प्रशासन का कहना है कि हालात शांतिपूर्ण हैं.
कश्मीर घाटी में रह रहे अपने परिवार से बात न होने पाने की वजह से लोग चिंतित. लोगों का कहना है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने ऐसा फैसला किया है जिससे शांति स्थापित होने की जगह आक्रोश और भड़केगा.
सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा मिलने में देरी से महाराष्ट्र के अकोला में जिन पांच किसानों ने खुदकुशी करने की कोशिश की, इसमें से एक मुरलीधर राउत की नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की थी.
लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने कहा कि लद्दाख ने 71 साल तक केंद्र शासित प्रदेश बनने के लिए संघर्ष किया. यहां की भाषा, संस्कृति अगर लुप्त होती चली गई तो इसके लिए अनुच्छेद 370 और कांग्रेस ज़िम्मेदार हैं.
देशभर के कश्मीरी पंडितों ने उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र में शांति का माहौल स्थापित होगा और मूल स्थान पर सम्मान एवं गरिमा के साथ उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा.
महिला कैदी का आरोप है कि यह घटना कथित तौर पर तीन अगस्त को नंदन कानन एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में उस समय हुई, जब उन्हें पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से अदालती सुनवाई के बाद दिल्ली लाया जा रहा था.
पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कहा कि सरकार 8-10 हजार लोगों की मौत के लिए तैयार है. फैसल ने लोगों से सरकार को नरसंहार का मौका न देने और जवाबी लड़ाई के लिए तैयार रहने की अपील की.