दो महिला पत्रकारों ने राजद्रोह क़ानून की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

‘द शिलॉन्ग टाइम्स’ की संपादक पेट्रीसिया मुखिम और ‘कश्मीर टाइम्स’ की मालिक अनुराधा भसीन ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार को ‘परेशान करने के साथ ही बाधित करना’ जारी रखेगी. पत्रकारों ने कहा है कि औपनिवेशिक समय के दंडात्मक प्रावधान का इस्तेमाल पत्रकारों को डराने, चुप कराने और दंडित करने के लिए किया जा रहा है.

मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाली निगरानी तकनीकों पर लगाम लगाएं सरकारें: मानवाधिकार प्रमुख

पत्रकारों, नेताओं और अन्य की जासूसी किए जाने की द वायर और 16 अन्य मीडिया सहयोगियों के खुलासे पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने कहा कि पत्रकार और मानवाधिकार रक्षक हमारे समाज में एक अनिवार्य भूमिका निभाते हैं और जब उन्हें चुप कराया जाता है, तो हम सभी पीड़ित होते हैं.

तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख और अन्य नेताओं को घरों में नज़रबंद करने का आरोप

आरोप है कि तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और मल्काजगिरि से लोकसभा सांसद ए. रेवंत रेड्डी ने ज़मीन की ई-नीलामी में 1,000 करोड़ रुपये की अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सोमवार को धरना करने का निर्णय लिया था, लेकिन इससे पहले ही उन्हें घरों में नज़रबंद कर दिया गया. रेड्डी ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विशेषाधिकार उल्लंघन का मामला उठाया है.

अदालत ने केरल सरकार से बकरीद पर कोविड पाबंदियों में तीन दिन छूट देने पर जवाब मांगा

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 17 जुलाई को पाबंदियों में रियायत की घोषणा करते हुए 21 जुलाई को मनाए जाने वाले बकरीद के मद्देनज़र आवश्यक वस्तुओं के साथ कई अन्य तरह की दुकानों को भी 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक खुले रखने की अनुमति दी है.

मिज़ोरम और असम के बीच सीमा विवाद बढ़ा, अतिक्रमण को लेकर तनाव गहराया

मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के उपायुक्त ने असम के कछार ज़िले के प्रशासन को पत्र लिखा है, जिसमें असम सरकार के अधिकारियों और पुलिस द्वारा 10 जुलाई को सीमा पर गतिरोध के दौरान आदिवासी लोगों पर अत्याचार करने और मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है. वहीं, असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि दोनों राज्यों के बीच 10 जुलाई को तनाव उस समय शुरू हुआ, जब मिज़ोरम के लगभग 25 से 30 लोगों ने असम के

एनएसए के तहत गिरफ़्तार मणिपुर के कार्यकर्ता को रिहा करेः सुप्रीम कोर्ट

मणिपुर के कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम को कोरोना वायरस से मणिपुर भाजपा अध्यक्ष की मौत के संबंध में आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में बीते 13 मई को गिरफ़्तार किया गया था. इस पोस्ट में कोविड-19 के इलाज के लिए गोबर तथा गोमूत्र के इस्तेमाल की आलोचना की गई थी. मई महीने में ही उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन उन्हें अब तक रिहा नहीं किया गया है.

अफ़ग़ानिस्तान ने पाकिस्तान में राजदूत की बेटी के अपहरण के बाद राजदूत को वापस बुलाया

पाकिस्तान में अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत नजीबुल्लाह अलीखिल की 26 वर्षीय बेटी सिलसिला अलीखिल का बीते 16 जुलाई को इस्लामाबाद में अज्ञात लोगों ने अपहरण कर उनके साथ मारपीट और प्रताड़ित किया था. पाकिस्तान ने इस्लामाबाद से अपने राजदूत और अन्य वरिष्ठ राजनयिकों को वापस बुलाने के अफ़ग़ानिस्तान सरकार के फ़ैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण एवं खेदजनक’ बताया है.

