नगालैंड के मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच यह घटना उस समय हुई, जब कुछ दिहाड़ी मज़दूर शनिवार शाम पिकअप वैन से एक कोयला खदान से घर लौट रहे थे. पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन ‘एनएससीएन-के’ के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की सूचना मिलने के बाद इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वैन पर कथित रूप से गोलीबारी की थी. मामले की एसआईटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
साल 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्ज़ा ख़त्म किए जाने के बाद से 250 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि ग़ैर-वन कार्यों के लिए ट्रांसफर किया गया है. ये भूमि पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील है और यहां कई लुप्तप्राय जानवरों की प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें से कुछ इलाकों में रहने वाले लोगों का आरोप है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इन प्रस्तावों को मंज़ूरी देने से पहले यहां की पंचायत समितियों या स्थानीय लोगों से परामर्श नहीं किया
असम के कछार ज़िले में ‘बराक बुलेटिन’ नामक न्यूज़ पोर्टल चलाने वाले पत्रकार अनिर्बान रॉय चौधरी को पुलिस से समन प्राप्त हुआ है. बीते एक दिसंबर को उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि उनके एक लेख के कारण असम के बंगाली और असमिया भाषी लोगों के बीच का भाईचारा बिगड़ सकता है.
पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों के संरक्षण प्राधिकरण ने पेप्सिको इंक के लोकप्रिय आलू चिप्स उत्पाद लेज़ के लिए विशेष तौर से उगाई जाने वाली आलू की एक किस्म के पेटेंट को रद्द करने का आदेश जारी किया है. 2019 में पेप्सिको ने गुजरात के कुछ किसानों पर आलू की किस्म ‘एफसी5’ की खेती करने के लिए मुक़दमा दायर किया था, जिस पर विवाद होने के बाद कंपनी ने वापस ले लिया था.
जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के हैदरपोरा में बीते 15 नवंबर को हुए एनकाउंटर में मोहम्मद आमिर मागरे और तीन अन्य की मौत हो गई थी. पुलिस इनके आतंकी या उनका सहयोगी होने का दावा कर रही है. लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि वे निर्दोष थे. पुलिस ने बीते नवंबर महीने में ही इस एनकाउंटर में मारे गए दो आम नागरिकों के शव उनके परिजनों को लौटा चुकी है.
‘हिंदुत्ववादी’ संगठनों की अतीत की अलोकतांत्रिक करतूतों के चलते उनकी कार्रवाइयां अब किसी को नहीं चौंकातीं. लेकिन एक नया ट्रेंड यह है कि जब भी वे किसी कलाकार के पीछे पड़ते हैं, तब लोकतांत्रिक होने का दावा करने वाली सरकारें, किसी भी पार्टी या विचारधारा की हों, कलाकारों की अभिव्यक्ति की आज़ादी के पक्ष में नहीं खड़ी होतीं, न ही उन्हें संरक्षण देती हैं.
मामला उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले का है, जहां प्रशासन ने 16 दिसंबर 2019 को कथित रूप से एक हिंसक प्रदर्शन में शामिल होने के कारण छह लोगों के ख़िलाफ़ एनएसए के तहत हिरासत आदेश जारी किया था. कोर्ट ने इसे ग़ैरक़ानूनी क़रार दिया है.
भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 8,895 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,46,33,255 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मौत के 2,796 मामलों में बिहार के 2,426 मामले जोड़े गए हैं, जिन्हें रविवार के आंकड़ों में शामिल किया गया. केरल में भी मृत्यु के पिछले 263 मामले शामिल किए गए हैं. इस वजह से देश में संक्रमण से लोगों के दम तोड़ने का आंकड़ा बढ़ गया है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने प्रशासन से भगवान कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद इस इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हालांकि प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान.
वीडियो: रेलवे में भर्ती के लिए एक तरफ़ युवा आंदोलन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति जारी है. इस मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी
वीडियो: कोरोना संकट के बीच सिविल सेवा के हज़ारों प्रतिभागी परीक्षा में बैठने के लिए अयोग्य हो गए हैं. फिलहाल वे दोबारा परीक्षा की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. बीते दिनों उन्होंने राजधानी दिल्ली में इस मांग के साथ प्रदर्शन किया था.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना व प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी भी दी कि सरकार को इस बात की जानकारी नहीं है कि अमेरिका ने एनएसओ ग्रुप को काली सूची में डाला है या नहीं. इज़रायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये नेता, पत्रकार, कार्यकर्ता, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों के फोन कथित तौर पर हैक कर उनकी निगरानी की गई या फिर वे संभावित निशाने पर थे.
दंतेवाड़ा में 'लोन वर्राटू' के तहत पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले कथित पूर्व नक्सलियों के लिए बनाए गए डिटेंशन कैंप ‘शांति कुंज’ का अस्तित्व क़ानूनी दायरों से परे है.
67 वर्षीय विनोद दुआ इस साल कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद से कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. वे अपने कार्यक्रमों में तत्कालीन सरकारों पर सवाल उठाने के लिए जाने जाते थे और हाल के सालों में भाजपा सरकार की आलोचना के बाद भाजपा शासित राज्यों की पुलिस द्वारा उन पर कई मामले दर्ज किए गए थे.
उत्तराखंड के चंपावत ज़िले में बीते 28 नवंबर का हुई घटना. पीड़ित परिवार का कहना है कि दलित रमेश राम को अस्पताल ले जाने से पहले कई घंटों तक शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिसके बाद 29 नवंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया. पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.