नौ नवंबर को कासगंज में अल्ताफ़ नाम के युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया है जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से मौत होने का आरोप लगाया है. अल्पसंख्यक आयोग ने मामले में यूपी प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है.
शीर्ष अदालत कुछ महिला अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें इस साल 25 मार्च के अदालत के निर्णय के बाद भी उन्हें स्थायी कमीशन न देने के लिए सेना के ख़िलाफ़ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई थी. कोर्ट द्वारा अवमानना कार्रवाई को लेकर चेताने के बाद सेना ने कहा कि वह सभी योग्य महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देगी.
सुप्रीम कोर्ट ने फ़रीदाबाद ज़िले के खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए क़रीब दस हज़ार आवासीय निर्माण हटाने का आदेश दिया है. जंगल की ज़मीन पर अनधिकृत निर्माण को ढहाने के मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि उसने बार-बार वन भूमि पर निर्माण को लेकर सवाल उठाया था.
मामला गोरखपुर का है, जहां पुलिस ने दो घरों के ऊपर कथित पाकिस्तानी झंडे फहराए जाने को लेकर ब्राह्मण जन कल्याण समिति की शिकायत पर चार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है. पुलिस के अनुसार, आरोपियों का दावा है कि ये इस्लामिक झंडे हैं और इनका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है.
मद्रास हाईकोर्ट के 200 से अधिक वकीलों ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी के तबादले के प्रस्ताव को देश के चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में ईमानदार व निडर जज के ख़िलाफ़ दंडात्मक क़दम बताया है. 2019 में इसी हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रहीं जस्टिस विजया के. ताहिलरमानी का तबादला भी मेघालय हाईकोर्ट में किया गया था, जिसके बारे में दायर पुनर्विचार याचिका ख़ारिज होने पर उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में यह टिप्पणी गुजरात हाईकोर्ट के उस निर्णय के विरुद्ध दायर अपील पर की, जिसमें उसने राजकोट में एक भूखंड के ख़रीदारों से धन ऐंठने के आरोप में कई लोगों के ख़िलाफ़ दायर प्राथमिकी रद्द कर दी थी. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने ऐसा करते हुए अपनी शक्तियों की ‘सीमाओं का उल्लंघन’ किया.
दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के दंगों के दौरान एक व्यक्ति की कथित हत्या को सुनियोजित हमला बताते हुए चार आरोपियों के ख़िलाफ़ हत्या, दंगा और आपराधिक साज़िश के आरोप तय किए हैं. इन सभी पर आंबेडकर कॉलेज के पास एक व्यक्ति की कथित तौर पर बेरहमी से पिटाई कर हत्या करने का आरोप है.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 3,44,26,036 हैं, जबकि अब तक 4,63,245 लोगों की जान जा चुकी है. विश्व में संक्रमण के कुल 25.25 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और 50.89 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रोहन गुप्ता ने कहा कि कई रिपोर्ट आ चुकी हैं कि फेसबुक के ज़रिये फैलाए जा रहे नफ़रत भरे संवाद और सामग्री, फ़र्ज़ी ख़बरों को रोकने के लिए कारगर प्रयास नहीं किए गए. इस तरह की सामग्री कम होने की बजाय बढ़ गई है. हमारी फेसबुक से मांग है कि वह इसकी स्वतंत्र जांच कराए.
कंगना रनौत ने एक चैनल के कार्यक्रम में कहा कि भारत को ‘1947 में आज़ादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी’ और ‘आज़ादी 2014 में मिली है' जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई. भाजपा सांसद वरुण गांधी समेत कई नेताओं ने इसकी आलोचना की है. कई दलों ने कंगना के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की मांग उठाई है.
एक विशेष अदालत ने सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति समेत तीन अभियुक्तों को एक महिला के सामूहिक बलात्कार और उनकी नाबालिग बेटी के रेप के प्रयास का दोषी ठहराया है. फरवरी, 2017 में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रजापति को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और तब से वह जेल में हैं.
यूपी पुलिस ने शामली की एक लड़की के परिवार की इच्छा के विरुद्ध शादी के मामले में लड़के के भाई और पिता को दिल्ली से स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना गिरफ़्तार किया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने तब यूपी पुलिस के ख़िलाफ़ कार्रवाई की बात कहते हुए उसे काफ़ी फटकारा था.
फ्रांसीसी वेबसाइट मेदियापार के अनुसार, रफाल निर्माता दासो एविएशन ने ‘फ़र्ज़ी बिल’ के ज़रिये बिचौलिए सुषेन गुप्ता को रिश्वत दी थी और 2018 में भारत में इस सौदे में भ्रष्टाचार की आधिकारिक शिकायत मिलने के हफ्तेभर बाद सीबीआई को मॉरीशस के अटॉर्नी-जनरल के कार्यालय से इससे संबंधित कई दस्तावेज़ मिले थे.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि 2020 के अंत तक विस्थापितों की संख्या 8.24 करोड़ से अधिक थी, जिनमें से अधिकतर अपने ही देश में विस्थापित हैं. एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय हिंसा, उत्पीड़न व मानवाधिकार उल्लंघन नहीं रोक पा रहे, जिसके चलते लोग लगातार अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने उन सभी सेवानिवृत्त शिक्षकों की पेंशन और अन्य लाभों को तत्काल जारी करने की मांग की, जिनका बकाया वाइस चांसलर के आदेश पर प्रशासन ने रोक दिया था. शिक्षक संघ का कहना है कि प्रशासन मामले पर अदालत के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है.