लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 95 सीटों पर मतदान शुरू

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में चुनाव वाली 95 सीटों पर 15.8 करोड़ मतदाता कुल 1635 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. इसमें उत्तर प्रदेश की आगरा, मथुरा, नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस और फतेहपुर सीकरी की आठ सीटें शामिल हैं.

बिहार में महागठबंधन के लिए कितने फायदेमंद साबित होंगे ‘सन ऑफ मल्लाह’

बिहार में ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ थी. इस बार मुकेश साहनी महागठबंधन का हिस्सा हैं.

संपादकीयः नफ़रत भरी चुनावी राजनीति पर चुनाव आयोग की चुप्पी भी अपराध है

चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व केवल आदर्श आचार संहिता ही नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि क़ानून को भी बरक़रार रखना है, जिसके तहत प्रधानमंत्री सहित विभिन्न भाजपा नेताओं के नफ़रत भरे भाषण अपराध की श्रेणी में आते हैं.

झारखंड में महागठबंधन ने किसी अल्पसंख्यक को टिकट क्यों नहीं दिया?

झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों के लिए महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा और राजद ने किसी भी अल्पसंख्यक चेहरे को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है.

भाजपा ने मालेगांव धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से​ दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ उतारा

महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए बम विस्फोट में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक आरोपी हैं. वह फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं.

लोकसभा चुनाव: त्रिपुरा पूर्व और तमिलनाडु की वेल्लोर सीट पर मतदान पर रोक

वेल्लोर सीट से डीएमके उम्मीदवार के कार्यालय से कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद मामला दर्ज हुआ, जिसके बाद राष्ट्रपति की मंज़ूरी से यहां चुनाव पर रोक लगा दी गई, वहीं त्रिपुरा में ख़राब क़ानून व्यवस्था का हवाला देते हुए मतदान टाला गया है. दोनों सीटों पर 18 अप्रैल को वोटिंग होनी थी.

विवादित बयानबाज़ी को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू और सतपाल सत्ती के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने एक संप्रदाय विशेष को लेकर विवादित बयान दिया था, जबकि हिमाचल प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था.

नोटबंदी के बाद से देश में 50 लाख लोगों की नौकरियां गईंः रिपोर्ट

रिपोर्ट में बताया गया है कि नौकरी खोने वाले इन 50 लाख लोगों में शहरी और ग्रामीण इलाकों के कम शिक्षित पुरुषों की संख्या अधिक है. पुरूषों की तुलना में महिला इससे अधिक प्रभावित हैं.

मीडिया बोल: चुनाव में कश्मीर- सत्ता का सच या नेता का झूठ

भाजपा और कांग्रेस दोनों के घोषणा-पत्र में कश्मीर को लेकर वादे किए गए हैं. जहां भाजपा ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा, वहीं कांग्रेस ने कश्मीर समस्या के समाधान की बात की. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश कश्मीर को लेकर किए इन वादों पर फिल्मकार संजय काक और वरिष्ठ पत्रकार सैयद नज़ाकत हसन से चर्चा कर रहे हैं.

चुनाव आयोग ने आज़म ख़ान को 72 घंटे और मेनका गांधी को 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोका

समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान ने भाजपा उम्मीदवार जयाप्रदा के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी की थी जबकि केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने एक संप्रदाय विशेष के बारे में विवादित बयान दिया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए यह रोक लगाई.

उत्तर प्रदेश में बसपा द्वारा बांटे गए टिकट जातीय समीकरण साधने की ओर इशारा करते हैं

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों व क्षत्रियों को टिकट देने से पहरेज करने वाली बसपा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिल खोलकर ब्राह्मणों को टिकट दिया है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जातीय समीकरणों को देखते हुए पार्टी प्रमुख मायावती ने ख़ुद ऐसा करने का निर्देश दिया था.

भाजपा को आतंकवाद और राष्ट्रवाद पर गाल बजाना बंद करना चाहिए

कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में आफ्स्पा और राजद्रोह क़ानून में बदलाव की बात कही है, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि आफ्स्पा में सुधार से सेना का मनोबल गिरेगा. सोचने वाली बात है कि अगर सैनिकों के अधिकारों पर यह सीमा तय हो कि किसी भी नागरिक को सिर्फ शक़ के बिना पर मारने, गायब करने या किसी महिला के साथ यौन हिंसा की शिक़ायत होने पर उन्हें क़ानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा तो इसमें सेना का मनोबल कैसे

भाजपा ने रवि किशन को गोरखपुर से, प्रवीण निषाद को संत कबीर नगर से प्रत्याशी बनाया

संत कबीर नगर से सांसद शरद त्रिपाठी को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है. त्रिपाठी पिछले महीने संत कबीर नगर में एक बैठक के दौरान ज़िले की मेंहदावल सीट से भाजपा विधायक राकेश बघेल को जूते से पीटने के बाद चर्चा में आए थे.

हिंदी भाषी क्षेत्र तय करेंगे नरेंद्र मोदी का राजनीतिक भविष्य

2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा की ज़बरदस्त जीत 2019 में दोहराई नहीं जाएगी क्योंकि तब की तुलना में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों में भाजपा अपना आधार खोती नज़र आ रही है.

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