नेपाल के नए प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल किया

बीते 13 जुलाई को पांचवीं बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले नेपाली कांग्रेस के 75 वर्षीय प्रमुख शेर बहादुर देउबा ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 मत हासिल किए. देउबा ने नेपाल-भारत संबंधों को मज़बूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है.

बीते एक दिन में कोविड-19 संक्रमण के 38,164 नए मामले और 499 लोगों की मौत

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 31,144,229 हो गई है और मृतकों का आंकड़ा 414,108 पहुंच गया है. विश्व में संक्रमण के 19.04 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और यह महामारी अब तक 40.89 लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है.

हिंदी के प्रमुख अख़बारों ने पत्रकारों, नेताओं और अन्य की जासूसी की ख़बर को नहीं दी प्रमुखता

पेगासस प्रोजेक्ट: 40 से ज़्यादा पत्रकारों, तीन प्रमुख विपक्षी नेताओं, नरेंद्र मोदी सरकार में दो पदासीन मंत्री, न्यायपालिका से जुड़े लोगों, कारोबारियों, सरकारी अधिकारियों, अधिकार कार्यकर्ताओं सहित 300 से अधिक भारतीयों की इज़राइल के एक सर्विलांस तकनीक से जासूसी कराने की ख़बरों को देश की हिंदी पट्टी के प्रमुख अख़बारों ने या तो छापा नहीं है या इस ख़बर को महत्व नहीं दिया है.

मुख्यमंत्री की आपत्ति के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त

इस फ़ैसले के साथ ही कांग्रेस पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के विरोध की अनदेखी करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू का समर्थन करने का स्पष्ट संकेत दे दिया है. पार्टी नेतृत्व को लगता है कि सिद्धू नई ऊर्जा और उत्साह के साथ पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर सकते हैं और अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं.

कश्मीर में पुलिसकर्मियों पर पत्रकार से मारपीट और प्रताड़ित करने का आरोप

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग ज़िले की घटना. स्वतंत्र पत्रकार आकाश हसन का कहना है कि उन्हें उनके पत्रकार होने की वजह से निशाना बनाया गया. उन्होंने कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों को दंडित किया जाना चाहिए, ताकि वह दोबारा ऐसा नहीं करें. पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने इस हमले को अस्वीकार्य और शर्मनाक बताते हुए कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार से पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

भारत में 2014-19 के बीच राजद्रोह के 326 मामले दर्ज हुए, महज़ छह लोगों को मिली सज़ा

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राजद्रोह के इन मामलों में से 141 में आरोप-पत्र दायर किए गए, जबकि छह साल की अवधि के दौरान इस अपराध के लिए महज छह लोगों को दोषी ठहराया गया. सबसे अधिक 54 मामले असम में दर्ज किए गए, लेकिन एक भी मामले में किसी को दोषी नहीं ठहराया गया. मंत्रालय ने अभी तक 2020 के आंकड़े एकत्रित नहीं किए हैं.

लोकपाल से मिलीं शिकायतों की छानबीन के लिए जांच निदेशक की नियुक्ति दो साल से नहीं हुईः सीवीसी

केंद्र सरकार को लोकपाल द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग को भेजी गईं शिकायतों की प्रारंभिक जांच करने के लिए जांच निदेशक की नियुक्ति करनी है. हालांकि भ्रष्टाचार विरोधी संस्था लोकपाल के अस्तित्व में आने के दो साल से अधिक समय के बाद भी केंद्र ने अब तक जांच निदेशक की नियुक्ति नहीं की है.

प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की नागरिकता की जांच की मांग

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नीसिथ प्रमाणिक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से भाजपा सांसद हैं. इससे पहले वह तृणमूल कांग्रेस में थे लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव से पहले वह इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. इससे पहले नीसिथ प्रमाणिक की शिक्षा पर पर सवाल उठे थे. प्रमाणिक द्वारा शिक्षा से संबंधित अपने चुनावी हलफ़नामे और संसद को दी गई जानकारी में अंतर सामने आया था.