रिज़र्व बैंक ने महाराष्ट्र के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर खामियों को लेकर कुछ पाबंदियां लगाई हैं. इसके तहत जमाकर्ताओं के लिए छह महीने में सिर्फ 1,000 रुपये निकालने की सीमा तय की गई है.
कोयला खनन से जुड़े श्रम संगठन कोयला निकासी क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की केंद्र सरकार की नीति का विरोध कर रहे हैं. अखिल भारतीय कोयला श्रमिक महासंघ ने बताया कि हड़ताल में पूरे भारत से तक़रीबन पांच लाख कर्मचारी शामिल हुए.
पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने कहा कि हम सामूहिक विनाश की कगार पर हैं जबकि आप पैसों और आर्थिक विकास की काल्पनिक कथाओं के बारे में बातें कर रहे हैं. आपकी ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई?
बिहार में भूमि सुधार के तहत भूमिहीनों को ज़मीन का पट्टा दिया गया था. काग़ज़ों पर तो ये लोग ज़मीन के मालिक बन गए हैं, लेकिन वास्तव में अब तक इन्हें ज़मीन का क़ब्ज़ा नहीं मिल सका है.
भारतीय संविधान में स्पष्ट तौर पर भारत को राज्यों का संघ कहा गया है यानी एक संघ के रूप में सामने आने से पहले भी ये राज्य अस्तित्व में थे. इनमें से एक जम्मू कश्मीर का यह दर्जा ख़त्म करते हुए मोदी सरकार ने संघ की अवधारणा को ही चुनौती दी है.
जाधवपुर विश्वविद्यालय की आर्ट्स फैकल्टी स्टूडेंट्स यूनियन ने महिलाओं समेत छात्रों के साथ धक्का-मुक्की और विश्वविद्यालय की संपत्ति को नष्ट करने के लिए एबीवीपी के पांच सदस्यों के ख़िलाफ़ भी शिकायत दर्ज कराई है.
वीडियो: बीते दिनों कॉमन कॉज़, लोकनीति और सीएसडीएस संगठनों ने देश के 12 हज़ार से अधिक पुलिसकर्मियों पर किए गए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी की. इसमें बताया गया है कि देश में कानून और व्यवस्था की ज़िम्मेदारी संभालने वाले पुलिसकर्मी क्या सोचते हैं और किन परिस्थितियों में काम करते हैं. रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बता रही हैं रीतू तोमर.
जिस देश में यह कहावत हो कि ‘कोस-कोस पर बदले पानी और चार कोस पर वाणी’, वहां हिंदी बनाम तमिल या अन्य प्रांतीय भाषाओं का विवाद ही ग़लत है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक विशेष रिपोर्ट में बाघों की गिनती की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बताया गया है कि सरकार द्वारा बताई गई बाघों की संख्या असल बाघों से ज़्यादा है.
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस विजया के. ताहिलरमानी का तबादला मेघालय हाईकोर्ट में होने पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था.
राजद्रोह का गंभीर आरोप यह बताता है कि सरकार ट्रोल्स से सहमत है कि शेहला एक ख़तरनाक इंसान हैं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला के ख़िलाफ़ जन सुरक्षा क़ानून के तहत दर्ज मामले में उन पर आतंकवादियों और अलगाववादियों का महिमामंडन करने वाले बयान देने का आरोप लगाया गया है.
एनएसए के दावे के अनुसार अगर अनुच्छेद 370 पर कश्मीर के लोग पूरी तरह से सरकार के साथ हैं, तो उनके नेताओं के बड़ी सभाओं को संबोधित करने की संभावना से सरकार को डर क्यों लग रहा है?
हड़ताल मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन के खिलाफ बुलाई गई थी. संगठनों ने सड़क यातायात जुर्माना में हुई बढ़ोतरी समेत अधिनियम के कुछ अन्य प्रावधानों को वापस लेने की मांग की है.
15वें वित्त आयोग के केंद्रीयकरण की कोशिशों पर रोक लगनी चाहिए.