द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
‘गेम्स 24x7’ और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा जारी किए रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान की राजधानी जयपुर तस्करी के शिकार बच्चों के लिए प्रमुख स्थलों में से एक बनकर उभरा है. इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली ज़िले हैं. शीर्ष 10 जिलों की सूची में राष्ट्रीय राजधानी के पांच ज़िले शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ मणिपुर में जातीय हिंसा फैलने के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कुकी जनजाति की दो महिलाओं की याचिका भी शामिल थी, जिन्हें पुरुषों की भीड़ ने नग्न करके घुमाया था. पीठ ने सरकार से पूछा कि घटना 4 मई की थी और ज़ीरो एफ़आईआर 18 मई को दर्ज हुई. पुलिस को इसे दर्ज करने में 14 दिन क्यों लगे?
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) तैयार करने वाले इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज के निदेशक केएस जेम्स को निलंबित किए जाने पर विपक्ष ने कहा है कि सरकार वास्तविक डेटा सामने आने से डरती है और जेम्स को 'बलि का बकरा' बनाया गया है.
जम्मू कश्मीर के प्रशासन द्वारा जारी वर्तमान आदेश की तरह ही पिछले वर्ष भी यहां स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए कहा गया था, जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कॉन्स्टेबल ने महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास एक चलती ट्रेन में अपने एस्कॉर्ट ड्यूटी प्रभारी एएसआई समेत चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. आरोपी की पहचान चेतन कुमार के रूप में हुई है, जिसे गिरफ़्तार कर लिया गया है.
एक कार्यक्रम के दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख सेवानिवृत्त जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि इसमें विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं कहूंगा कि यह निश्चित रूप से है. विभिन्न उग्रवादी समूहों को कथित तौर पर चीन की ओर सहायता कई वर्षों से जारी है.
पुलिस हिरासत के दौरान इलाहाबाद में हमलावारों द्वारा मार दिए गए गैंगस्टर-राजनेता अतीक़ अहमद के वकील विजय मिश्रा को 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह वकील उमेश पाल की हत्या के मामले में गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने दावा किया कि अतीक़ के बेटों मोहम्मद उमर और मोहम्मद अली की भी इसमें भूमिका थी.
उत्तराखंड के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली संयुक्त समिति ने मसूरी शहर की वहन क्षमता पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) को सौंपी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि पर्यटकों का पंजीकरण क्षेत्र की वहन क्षमता, विशेष रूप से उपलब्ध पार्किंग स्थान, अतिथि कक्ष की उपलब्धता आदि के अनुसार किया जाना चाहिए.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए गए लोगों के वकीलों और परिजनों का कहना है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इन मामलों को दैनिक कार्य सूची में इतना नीचे स्थान दिया जाता है कि ये सुनवाई के लिए जज तक पहुंच ही नहीं पाते हैं, जिससे क़ैद से लोगों का बाहर आना चुनौती बना हुआ है.
साक्षात्कार: बस्तर में चल रहे संघर्ष और दमन पर समाजशास्त्री और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर नंदिनी सुंदर की किताब 'द बर्निंग फ़ॉरेस्ट: इंडियाज़ वॉर इन बस्तर' का हिंदी अनुवाद हाल में आया है. क्षेत्र के हालात को लेकर विस्तृत शोध और सलवा जुडूम पर लड़ी गई कानूनी लड़ाई को लेकर उनसे बातचीत.
मणिपुर हिंसा में जान गंवाने वालों में कुकी लोगों की संख्या दो तिहाई, 181 मृतक में 113 कुकी: रिपोर्ट
एक मीडिया रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों का विश्लेषण करके बताया गया है कि मणिपुर में बीते 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में 181 लोग मारे गए हैं, जिनमें कुकी लोगों की संख्या 113 है, जबकि मेईतेई समुदाय के मृतकों की संख्या 62 है. मई की शुरुआत में हिंसा के पहले सप्ताह में 10 मेईतेई लोगों की तुलना में 77 कुकी लोग मारे गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर केंद्र और छह राज्यों - महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश तथा हरियाणा - से जवाब मांगा है. याचिका में दावा किया गया है कि शीर्ष अदालत के 2018 के फैसले में राज्यों को लिंचिंग सहित घृणा अपराधों के ख़िलाफ़ निर्णायक कार्रवाई करने का निर्देश देने के बावजूद मुसलमानों के ख़िलाफ़ ऐसे मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है.
पहलगाम विकास प्राधिकरण के सीईओ ने पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील पहलगाम क्षेत्र के बाहरी इलाके में बनाए जा रहे एक होटल द्वारा उसे मिली प्रशासनिक मंज़ूरी की शर्तों के उल्लंघन के बारे में अनंतनाग के डिप्टी कमिश्नर को बताया था. इसके बाद उनका तबादला कर दिया गया.
रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारी बिना किसी लैंगिक भेदभाव के विशेष बलों में शामिल होने के लिए स्वेच्छा से आवेदन करने की पात्र हैं. उनके अनुसार, कुछ महिला अधिकारियों ने विशेष बलों के प्रशिक्षण के लिए स्वेच्छा से भाग लिया है लेकिन उनमें से कोई भी इसे पास नहीं कर सकीं.