जलवायु परिवर्तन पर आई आईपीसीसी की हालिया रिपोर्ट बताती है कि अगर पृथ्वी के जलवायु को जल्द स्थिर कर दिया जाए, तब भी जलवायु परिवर्तन के कारण जो क्षति हो चुकी है, उसे सदियों तक भी ठीक नहीं किया जा सकेगा. आईपीसीसी इस बात की पुष्टि करता है कि 1950 के बाद से अधिकांश भूमि क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी, हीटवेव और भारी बारिश भी लगातार और तीव्र हो गई है. संयुक्त राष्ट्र ने इसे ‘मानवता के लिए कोड रेड’ क़रार
अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन का टीका भारत में कोविड-19 के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होने वाली पांचवीं वैक्सीन है. कंपनी ने अपने टीके के आपात इस्तेमाल अधिकार के लिए छह अगस्त को आवेदन दिया था और भारत के औषधि महानियंत्रक ने उसी दिन उसे मंज़ूरी दे दी.
इसरो में जासूसी का यह मामला भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम पर कुछ गोपनीय दस्तावेज़ों को दूसरे देशों को दिए जाने के आरोपों से जुड़ा था. वैज्ञानिक नंबी नारायणन को नवंबर 1994 में इसरो के अन्य वैज्ञानिकों और कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ़्तार किया गया था. बाद में सीबीआई ने अपनी जांच में कहा था कि उन्हें ग़लत तरीके से फंसाया गया था. बीते जून में इस मामले में केरल पुलिस 18 कर्मचारियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है.
आंध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले में जन्मीं सिरिशा बैंडला अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में पली बढ़ी हैं. अमेरिका की निजी अंतरिक्ष एजेंसी वर्जिन गैलेक्टिक के ‘यूनिट 22’ के छह सदस्य का एक दल 11 जुलाई को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा. सिरिशा इस दल का हिस्सा हैं.
देश के शीर्ष मौसम वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित शोध पत्र में कहा गया है कि लू अति प्रतिकूल मौसमी घटनाओं में से एक है. अध्ययन के मुताबिक, 1971-2019 में ऐसी ने 141,308 लोगों की जान ली है. इनमें से 17,362 लोगों की मौत लू की वजह से हुई है. लू से अधिकतर मौत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में हुईं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा है कि कोरोना वायरस का भारत में पहली बार पाया गया ‘डेल्टा’ स्वरूप अब तक का सबसे संक्रामक प्रकार है. अब यह स्वरूप कम से कम 85 देशों में फैल रहा है. ग़रीब देशों में टीके की अनुपलब्धता इसके प्रसार में सहायक सिद्ध हो रही है और अमीर देश विकासशील देशों को तत्काल टीका नहीं देना चाहते.
उत्तराखंड के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस फैसले का विरोध करते हुए इसे अवैध ठहराया. संगठन ने कहा है कि एलोपैथी के बारे में जाने बिना आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथिक दवाएं कैसे लिख सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों की इस सबंध में स्पष्ट राय है कि आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथी की प्रैक्टिस नहीं कर सकते, क्योंकि वे इसके योग्य नहीं हैं.
भारत में केरल के एक चिकित्सा केंद्र से सात मामले सामने आए हैं, जहां करीब 12 लाख लोगों को एस्ट्राज़ेनेका टीके दिए गए थे. भारत में इस टीके को कोविशील्ड कहा जाता है. ब्रिटेन के नॉटिंघम में इस प्रकार के चार मामले सामने आए हैं. गुलेन-बैरे सिंड्रोम में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने तंत्रिका तंत्र के एक हिस्से पर हमला करती है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बाहर स्थित तंत्रिकाओं का नेटवर्क है.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप से देश के गांव भी नहीं बच सके हैं. इस दौरान मीडिया में प्रकाशित ख़बरें बताती हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 का प्रभाव सरकारी आंकड़ों से अलहदा है.
कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने एक आरटीआई के जवाब में मिले दस्तावेज़ को साझा करते हुए कोवैक्सीन में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किए जाने का दावा किया था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल केवल वेरो कोशिकाएं तैयार करने और उनके विकास के लिए ही किया जाता है. वैक्सीन के अंतिम रूप में बछड़े का सीरम बिल्कुल नहीं होता.
अमेरिकी खाद्य एवं दवा नियामक (एफडीए) ने भारत बायोटेक के अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक को सलाह दी है कि वह भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल की मंज़ूरी हासिल करने के लिए अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन (बीएलए) पाने के लिए अनुरोध करे. ऐसे में कोवैक्सीन को अमेरिकी मंज़ूरी मिलने में थोड़ा और वक़्त लग सकता है.
कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर को थोड़ा कम करने की बात कहने वाले कुछ अध्ययनों की ख़बरों के संदर्भ में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि इस तरह की चिंताओं पर बिना हड़बड़ी के संतुलित रुख़ की ज़रूरत है. बीते महीनों में कोविशील्ड की खुराकों के बीच का समयांतर दो बार बढ़ाया गया है.
कोविड-19 के इलाज में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव पर सवालों के बीच आयुष मंत्रालय ने घोषणा की है कि वह अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले कोविड मरीज़ों को आयुष 64 और कबसुरा कुदिनेर नामक दो आयुर्वेदिक दवाएं वितरित करेगा.
वीडियो: रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं पर अपने बयान को भले ही वापस ले लिया, लेकिन विवाद अभी ख़त्म होता नहीं दिख रहा है. बीते दिनों इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने एक टीवी बहस के दौरान रामदेव को फ़टकार लगाई थी. डॉ. लेले से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
अति प्रतिकूल मौसम संबंधी घटनाओं पर एक अध्ययन में कहा गया है कि उष्ण कटिबंधीय तूफ़ानों की वजह से मौतों में इस सदी के पहले दशक (2000-09) की तुलना में बाद वाले दशक (2010-19) में करीब 88 फीसद गिरावट आई है. यह शोध-पत्र इस साल के प्रारंभ में प्रकाशित हुआ, जिसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव और अन्य वैज्ञानिकों ने तैयार किया है.