जब भी भारत के अतीत और भविष्य पर बात होगी तो नेहरू के वैचारिक खुलेपन की याद आएगी. देश को उस दिशा में बढ़ना होगा जिसकी तरफ़ नेहरू जाना चाहते थे- समावेशी और उदार भारत की तरफ़.
भाजपा प्रत्याशी अमृता रॉय कहती हैं कि ‘सनातन धर्म’ की रक्षा के लिए प्लासी की लड़ाई में सिराजुद्दौला की पराजय ज़रूरी थी. उन्हें शायद नहीं मालूम कि रवींद्रनाथ टैगोर ने कभी सिराजुद्दौला की 'बहादुरी और सादगी' और 'विनम्रता' का उल्लेख किया था.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को जल्द ही लागू करने की बात कहते हुए कहा कि वे लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं ला रहे हैं, केवल उनकी सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं.
2019 के पिछले आम चुनावों के दौरान कुल मतों की पूर्ण संख्या एक मुद्दा थी. इस बार भी प्रत्येक चरण के मतदान प्रतिशत के अंतिम आंकड़े उपलब्ध नहीं कराने के कारण चुनाव आयोग को आलोचना का सामना करना पड़ा है.
विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी शिक्षा अगर कोई है तो वह है दूसरों से हमदर्दी. दूसरे यानी वे जिनसे मनुष्यत्व के अलावा हमारा और कुछ नहीं मिलता: न जेंडर, न धर्म, न भाषा, न राष्ट्रीयता. कविता में जनतंत्र स्तंभ की बाइसवीं क़िस्त.
बस्ती मंडल के तीन लोकसभा क्षेत्रों- बस्ती, संत कबीर नगर और डुमरियागंज में पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी जीती है. हालांकि, इस बार समाजवादी पार्टी ने उसे दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यकों की लामबंदी करके घेरा है.
भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने मल्लिकार्जुन खरगे को बिना किसी नेता का नाम लिए कहा था कि चुनाव प्रचार के दौरान अग्निपथ पर बात करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, क्योंकि सेना के नाम का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के दौरान नहीं किया जा सकता.
बाहुबली धनंजय सिंह और उनकी पत्नी द्वारा नाटकीय ढंग से भाजपा को समर्थन और दो पुराने नेताओं की लड़ाई ने जौनपुर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है.
‘जातिविहीनता’ की सुविधा किसे है कि वह अपनी जाति की पहचान की मुखरता के बिना भी जीवन के हर मरहले पार करता जाए? किसे इसकी इजाज़त नहीं है? कविता में जनतंत्र स्तंभ की इक्कीसवीं क़िस्त.
लोकसभा चुनाव 2024 के कुल 8,337 उम्मीदवारों में से केवल 797 महिलाएं हैं, जो सात चरणों में लड़ने वाले कुल उम्मीदवारों का महज़ 9.5 प्रतिशत है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि प्रज्वल रेवन्ना ने जघन्य कृत्यों की ख़बर सामने आने के तुरंत बाद अपने राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग कर 'आपराधिक कार्यवाही से बचने' के लिए 'अपने राजनयिक विशेषाधिकारों का दुरुपयोग' किया है.
चुनाव आयोग द्वारा अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़े जारी करने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान एक हलफ़नामा पेश करते हुए भारतीय निर्वाचन आयोग ने कहा है कि डेटा को सार्वजनिक करने से उसका दुरुपयोग हो सकता है, जिससे जनता के बीच चुनावी प्रक्रिया पर अविश्वास पैदा हो सकता है.
क्या स्वयंसेवक उस सामाजिक स्वीकार्यता की अनदेखी कर पाएंगे जो मोदी सरकार के कारण उन्हें मिली है? क्या नाराज़ स्वयंसेवक अपने प्रचारक प्रधानमंत्री से दूरी बना पाएंगे? या वे आख़िरकार सामंजस्य कर लेंगे, यह सोचकर कि 2025 के अपने शताब्दी वर्ष में सत्ता से बाहर रहने का जोखिम उठाना बुद्धिमानी नहीं?
जीबी रोड की ज़्यादातर सेक्स वर्कर्स के लिए लोकसभा चुनाव और उसके नतीज़े के कोई मायने नहीं है. उनका कहना है कि सरकार ने उनके लिए सालों से कुछ नहीं किया, इसलिए अब उम्मीद भी नहीं है. यह इलाका चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में आता है, जहां इस बार मुक़ाबला 'इंडिया' गठबंधन से उतरे कांग्रेस के जेपी अग्रवाल और भाजपा के प्रवीण खंडेलवाल के बीच है.
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक ताक़त हासिल करने के आकांक्षी जाति समूहों में अब एक नया नाम सैंथवार समुदाय का जुड़ गया है. सियासी भागीदारी को लेकर गोरखपुर मंडल में सक्रिय यह समुदाय भाजपा का समर्थक माना जाता था, लेकिन टिकट न मिलने पर अब असंतुष्ट है.