संसद में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की है. वे प्रभावी कार्रवाई करें क्योंकि क़ानून और व्यवस्था राज्यों का विषय है.’
ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के औरंगाबाद में मार्च महीने में रामनवमी के समय हुई सांप्रदायिक हिंसा में कई दुकानों में लूटपाट कर आग लगा दी गई थी. उस समय नीतीश सरकार ने पीड़ित दुकानदारों को मुआवज़ा देने की बात कही थी, लेकिन चार महीने बाद भी ज़्यादातर दुकानदारों को एक रुपया भी मुआवज़ा नहीं मिला है.
असीम साहनी जम्मू के चर्चित वकील एके साहनी के बेटे हैं, जो कठुआ मामले के आरोपियों के प्रमुख वकील हैं. असीम भी मामले में आरोपियों की ओर से पेश हो चुके हैं.
ज़ी हिंदुस्तान टीवी चैनल के एक कार्यक्रम में तीन तलाक़ का विरोध करने वाली निदा ख़ान को फ़तवा जारी किए जाने पर हो रही लाइव बहस के दौरान क़ासमी और सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट फ़राह फ़ैज़ के बीच मारपीट हो गई.
सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट ने कहा अगर हमें लगता है कि कहीं मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है, तो ये मौलिक अधिकार अदालत को अधिकार देते हैं कि ऐसे क़ानून को निरस्त किया जाए.
मायावती ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जय प्रकाश सिंह को बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा, ‘सिंह द्वारा कही गई बातें उनकी व्यक्तिगत सोच की उपज है, बसपा की नहीं.’
विशेष रिपोर्ट: प्रधानमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम से लौटते समय सड़क दुर्घटना में हुई वैकुंठी जाटव की मौत. किसी योजना में लाभार्थी नहीं थीं मृतक. छत बनवाने का लालच देकर बुलाया था जयपुर.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में गोहत्या के शक में भीड़ द्वारा किए हमले में बुरी तरह घायल हुए समीउद्दीन को महीने भर बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है. उनका कहना है कि वे मामले के चश्मदीद हैं, लेकिन पुलिस उनका बयान नहीं ले रही है.
दूध की कीमत में पांच रुपये की वृद्धि और इससे बनने वाले पाउडर को अनुदान देने की है मांग. कई जगहों में दूध के टैंकरों का आवागमन बाधित किया. विपक्ष ने समर्थन में किया सदन से बर्हिगमन.
अयोध्या में सरयू के जल से वजू करने और उसके ही तट पर नमाज़ पढ़ने के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कथित सौहार्द कार्यक्रम से आरएसएस के पल्ला झाड़ने के बाद पूरे आयोजन में बदलाव कर दिया गया.
अमर्त्य सेन कह चुके हैं कि भारतीय मीडिया तेज़ी से अमीरों का पक्षधर होता जा रहा है, बीते महीने हुए किसान आंदोलन की हिंदी अख़बारों में कवरेज सेन के कथन की पुष्टि करती है. आंदोलन के दौरान अख़बारों की चिंता किसानों की समस्याएं, उनकी दयनीय हालत और हालत के लिए ज़िम्मेदार लोगों के बजाय आंदोलन के चलते उत्पादों की बढ़ी कीमतें और इससे शहरों में हुई परेशानी रही.
सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि हमने मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगाने का सोचा है. हम अब तक नजीब अहमद का पता नहीं लगा पाए हैं. लेकिन, अन्य पक्षों का आकलन करने का एक और प्रयास कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री जैसे और भी कई हैं जो एक संपन्न और शिक्षित पृष्ठभूमि से आते हैं, जो दिखते उदारवादी हैं लेकिन जिनके मन में सांप्रदायिक सड़ांध भरी होती है.
बेस्ट ऑफ 2018: प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने अपने बेशकीमती चार साल मुकेश अंबानी जैसे उद्योगपतियों व उनके परिवारों के प्रति अनुराग के प्रदर्शन और आम देशवासियों के तिरस्कार व ‘सबका साथ सबका विकास’ के अपने नारे के द्वेषपूर्ण क्रियान्वयन में बर्बाद कर दिया है.
झारखंड के रामगढ़ में बीते साल गोमांस रखने के संदेह में हुई अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या के दोषियों को ‘न्याय’ दिलाने की जयंत सिन्हा की मुहिम के बीज हजारीबाग में सिन्हा परिवार की राजनीति में छिपे हैं.