असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा द्वारा पेश गो- संरक्षण विधेयक के तहत हिंदू, जैन, सिख बहुल्य इलाकों और गोमांस न खाने वाले अन्य समुदायों वाले क्षेत्रों में गोमांस की खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध का प्रावधान है. साथ ही मंदिर या वैष्णव मठ के पांच किलोमीटर के दायरे में गोमांस खरीदने-बेचने की मनाही है.
वकील ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दी गई अपनी शिकायत में दावा किया है कि पुलिस ने फ़र्ज़ी मुठभेड़ों में छोटे अपराधियों को गोली मारी है. हाल में ऐसी 20 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं. सभी कथित अपराधी ड्रग डीलर, पशु तस्कर, डकैत जैसे छोटे किस्म के अपराधी थे, आतंकवादी नहीं थे. इनके हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित होने की संभावना भी नहीं थी.
असम में साल 2012 में बोडो और बांग्ला भाषी मुस्लिमों के भीषण सांप्रदायिक दंगे हुए थे. इस दौरान विस्थापित हुए एक परिवार की तस्वीर को राज्य सरकार के गृह विभाग ने फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के बारे में जानकारी देते हुए अपने पेज पर लगाया है.
असम में बीते दो महीने में कथित तौर पर हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे क़रीब 12 संदिग्ध अपराधियों को मार गिराया गया है, जिसे लेकर विपक्ष के सवालों के बाद इन्हें उचित ठहराते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि आरोपी पहले गोली चलाए या भागने की कोशिश करे, तो क़ानूनन पुलिस को गोली चलाने की अनुमति है.
असम के संसदीय मामलों के मंत्री पीयूष हज़ारिका ने कहा कि असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 को विधानसभा के 12 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में पेश किया जाएगा. प्रस्तावित विधेयक में राज्य के बाहर से मवेशियों के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. सूत्रों ने कहा कि गोवध या गोमांस के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन हिंदू क्षेत्रों में इसके सेवन के संबंध में कुछ प्रावधान होंगे.
अगरतला में 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों का स्मारक था, जहां हर साल 26 जनवरी तथा 15 अगस्त को राज्य सरकार और सेना की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती थी. इसे यहां से स्थानांतरित करने पर रोष जताते हुए विपक्षी दलों व बांग्लादेश के कुछ बुद्धिजीवियों ने इसे मूल जगह पर वापस लाने की मांग की है.
असम में बीते दो महीने में कथित तौर पर हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे क़रीब 12 संदिग्ध अपराधियों को मार गिराया गया है, जिसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मुठभेड़ों को उचित ठहराते हुए कहा कि आरोपी पहले गोली चलाए या भागने की कोशिश करे, तो क़ानूनन पुलिस को गोली चलाने की अनुमति है.
ये मामला हिमाचल सिंह नामक एक पीएचडी छात्र से जुड़ा हुआ है, जिन्हें पिछले साल एक शिक्षक की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल करने के चलते एक सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया गया था. कोविड-19 महामारी बाद कैंपस खुलने पर उन्हें छह शर्तों के साथ पढ़ने की अनुमति दी गई है. छात्र ने आईआईटी प्रशासन के इस आदेश को गुवाहाटी हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
बीते 10 मई को हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद से ऐसी घटनाओं की संख्या में वृद्धि पर विपक्ष ने आरोप लगाया है कि पुलिस नई सरकार के सामने ख़ुद को साबित करने की कोशिश कर रही है. वहीं, असम पुलिस ने दावा किया है कि उग्रवादियों और अपराधियों ने ही उसके कर्मचारियों को गोलियां चलाने पर मजबूर किया था.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ीं 150 से अधिक मुस्लिम हस्तियों से मुलाकात के बाद कहा है कि वे सभी लोग इस बात पर सहमत थे कि राज्य के कुछ हिस्सों में जनसंख्या विस्फोट राज्य के विकास के लिए ख़तरा उत्पन्न कर रहा है. यदि असम भारत के पांच शीर्ष राज्यों में से एक बनना चाहता है तो अपने जनसंख्या विस्फोट को प्रबंधित करना होगा.
मिज़ोरम सरकार की उस मानक संचालन प्रक्रिया को गुवाहाटी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी लोगों को टीका लगवाना होगा, नहीं तो उन्हें अपने घर से बाहर निकलने, घर से दूर जाकर कमाई करने, सार्वजनिक गाड़ियों की ड्राइविंग इत्यादि की अनुमति नहीं दी जाएगी. अदालत ने कहा कि ऐसा करना संविधान के तहत दिए गए समानता के अधिकार का उल्लंघन है.
म्यांमार के 29 नागरिकों को कथित तौर पर बिना उचित दस्तावेज़ों के मणिपुर में प्रवेश करने के लिए एक महीने पहले गिरफ़्तार किया गया था. इनमें से दो महिलाओं की हिरासत के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण मौत हो गई है. मणिपुर एडीजीपी (जेल) ने कहा है कि क़ैदियों की बेहतर तरीके से देखभाल की गई थी. एक अधिकार समूह ने मामले की जांच की मांग की है.
घटना इंफाल पूर्वी ज़िले की है. एक स्थानीय अख़बार के स्तंभकार के घर के बाहर क़रीब 20 लोगों ने इकट्ठा होकर नारेबाज़ी की और समाचार पत्र की प्रतियां जलाई. इन स्तंभकार ने एक लेख में इंफाल के कांगला किले के अंदर कंगलाशा की प्रतिमा से प्रॉप्स हटाने के लिए उठाए गए क़दमों का उल्लेख किया था.
असम के शिवसागर से विधायक अखिल गोगोई जेल से छूटने के बाद पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया. गोगोई ने विशेष एनआईए अदालत द्वारा जांच एजेंसी की ओर से लगाए गए सभी आरोपों से उन्हें बरी करने को ‘ऐतिहासिक’ क़रार देते हुए कहा कि उनका मामला सबूत है कि यूएपीए और एनआईए अधिनियम का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा हैं. उन्होंने एनआईए को भाजपा नीत केंद्र सरकार का ‘राजनीतिक हथियार’ भी क़रार दिया है.
विभिन्न संगठन सीमा सड़क संगठन द्वारा राजधानी ईटानगर से 75 किलोमीटर दूर अरुणाचल प्रदेश के एक छोटे से शहर किमिन का नाम बदलकर बिलगढ़ करने और इसे असम के हिस्से के रूप में दिखाने पर आपत्ति जता रहे हैं. यह घटना बीते 17 जून को एक कार्यक्रम की है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 20 किलोमीटर लंबी किमिन-पोतिन सड़क और 11 अन्य ऐसी ही परियोजना का उद्घाटन किया था, तब किमिन को असम में दिखाया गया था.