उत्तर पूर्व में भारी बारिश की वजह से कई राज्यों में बाढ़ जैसी स्थितियां बन गई हैं. बांग्लादेश की सीमा से लगे मिज़ोरम के लंगलेई ज़िले में जनजीवन अस्त-व्यस्त.
आरटीआई कार्यकर्ता निखिल डे के अलावा चार अन्य लोगों पर अजमेर के एक गांव के सरपंच ने मारपीट करने का आरोप लगाया था.
किसान आंदोलन के दौरान मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुई पुलिस फायरिंग में ज़िले के टकरावत गांव में रहने वाले बबलू पाटीदार की मौत हो गई थी. उनके परिवारवालों से बातचीत.
झारखंड के गिरिडीह में मारे गए व्यक्ति को मज़दूर संगठन समिति व आदिवासी समाज ने बताया निर्दोष, नौ जून को हुई थी मुठभेड़.
किसान आंदोलन में हुई हिंसा के मामले में अब तक कुल 46 एफआईआर दर्ज़ की गई हैं, जिसमें सिर्फ आगजनी, दंगे भड़काने और बर्बरता से संबंधित मुक़दमे दर्ज़ किए गए हैं.
मिज़ोरम की राजधानी आइजोल में गृह मंत्री के दौरे के समय स्थानीय लोगों ने बीफ फेस्टिवल का आयोजन किया.
आयुष मंत्रालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में राज्यमंत्री श्रीपद नाइक द्वारा जारी की गई एक बुकलेट में सेहतमंद शिशु पाने के लिए बुरी संगत से बचने और मन में आध्यात्मिक विचार लाने की सलाह दी गई है.
मेघालय सरकार का तर्क है कि केंद्र की इस अधिसूचना से राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ ही लोगों के खान-पान की संस्कृति प्रभावित होगी.
केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर चुनाव आयोग ने अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 में बदलाव करने की मांग की है.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और मेघालय के प्रमुख समाचार.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने ये बयान देने के बाद माफी मांग ली.
मध्य प्रदेश में चल रहे उग्र किसान आंदोलन के बीच शनिवार से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को इसे ख़त्म कर दिया.
‘जन गण मन की बात’ कार्यक्रम के बाद द वायर आपके लिए लेकर आ रहा है एक नया वीडियो कार्यक्रम ‘मीडिया बोल’. हर सोमवार शाम सात बजे प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश मीडिया और उससे जुड़े मसलों पर चर्चा करेंगे.
पीट-पीट कर मार दिए गए मोहम्मद अख़लाक़ और पहलू खान के अलावा जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के परिवारवालों ने न्याय की मांग की है.
छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सिद्धांतों पर आधारित पार्टी नहीं है, यह केवल आज़ादी पाने का साधन मात्र थी और महात्मा गांधी कांग्रेस के उजाड़ भविष्य के बारे में जानते थे.